उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से स्थानीय निवासी ऋचा से बातचीत की। उन्होंने बताया कि महिलाओं को अभी तक अपने अधिकारों के बारे में पता नहीं है, महिलाएं शिक्षित हो रही हैं लेकिन फिर भी उनमें कहीं न कहीं अपने अधिकारों के बारे में जितनी जागरूकता होनी चाहिए वो उन्हें नहीं है। एक महिला को साल में कितने त्योहार हैं , कितने व्रत रखने हैं इसकी जानकारी है लेकिन अगर उनसे पुझा जाये कि सरकार महिलाओं को कौन -कौन अधिकार दे रही है,तो इसकी जानकारी उन्हें नहीं होती है।यदि महिलाओं को भूमि का अधिकार नहीं मिल रहा है तो इसका सबसे बड़ा कारण यही है कि महिला अभी तक अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं हैं। महिलाओं को पुरुषों और महिलाओं के समान अधिकार मिलने चाहिए। जितना हक़ पुरुषों का होता है उतना ही हक़ महिलाओं का भी होना चाहिए। महिलाओं को शिक्षित होना बहुत जरूरी है ताकि पुरुष उन पर किसी प्रकार का दबाव न बना सके।आज भी समाज में महिलाएं स्वतंत्र नहीं हैं, उन्हें बार-बार दबाया जाता है लेकिन ऐसा यदि कही होता है तो सबसे बड़ी कमी समाज की है। आज महिलाओं को जो सबसे बड़ा डर है वह समाज का भी है कि लोग क्या कहेंगे, सबसे पहले यह डर दूर किया जाना चाहिए और महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए