उत्तरप्रदेश राज्य के जिला सिद्धार्थनगर से अनीता दुबे , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि सरकार अगर कानूनी भेद - भाव नहीं करे तो महिलाएं अपने अधिकार खुद पा सकती है। बहुत पहले से ही महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार होता आ रहा है। अगर सरकार और पुरुष मिलकर कानून का सहयोग करे तो महिलाओं कोअपना अधिकार मिल सकता है। महिला अपने नाम पर जमीन नहीं ले पाती है। महिला अपना निर्णय खुद नहीं ले पाती है।

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उत्तरप्रदेश राज्य के जिला सिद्धार्थनगर से अनीता दुबे , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि अगर कई लोग कांवड़ियों के साथ यात्रा पर जाते हैं तो अक्सर हमने देखा है कि वे किसी ढाबा में या कहीं नाश्ते के लिए रूकते है , फिर उनके बीच धर्म को लेकर विवाद होता है और यदि आप किसी भी मुद्दे को कहीं न कहीं देखते हैं, तो अक्सर कोई विवाद होता है जो इस तरह से होता है कि बहुत तनाव होता है। यही कारण है कि हम बहुत से लोगों को देखते हैं, जो जब एक साथ मिलते हैं, तो आपस में बहस करते रहते हैं और भले ही वे कांवड़िये हों, एक साथ यात्रा पर जाते हैं। जब दो-चार लोग इकट्ठा होते हैं, तो वे बाद में आपस में बहस करने लगते हैं। ऐसी स्थिति में अक्सर कई मुद्दों पर चर्चा होती है। अगर ऐसा होता है, तो मैं सोचता हूं कि एक साथ रहने का क्या मतलब है जब आपको बाद में बहस करनी होगी।

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उत्तरप्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर ज़िला के नौगढ़ प्रखंड से अनीता दुबे ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि भारतीय समाज तेज़ी से बदल रहा है। अब बेटा और बेटी में फ़र्क़ नहीं किया जा रहा है। अब बेटियां भी पिता की संपत्ति में सामान उत्तराधिकारी है

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