पश्चिम चंपारक मोबाइल वानी के सभी श्रोताओं को नमस्कार आप सुन रहे हैं कि मैं आशुतोष कुमार कुशवाहा हूँ जो माधवानी ब्लॉक से हैं मजदूरों को मनरेगा के तहत काम नहीं मिला । विलय के कारण मनरेगा पर निर्भर सभी लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । उन्हें मनरेगा से कोई काम नहीं मिल रहा है , न ही उन्हें रोजगार मिल रहा है । इसलिए , आपको अपनी आजीविका के लिए रोजगार नहीं मिलने के कारण बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ।

मैं , आशुतोष कुमार कुशवाहा , वसंत चंप और मोबाइल वाही के सभी श्रोताओं को बधाई देता हूं । सबसे अच्छा और सबसे अच्छा होगा कि खेत को उपजाऊ बनाया जाए और पौधों का अच्छी तरह से पालन - पोषण किया जाए । वर्मी - कम्पोस्ट खाद डालने से पौधा भी स्वस्थ रहेगा और उस पौधे से जो भी फल आएगा वह मनुष्यों और उस पौधे के किसी भी व्यक्ति के लिए अच्छा होगा । कोई बीमारी नहीं होगी , अगर कोई बीमारी नहीं होगी तो उन लोगों का पैसा बचेगा , समय बचेगा ।

मेरा नाम रामपीरित कुमार है , मैं एक किसान हूँ जो वहाँ किसान के रूप में पंजीकृत है , लेकिन अब तक हमें खेती के लिए पैसे नहीं मिल पाए हैं ।

बिहार राज्य के पश्चिम चम्पारण से जयंती कुमारी जमुनिया पंचायत से मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि उनका राशन कार्ड में नाम नहीं है ,इनकी समस्या का समाधान किया जाए

जीविका परियोजना द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त व स्वावलंबी बनाने की प्रयास जारी। महिला अपने समूहों से आर्थिक मदद लेकर कर सकती है रोजगार और बन सकती लखपति आईये जाने सूने और समझ कर कदम आगे बढ़ाये। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार राज्य के पश्चिम चम्पारण जिला से अशोक शास्त्री ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सरकारी/गैरसरकारी विद्यालय में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले तमाम अभिभावकों से अपील - आप बने जागरूक और जिम्मेदार और अपने बच्चों सहित संबंधित विद्यालयों पर रखे नजर अन्यथा आपके बच्चों का भविष्य हो सकता है अन्धकार में।

सी.सी, ए.सी, और बी.पी.एम.सहित जीविका में काम करने वाले सभी कैडर को भी उन्हीं लोगों की तरह मानधन देने पर विचार हो।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

नाम हिकायती देवी,सिरीसिया से बोल रहे है अभी तक शौचालय और आवास योजना का लाभ नही मिल पाया है....

जानकी देवी बोल रही हैं, शौचालय का पैसे नहीं मिल रहे है

मैं राकेश कुमार वर्मा ग्राम जनपद युवक मैं मोबाइल वॉयस के माध्यम से बताना चाहता हूं कि बिहार में केंद्र सरकार द्वारा एक लाख करोड़ रुपये दिए गए थे । और एक करोड़ उनासी लाख परिवारों को , जिनके पास आयुष्मान कार्ड हैं , यानी पांच लाख तक के स्वास्थ्य कार्ड बनाने का लक्ष्य लगभग एक करोड़ 21 लाख परिवारों का है । शेष 58 लाख परिवारों को मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार द्वारा जल आरोग्य योजना के तहत यह पाँच लाख का बीमा कवर प्रदान किया गया है । ऐसा इसलिए किया जाएगा क्योंकि केंद्र सरकार ने इसके माध्यम से 1.2 करोड़ परिवारों के लिए स्वास्थ्य कार्ड बनाया है और आप जानते हैं कि यह स्वास्थ्य कार्ड किसके लिए है । यह उन लोगों के लिए बनाया गया है जो राशन कार्ड के माध्यम से हर महीने पांच किलोग्राम खाद्यान्न लेते हैं , यह जन आरोग्य कार्ड या आयुष्मान कार्ड उनके लिए बनाया गया है । प्रति संख्या पाँच किलोग्राम अनाज पाने वाले लोगों की संख्या का लाभ उस सदस्य द्वारा उठाया जाएगा । आपको पांच लाख तक का मुफ्त इलाज मिलेगा । आपको उस डॉक्टर के पास पंजीकृत किया जाएगा जिसके पास यह है । जब कोई सुविधा होगी तो आप वहां अपनी जांच कराएंगे , आपका इलाज होगा , यानी अब गरीब बिना पैसे के बीमारी से नहीं मर सकता , इसलिए देश में एक बड़ी सरकार है ।