उत्तर प्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर जिला से राहुल गुप्ता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि 2024 में विश्व पर्यावरण दिवस का नारा है "हमारी भूमि हमारा भविष्य" .हमारे देश में लोग गन्दगी फ़ैलाने में माहिर हैं। ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्यवाई होनी चाहिए। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे ऑनलाइन फ्रॉड के बारे में।

हर साल 5 जून का दिन दुनियाभर में विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1972 में पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने की थी। प्रकृति को प्रदूषण से बचाने के लिए पर्यावरण दिवस को मनाया जाता है. इस दिन लोगों को प्रकृति के प्रति जागरूक किया जाता है और प्रदूषित होने से बचाने के लिए प्रेरित किया जाता है.हर वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस के लिए एक अलग थीम निर्धारित की जाती है। इस वर्ष (2024) विश्व पर्यावरण दिवस की थीम है, "भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण, और सूखा लचीलापन।" यह स्वस्थ भूमि को वापस लाने,और पानी की कमी का प्रबंधन करने से जुड़ा है ।

उत्तरप्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर ज़िला से कीर्ति सिंह ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दे रही है ।पीपल और नीम,बरगद के पेड़ को लगाना चाहिए। जिससे पर्यावरण संतुलित रहे

यह नौकरी उन लोगों के लिए है, जो इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई के द्वारा निकाली गई ट्रेड अपरेंटिस के रिक्त पदों पर कार्य करने के लिए इच्छुक हैं. इन पदों पर कुल 1010 रिक्तियां निकाली गई हैं। इन पदों पर वेतन मान नियमानुसार दिया जायगा। वैसे उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से दसवीं के साथ आई टी आई पास किया हो। साथ ही आवेदन कर्ता की आयु 15 से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए । इन पदों के लिए आवेदन शुल्क सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग के लिए 100 रूपये तथा अन्य वर्ग के लोगों महिलाओं एवं दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बिल्कुल निःशुल्क है। इच्छुक उम्मीदवार को अपना आवेदन ऑनलाइन भरना होगा । आवेदनकर्ताओं का चयन मेरिट लिस्ट के आधार पर किया जायगा । अधिक जानकारी के लिए आवेदन कर्ता इस वेबसाइट पर जाकर जानकारी ले सकते हैं, वेबसाइट है https://pb.icf.gov.in । याद रखिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 21-06-2024 है।

दोस्तों , सूरज की तपन बढ़ रही है और प्यास है कि खत्म होने का नाम नहीं लेती! हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में पीने के पानी का साधन क्या है? क्या आप प्राकृतिक स्त्रोतों, जैसे कुएं, तालाब, पोखर से पानी लाते हैं? अगर आपके क्षेत्र में पानी के प्राकृतिक स्त्रोत नहीं हैं तो क्या पानी के लिए बोरवेल लगवाया है? या फिर पानी की सप्लाई हो रही है? क्या आपको पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है? अगर ऐसा है तो इससे आपके लिए कितना आर्थिक खर्च बढ़ गया है? क्या पंचायत या नगर पालिका क्षेत्र के प्राकृतिक पानी के स्त्रोतों को बचाने का काम नहीं कर रही है? क्या आपमें से कोई व्यक्ति ऐसा है, ​जो पानी के स्त्रोतों को बचाने की कोशिश कर रहा है? अगर है तो उनके प्रयासों के बारे में बताएं. अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

उत्तरप्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर से कृति सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हम जानते हैं कि पानी जीवन है, पानी की बचत करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आपने सुना होगा कि पानी की कमी है। हम आपसे इस बारे में बात करेंगे कि अपने बर्तनों और अन्य वस्तुओं को सिंक या बड़े पात्र में कुछ पानी से भरकर धोये। इससे पानी को बचाया जा सकता है

उत्तरप्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर से कृति सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज कल लोग भविष्य की चिंता किये बिना ही वनों को काटते जा रहे है, और वनों की भूमि पर नगर बसाये जा रहे है। पेड़ो की कटाई ही वातावरण में बदलाव का मुख्य कारण है

उत्तरप्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर से कृति सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारतीय शहरों की स्वरूप बहुत बदल गई है। यहां की हरियाली दिन-ब-दिन कम हो रही है। कई पेड़ काटे जा रहे हैं। इमारतों की संख्या बढ़ रही है। घरों में कंक्रीट का उपयोग बढ़ रहा है। पक्की सड़कों का विस्तार तेजी से हो रहा है। ऐसा हो रहा है और इसलिए तापमान उसी गति से बढ़ता है, ऐसी स्थिति में शहर को आपका अर्बन हीट आइलैंड या हीट आइलैंड कहा जाने लगा है।

उत्तरप्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर से कृति सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि वन महोत्सव हमारे मन में प्रकृति की पूजा की भावना जगाता है। इस दृष्टिकोण से, छोटे पौधों का उतना ही महत्व है जितना बड़े पौधों का। छोटे पौधे बड़े होते हैं और बड़े पौधों की जगह लेते हैं। वन हमारी प्रेरणा के स्रोत हैं। जंगल हमें बीमारियों को ठीक करने के लिए दवाएं देते हैं।