उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बबलू जी से साक्षात्कार लिया। बबलू ने बताया कि महिलाओं को संपत्ति में अधिकार दिया जाना चाहिए। भविष्य में इस अधिकार के वजह से परेशानी भी हो सकती है, बटवारे के समय काफी दिक्कत हो सकती है। ये कानून पहले ही आ जाना चाहिए था

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाधयाय मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि संसद ने 1956 में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम पारित किया जिसके तहत महिलाओं को संपत्ति के उत्तराधिकार का अधिकार दिया गया था। जिसके तहत विरासत में मिली संपत्ति को समान अधिकार दिए गए हैं। 2005 में किये गए बदलाव का उद्देश्य प्रभावधान के ख़त्म करना था, जो महिलाओं की समानता और आर्थिक सशक्तिकरण के परिवर्तन को दर्शाता है।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाधयाय मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि संपत्ति का अधिकार एकमात्र अधिकार जो यह बताता है कि किसी संसाधन का उपयोग कैसे किया जाता है, चाहे वह संसाधन सरकार के स्वामित्व में हो या व्यक्तियों के स्वामित्व में हो। प्रकृति में सामाजिक संपत्ति के अधिकार के धारक द्वारा चुना गए उपयोगो को सरकारी प्रशासनिक बल में सामाजिक भविष्य के कर के साथ अटूट रूप से जुड़ा हुआ है।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाधयाय मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि पैतृक संपत्ति में में बेटियों का अधिकार हिंदू उत्तराधिकार संशोधन अधिनियम 2005 के अधिनियमन के लागु होने के बाद, बेटियों को बेटों की तरह कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में पैतृक संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा, भले ही उसके पिता की मृत्यु 2005 से पहले हो गई हो।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की किसान बारिश की कमी से पीड़ित हैं, वातावरण इतना प्रदूषित हो रहा है कि कभी-कभी भारी बारिश होती है और कभी-कभी बहुत कम बारिश होती है, यही मुख्य कारण है कि संत कबीर नगर में इस समय फसलें सूखने के कगार पर हैं। माना जा रहा है कि इसका कारण यह है कि वातावरण का प्रदूषण बढ़ रहा है और पेड़-पौधों की संख्या कम हो रही है, जिससे कभी धूप निकलती है, कभी बहुत ठंड होती है, कभी बहुत हवा चलती है। इसलिए कभी-कभी सूखे की स्थिति होती है, जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वहां बारिश लानी है तो वहां पेड़ लगाना भी जरूरी है।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से अलोक श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बेटी को सम्पत्ति में बराबर का अधिकार मिलना चाहिए। लेकिन पिता अपनी हैसियत के अनुसार लाखों रूपये खर्च कर के बेटी की शादी करते हैं और ससुराल भेजते हैं। ऐसे में बेटी को हिस्सा ससुराल में मिलना चाहिए। पिता के घर में जो बहू आती है,उनको यहां का हिस्सा मिलना चाहिए। इनकी पत्नी मैके में हिस्सा ले या बहन यहां हिस्सा ले,तो इसमें माता - पिता के लिए दिक्कत हो जाती है और परिवार बिखरने का डर बना रहता है।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से अलोक श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि रक्षा बंधन भाई - बहन के प्यार का प्रतिक पर्व है। बहन माँ समान होती है और घर में शांति एवं सौहार्द्र बनाए रखने में अहम् भूमिका निभाती है। रील बनाने वाले भाई - बहन को बदनाम कर रहे हैं। ऐसा नही होना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज भी महिलाएं अपने हक़ के लिए आगे नही आ रही हैं। समाज में कुछ लोग हैं जो अपनी बहनों को हीन भावना से देखते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। महिलाओं को भी जागरूक होना चाहिए और अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए। जब महिलाएं रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर अपने भाई के घर पहुंचती हैं, तो उन्हें बहुत प्यार और स्नेह मिलता है।अगर उन्हें जमीन का अधिकार दिया जाए तो महिलाओं को जमीन का अधिकार दिया जाए तो बहुत अच्छा होगा और वो सशक्त होंगी। लेकिन दूसरी ओर कुछ लोगों का मानना है कि अगर महिलाओं को भूमि का अधिकार दिया जाए तो भाई-बहन के रिश्ते में दरार पड़ सकती है

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से आलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि लड़कियों को अधिकार मिलना चाहिए, यह सरकार द्वारा चलाया जाने वाला अभियान है वो बिलकुल सही है। लेकिन लड़कियों को शादी से पहले अधिकार नहीं मिलना चाहिए और शादी के बाद अपने ससुर के अनुसार चलना चाहिए। ससुर अधिकार देता है या नहीं, यह उस पर निर्भर करता है। हम जिस संस्कृति में रहते हैं, उसके अनुसार चलना चाहिए, चाहे वह हमारी बेटी हो या बहू हो। इस अधिकार को शहरो में लोग अधिक मानते है , परन्तु समाज में साथ चलने वाले इसका विरोध करते है। आजकल लड़कियों द्वारा पहनी जाने वाली पोशाक का विरोध करते हैं। ये संस्कारों के तहत नहीं आता है, इसलिए लोग ऐसे अधिकारों का विरोध कर रहे हैं। समाज पढाई का विरोध नहीं करता है और न ही नौकरी का ,बेशक वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि हमारी संस्कृति कहती है कि अपनी सीमा के भीतर रहें और इसे रहने दें, लेकिन जब लोग सीमा पार करते हैं, तो, तो कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमारे देश में आरक्षण मिलने के बाद भी महिलायें लाभ नहीं ले पा रही है, इसका कारण शिक्षा है। अगर महिलायें शिक्षा में आगे होती तो आरक्षण का पूरा फायदा उठा सकती थी। आज महिलाओं को हर विभाग में काम करते देखा जा रहा है, फिर भी आज कई महिलाएं है जो शिक्षा से बहुत पीछे है। महिलाओं को हमेशा सोचना चाहिए और बच्चों को पढ़ाया जाना चाहिए। बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। गाँव में अक्सर देखा जाता है की महिला प्रधान को आगे आने नहीं दिया जाता है