उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं को भूमि अधिकार संयुक्त स्वामित्व के माध्यम से व्यक्तिगत मिल सकता है।मान्यता देकर यह भूमि पर पुरुषों के हक के बराबर महिलाओं के हक़ को मान्यता देता है।पति और पत्नी दोनों का हक़ होना चाहिए। बताया जाता है कि महिलाओं का एक तिहाई प्रतिनिधित्व होना चाहिए इससे पुख्ता में उन्हें आजीविका में मदद मिलती है। क़ानूनी दावों का सत्यापन और अनुमोदन प्रक्रिया में ग्राम को सलाह देता है'दुनिया भर में भारत की महिलायें सामाजिक आर्थिक रूप से सबसे अधिक पिछड़ी हुयी हैं। ऐसे में अगर महिलाओं के पास जमीन का अधिकार रहता है तो वे अपना जीवन अच्छे से चला सकती हैं