उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से शशांक से बातचीत की। बातचीत में शशांक ने बताया कि अब यह भाई-बहन की आपसी सहमति पर निर्भर करता है क्योंकि अगर भाई-बहन का रिश्ता बहुत मजबूत है या बहुत समझौता करने वाला है, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसा होना चाहिए, लेकिन अगर भाई के मन में हितों का टकराव हो या भाई के मन में लालच की भावना हो, वह चाहे कि उसे अधिक अधिकार मिले या न मिले, तो मनमुटाव हो सकता है। आप इसमें किसी को दोष नहीं दे सकते क्योंकि यह सोच पर निर्भर करता है कि भाई का बहन के प्रति सोच कैसी है, अगर वो अच्छा सोच रखता है तो उसे फिर से संपत्ति मिलनी चाहिए, फिर कोई संघर्ष नहीं होता, लेकिन अगर वह सोचता है कि नहीं, अधिकार मेरा होना चाहिए, तो संघर्ष होगा, कई विवाद होंगे, इससे फर्क पड़ेगा, तो यह सोच का फेरबदल है।