महिलाओं का हमेशा भूमि का अधिकार वंचित समाज रख रहा है। समाज में हर जगह नौकरी में आने-जाने का अधिकार दें ताकि जो गरीब हैं वे जागरूक हों और जो अनजान हैं वे भी दिखाई दें। महिलाओं का सम्मान करें, महिलाओं को अधिकार दें, जागरूकता की कमी हो, जागरूकता पैदा करें, समाज और उन लोगों को जागरूक करें

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भूमि पर महिलाओं का अधिकार बहुत कम रहा है, पहले कुछ भी नहीं था। महिलाओं के अधिकारों को धीरे-धीरे सरकार के कानून के तहत लाया गया जिसमें कुछ समाज को पता नहीं था कि महिलाएं अब हर तरफ कुछ न कुछ देखा जा रहा है कि महिला के नाम को भी जमीन की संपत्ति का अधिकार मिल रहा है। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में पिछड़े वर्गों में यह बहुत देखा जाता है कि लोग महिलाओं को नहीं समझते हैं। आज भी उन्हें डर है कि अगर महिलाओं के नाम का इस्तेमाल किया जाए।

उत्तरप्रदेश राज्य के मऊ जिला से सुरेन्द्रनाथ यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिला आंदोलन पर आंदोलन होना चाहिए परिवार को एकजुट करने, परिवार चलाने के लिए सामाजिक परिवर्तन हमेशा होता है और परिवार में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है कि सभी को भूमि पर समान अधिकार मिलना चाहिए। अगर इस देश में महिलाओं को भूमि पर अधिकार मिलना शुरू हो जाता है, तो एक दिन ऐसा आएगा जब पुरुष प्रधान देश में सभी एक धागे में बंध जायेंगे । यह भी माना जा रहा है कि इससे समाज और देश को भी लाभ होगा क्योंकि ऐसे कई परिवार हैं जहां भूमि अधिकार नहीं मिलने के कारण बेटियों को घर में बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए सभी को समान समर्थन मिले, अगर ऐसा होता है तो महिलाओं और पुरुषों में कोई मजबूरी नहीं होनी चाहिए।

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उत्तर प्रदेश राज्य के मऊ जिला से रमेश कुमार यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं को भूमि अधिकारों से वंचित किया गया है।पिता के संपत्ति पर बेटियों का भी अधिकार है। लेकिन धीरे-धीरे इन प्रणालियों को सरकार से लेकर अदालत तक लागू किया गया। यह कानूनी रूप से बाध्य था कि महिलाओं को भूमि पर पुरुषो के समान अधिकार होने चाहिए, लेकिन आज भी उन्हें पूर्ण अधिकारों से वंचित किया जाता है।

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उत्तर प्रदेश राज्य के मऊ जिला से रमेश कुमार यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि पेड़ो की अँधा धुंध कटाई के कारण इस साल गर्मी का कहर हमें देखने को मिला

उत्तर प्रदेश राज्य के मऊ जिला से रमेश कुमार यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि समाज पुरुषों और महिलाओं के बीच भेदभाव करता है और महिलाओं को हर अधिकार से वंचित करता है। अधिकारों का स्वामित्व हर जगह जमा हो रहा है, जबकि महिलाओं को किसी भी अधिकार से वंचित किया जा रहा है।

उत्तरप्रदेश राज्य के मऊ जिला से सुरेन्द्रनाथ यादव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि इस समृद्ध देश में पुरुषों से लेकर महिलाओं को सरकार ने धीरे-धीरे स्वामित्व का पूरा अधिकार दिया। समाज भी अब महिलाओं को उनका अधिकार देने की कोशिश कर रहा हैं और इस पर सर्वश्रेष्ठ प्रयास भी किया जायेगा । परिवार में सभी निर्णय लेने का अधिकार में केवल पुरुषों का योगदान होता है, लेकिन अब हमें अपनी सोच बदल कर महिलाओं को आगे लाना होगा और धीरे-धीरे किसी भी निर्णय लेने में महिलाओं से भी परामर्श किया जाना चाहिए।