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हर व्यक्ति को जीवन के किसी न किसी पड़ाव पर ऐसे पियर प्रेशर यानि की अपने साथियों के दबाद का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आपके अनुसार या दबाव हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करता है ? कई बार दोस्तों के दबाव में आकर लोग ऐसे काम करने को आगे बढ़ जाते हैं जो पूरी तरीके से सही नहीं होता है लेकिन सब जानते समझते हुए भी अपने दोस्तों को ना नहीं कह पाते है। आखिर इसके पीछे क्या कारण होता है ? और क्या आपने कभी ऐसे दबाव का सामना किया है ?

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला संत कबीर नगर से के.सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि लोग अपने खान- पान, रहन -सहन और व्यर्थ की चिंता के कारण मानसिक बीमारियों का शिकार हो जाते हैं।मानसिक बीमारी एक ऐसी बीमारी है जो दिमाग में बैठ जाती है।उसको निकालना मुश्किल होता है इसलिए लोगों को चाहिए की समय समय पर व्यायाम करें और समय से भोजन लें।किसी तरह की चिंता हो तो उसे काफी गंभीरता से ना लेें

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हमारे आसपास ऐसे कौन कौन सी परिस्थिति देखने को मिलती है जो एक ब्यक्ति को अवसाद ग्रस्त कर सकती है और अगर आपके किसी अपने में आज के कड़ी में बताये गए लक्षणों में से कोई लक्षण देखने को मिले तो सबसे पहला कदम आप क्या उठाएंगे ? इस तनाव भरी ज़िन्दगी में बच्चो और युवाओं को मानसिक तौर पर मज़बूत बनाने और अवसाद की स्थिति से दूर रखने के लिए माता पिता व परिवार के दूसरे सदस्यों की क्या भूमिका है ?

उत्तरप्रदेस राज्य के संत कबीर नगर जिला से के.सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि लोगों का मेंटल हेल्थ ठीक रहना जरूरी है और इसके संबंध में लोगों को जागरूक करना भी जरूरी है क्योंकि अगर लोगों का मानसिक हेल्थ अच्छा नहीं रहता है तो वे पागलपन और चिड़चिड़ापन महसूस करने लगते हैं।सरकार का भी दायित्व है कि मेंटल हेल्थ के लिए अलग से एक कानून बनाया जाए और गांव क्षेत्रों में भी इसके चिकित्सक रखा जाए क्योंकि मेंटल हेल्थ के चिकित्सक बड़े- बड़े शहरों में रहते हैं।छोटे शहरों कस्बों में नहीं रहते हैं।जिसके चलते बीमारी ग्रस्त लोगों को काफी परेशानी होती है।इसलिए मेंटल हेल्थ के बारे में सरकार को कदम उठाना चाहिए।

बुलिंग का सामना करना कोई आसान काम नहीं होता हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं जो इसका शिकार है क्या आपने या आपके किसी जानने वाले ने कभी अपने जीवन में बुलिंग का सामना किया है ? आखिर क्या वजह है कि हमारे समाज में बुलिंग जैसी समस्या मौजूद है और लोग इस समस्या से जूझने के लिए मजबूर होते हैं ? अगर कोई व्यक्ति इस समस्या से जूझ रहा है तो ऐसी स्थिति में वह खुद को इससे बाहर निकालने के लिए क्या कर सकते हैं ? और बुलिंग जैसी समस्या को समाज से मिटाने के लिए सामुदायिक स्तर पर किस तरह की पहल की जा सकती ?