उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के.सी.चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बबलू सिंह से बातचीत की। बबलू सिंह का कहना है महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए। एक ही परिवार में दो बहन और दो भाई पैदा हुए तो एक बहन करोड़पति बन गई और एक बहन की शादी गरीब घर में हो गई, तो उनके दिमाग में हमेशा ये बात रहेगी की वो गरीब है और उनके बच्चे भी सही से नहीं पढ़ पाएंगे। तो अगर कुछ मदद घर से ही दिया जाये , तो वो मजबूत हो सकती है। उनके सपोर्ट करना चाहिए और उन्हें अधिकार मिलना चाहिए। आस पास के लोग ये देखकर बातें भी बनाएंगे की भाई और बहन में कितना अंतर है। उनको अधिकार दिया जायेगा तो इससे महिला और पुरुष दोनों ही एक समान हो जाएंगे
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीरनगर से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि मोबाइल वाणी पर महिला संबंधी अधिकारों के बारे में चर्चा किया जा रहा है और महिला संपत्ति अधिकारों के बारे में लोगो से राय लिया जा रहा है। इस पर सरकार निर्णय लेगी की महिलाओं को अधिकार दिया जाए या न दिया जाए । पति की मृत्यु के बाद देवर भी हिस्सा ले लेते है , इसलिए महिलाओं को अधिकार मिलना चाहिए। महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए आगे आना चाहिए। कुछ महिलाये कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाते लगाते परेशान हो जा रही है। इस पर सरकार को विशेष ध्यान देना होगा
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीरनगर से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि गोंडा जिला की महिलाये कार्यक्रम 'अपनी जमीन, जमीन अपनी आवाज़ ' सुनकर जागरूक हो रही है और अपने बच्चो को भी शिक्षित कर रही है। आज भी बहुत सारी महिलाये अपने घरो से बाहर नहीं निकलती है और शिक्षा से वंचित रह जाती है। महिलाओं को अपना हक़ पाने के लिए खुद आगे आना होगा
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के.सी.चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कुछ पुरुष वर्ग का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। जबकि कुछ पुरुष वर्ग महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देने के पक्ष में बातें कर रहा है। लेकिन समस्याएँ यह उत्पन्न हो रही हैं कि अभी तक महिलाओं को संपत्ति का अधिकार क्यों नहीं दिया गया ? संपत्ति के अधिकार पाने के लिए महिलाओं का शिक्षित होना भी जरुरी है, महिलाएँ शिक्षित होंगी तभी वे अपने अधिकारों के लिए लड़ पाएंगी। आज भी ज्यादातर महिलाओं को लगता है कि उन्हें संपत्ति के अधिकार की आवश्यकता नहीं है। महिलाएँ आत्मनिर्भर तभी बनेंगी जब उन्हें यह मिलेगा। महिलाओं को संपत्ति का अधिकार पाने के लिए उनके जागरूक होने की आवश्यकता है।
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उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के.सी.चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से पप्पू अभियारी से साक्षात्कार लिया। पप्पू अभियारी ने बताया कि अविवाहित महिलाओं का मायके की सम्पत्ति में भाइयों के बराबर हक़ होता है।शादी के बाद महिला का को मायके की सम्पत्ति में अधिकार मिलना गलत है।उनका ससुराल की सम्पत्ति में अधिकार होता है। यदि भाई नही है तो बहन का अधिकार है। सम्पत्ति बंटवारा को लेकर भाई - बहन के रिश्ते में दरार आ सकता है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कुछ लोगों का मानना है कि पैतृक सम्पत्ति में बंटवारे को लेकर भाई - बहन के बीच में विवाद हो जाएगा। बहन पटीदार हो जाएगी। अशिक्षा के कारण महिलाएं पिछड़ी हुई हैं। महिलाओं को शिक्षित होना चाहिए और अपने अधिकार के लिए आवाज़ उठाना चाहिए
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से लवकुस पासवान से बातचीत की। लवकुस पासवान का कहना है महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए अन्यथा आने वाले समय में भाई-बहन के रिश्ते में दरार पड़ सकती है।
संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से प्रमोद से बातचीत की। प्रमोद का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देने का क़ानून सही नहीं है. इससे अपराध बढ़ेगा, लिंगानुपात बढ़ेगा और बहनों-भाइयों को भी विभिन्न प्रकार की समस्याएं आएंगी। रिश्ते में दरार भी आ सकती है। यदि कानून लागू किया जाता है, तो यह आने वाले समय में सही नहीं हो सकता है।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिला संपत्ति अधिकार को लेकर क्षेत्र के लोगों की अलग-अलग राय है. कुछ लोगों का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए, जबकि कुछ महिलाओं और पुरुषों का मानना है कि संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। देखा जाए तो महिलाएं अभी भी काफी अशिक्षित हैं। अशिक्षा के कारण वे अपने अधिकारों के बारे में नहीं जान पा रहे हैं, सरकार सुविधाएं प्रदान करने की बात करती है, लेकिन जानकारी की कमी के कारण अभी कई महिलाएं संपत्ति का अधिकार लेने से इनकार कर रही हैं। जब तक महिलाओं को संपत्ति का पूर्ण रूप से अधिकार नहीं मिलता तब तक अधूरा रह जाएगा कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया गया। इसके लिए जरूरी है कि अभियान चलाए जाने चाहिए और जागरूकता अभियानों के साथ-साथ पुरुष वर्ग को भी महिलाओं को संपत्ति का हिस्सा दिलाने में भागीदार बनना चाहिए। जब तक कि पुरुष समाज महिलाओं को अधिकार देने के लिए आगे नहीं आयगा तब तक महिलायें पीछे रहेगी।