मोबाइल वाणी और माय कहानी की खास पेशकश कार्यक्रम भावनाओं का भवर में।दोस्तों, कहा जाता है कि जीवन में खुश रहना स्वास्थ्य के लिए बेहद जरुरी होता है। खुश रहने से हमारे मन मस्तिष्क में एक नई और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जो इंसान को हर पल तरोताज़ा महसूस कराता है साथ ही हमें मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहने में मदद भी करता है। आज के तनाव भरी दिनचर्या में मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना हर किसी के लिए बेहद ही महत्त्वपूर्ण है । क्यूंकि मानसिक विकार किसी की गलती नहीं इसलिए इससे जूझने से बेहतर है इससे जुड़ी पहलुओं को समझना और समाधान ढूंढना। तो चलिए फिर, आज की कड़ी में जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर खुश रहने के कौन कौन से तरीके होते हैं और इससे क्या फायदे हैं । अभी हमने सुना कि जीवन में खुश रहना क्यों जरुरी है और कैसे खुश रह सकते हैं। अब आप हमें बताएं कि आप खुद को खुश और तनाव मुक्त रखने के लिए क्या करते हैं। यानि कि आपके खुश रहने के पीछे क्या राज छिपा है ?साथ ही लोगों को अपने मन को खुश और तनाव मुक्त रखने के लिए क्या करना चाहिए ? जिससे वे किसी भी मुश्किल घड़ी का सामना आसानी से कर सके बिना किसी मानसिक दबाव के अपनी राय और प्रतिक्रिया जरूर साझा करें अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर। साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें https://www.youtube.com/@mykahaani

नए साल के शुरू होते ही लोगों में उमंग भरने को पतंगों का त्यौहार आज मनाया जा रहा है। जी हाँ साथियों , भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है पतंगों का त्यौहार यानि मकर संक्रांति का पर्व । विभिन्न परम्पराओं और मान्यता के अनुसार अलग अलग जगहों में यह त्यौहार मनाने का तरीका अनोखा है।मकर संक्रांति का त्यौहार विभिन्न संस्कृति के महत्व को दर्शाता है। साथियों ,हर एक त्यौहार लोगों को करीब लाता है और आपसी प्रेम बढ़ाता है। इस त्यौहार आप सभी एक दूसरे के जीवन में गुड़ की तरह मिठास भरे और एक दूसरे की खुशियों का कारण बने। इस पावन अवसर पर आप सभी श्रोताओं को मोबाइल वाणी परिवार की ओर से मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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उत्तर प्रदेश राज्य के मऊ जिला से रमेश कुमार यादव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि समाज महिलाओं को भूमि का अधिकार नही देना चाह रहा है। हमारा देश पुरुष प्रधान है और महिलाओं का कद्र नही किया जा रहा है। पुरुष हर जगह अपना वर्चस्व रखना चाहता है। पुरुष महिलाओं को अधिकार या हक़ देना नही चाहते हैं। सरकार को सुनिश्चित करनी चाहिए कि महिलाओं को सम्मान मिले तथा हर जगह पुरुषों के बराबर अधिकार मिले।

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उत्तरप्रदेश राज्य के मौ जिला से रमेश कुमार यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि बारिश का आधा समय खतम हो गया है और अभी तक मानसूनी बारिश नहीं हुई है जिसके कारण किसान परेशान हैं उनके फसल बर्बाद हो रहे हैं। धान पानी के बिना सुख रहा है किसान पानी चला रहे हैं लेकिन उसका कोई मतलब नहीं है। बारिश नाममात्र भी नहीं है। वहीँ घाघरा नदी में उफान आ रहा है घाघरा नदी के किनारे बसने वाले लोग बाढ़ से घिर चुके हैं उनके धान की खेती पानी के वजह से गल गया है गन्ने की खेती खत्म हो गयी है। लोग अपने जानवरों के साथ दूसरे जगह भाग रहे। सड़कों में पानी भरने के कारण बच्चे विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं

उत्तरप्रदेश राज्य के मौ जिला से रमेश कुमार यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं को समाज द्वारा भूमि के अधिकार से वंचित किया जाता है। यह वह समाज है जो महिलाओं के नाम पर भूमि लिखने के लिए तैयार नहीं है और न ही अपने अधिकार अर्जित करने के लिए उन्हें अपना सही हिस्सा देने के लिए तैयार है। जैसे एक माँ के अगर एक लड़की और एक लड़का है, तो लड़के का भूमि पर अधिकार है, लेकिन वहीँ लड़कियों को भूमि के अधिकार से वंचित किया जाता है। वह उन्हें यह देने के लिए सहमत हो जाता है कि हम लड़कियों के नाम पर जमीन नहीं देंगे, लड़कियों को जमीन में हिस्सा नहीं दिया जाएगा, लेकिन यह कानूनी रूप से ऐसा नहीं होना चाहिए लड़का या लड़की दोनों को हिस्सा मिलना चाहिए। दोनों को समान अधिकार हैं, अगर लड़की भी चाहे तो वह अपने माता-पिता की भूमि संपत्ति में आधा हिस्सा बन सकती है और समाज को भी इसकी आवश्यकता है। महिलाओं के नाम पर भी भूमि अधिग्रहण किया जाए, उन्हें भी भूमि का एक हिस्सा दिया जाए, यह भूमि स्वामित्व की बात है कि महिलाओं को हर जगह समाज द्वारा रोका जाता है। लड़कियों को बहुत कम लोगों द्वारा पढ़ाया जाता है जबकि लड़कों को अच्छे स्कूलों में पढ़ाया जाता है।