उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि हमारा समाज भी महिलाओं को भूमि अधिकारों से वंचित रखने के लिए बहुत इच्छुक है।पुरूषों का कहना है कि महिलाएं केवल घर पर खाना बनाती हैं। वे वहाँ बच्चों का पालन-पोषण करने और उन्हें चारदीवारी में कैद रखने के लिए हैं ताकि महिलाएं आगे बढ़कर अपने लिए कुछ न कर सकें। अगर वे अशिक्षित रहती हैं, तो महिलाएं अपने अधिकारों के लिए नहीं लड़ सकतीं। महिलाओं को भी पुरुषों द्वारा प्रताड़ित किया जाता है। आजकल सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, फिर भी गाँव की महिलाएं अपने अधिकारों के लिए इन सब बातों से अनजान हैं। इसके लिए लड़ने में सक्षम नहीं होना, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि महिलाओं में शिक्षा आवश्यक है। जब वे शिक्षित होंगे तभी वे अपने अधिकारों के लिए लड़ सकते हैं। उन्हें भी संपत्ति का बराबर हिस्सा मिलना चाहिए।