उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं को भूमि अधिकार जरूरी है। जिससे वे अपने आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान कर सके। भूमि पर निर्भर है भूमि पर निर्भर रहने वाले को शामिल कर लिया है। भूमि हिन् महिलाओं के बड़े तबके को अपने दायरे में लाता है जो खेती पशु पालन म,अध्यात्म से अपने आजीविका चलाते हैं। पुनर्वास का अधिकार देता है यह भूमि अधिनियम विधवाओं ,तलाक सुधा और प्रीतक महिलाओं को अलग परिवार होने की मान्यता देता है। इससे महिलाओं के भूमि अधिकार के कारण भी शसक्त होते हैं। यह अधिनियम एकल महिलाओं के अधिकार को मान्यता देता है । मुवावजे में मिलने वाली जमीन से सम्बंधित प्रक्रिया भी समावेशी है क्यूंकि इसमें मुवावजे में मिलने वाली जमीन को प्रभावित परिवार में पति और पत्नी को दोनों ही परिवार में अपना जीवन व्यतीत कर सकती है