उत्त्तरप्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर ज़िला के नौगढ़ से अनीता दुबे ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षा के साथ स्वरोजगार देना भी ज़रूरी है । नारी से ही समाज का सम्पूर्ण विकास संभव है। महिलाएँ आत्मनिर्भर बनेगी तो देश उचाईयों तक पहुँचेगा। अलग अलग क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी
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उत्त्तरप्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर ज़िला के नौगढ़ से अनीता दुबे ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि शादी में दिखावा बाज़ी नहीं करना चाहिए। बच्चों की ऐतिहासिक शादी करवाने के चक्कर में कई पैसे खर्च होते है।दोनों पक्षों में खर्च का बोझ होता है। लड़का और लड़की को अच्छा परवरिश दें और आपसी सामंजस्य से अच्छे जीवनसाथी से शादी करवाए।
सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा नींबू के फसल के बारे में जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें
उत्तरप्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर जिला से अनीता दुबे ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताय कि महिलाओं को जमीन में अधिकार जरूर मिलना चाहिए। महिलाओं का पूरा अधिकार है की उन्हें भी अपने पिता के संपत्ति में भाइयों के बराबर अधिकार मिले।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला सिद्धार्थनगर से अनीता दुबे , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि लैंगिक असमानता समाज के लिए अभिशाप है और इस अभिशाप से बचने के लिए हमे महिलाओं और उनके काम को स्वतंत्रता प्रदान करने की जरूरत है। जैसे की महिलायें पुरुषों से कदम से कदम मिलकर आगे बढ़ सके। हमारे समाज में वह भी उन्नत्ति प्राप्त करे और उनकी शिक्षा पर भी ध्यान देना चाहिए। अभी भी महिलाओं को पीछे रखने पर ही अपनी कामयाबी समझते है।
मोटाभाई ने महज एक शादी में जितना खर्च किया है, वह उनकी दौलत 118 बिलियन डॉलर का 0.27 है। जबकि उनकी दौलत कृषि संकट से जूझ रहे देश का केंद्रीय बजट का 7.5 प्रतिशत से भी कम है। जिस मीडिया की जिम्मेदारी थी कि वह लोगों को सच बताएगा बिना किसी का पक्ष लिए, क्या यह वही सच है? अगर हां तो फिर इसके आगे कोई सवाल ही नहीं बनता और अगर यह सच नहीं तो फिर मीडिया द्वारा महज एक शादी को देश का अचीवमेंट बताना शुद्ध रूप से मुनाफे से जुड़ा मसला है जो विज्ञापन के रुप में आम लोगों के सामने आता है। क्योंकि मीडिया का लगभग पचास प्रतिशत हिस्सा तो मोटाभाई का खुद का है और जो नहीं है वह विज्ञापन के लिए हो जाता है "कर लो दुनिया मुट्ठी में” की तर्ज पर। दोस्तों, इस मुद्दे पर आप क्या सोचते है ?अपनी राय रिकॉर्ड करें मोबाईलवाणी पर, अपने फोन से तीन नंबर का बटन दबाकर या फिर मोबाईल का एप डाउनलोड करके।