हसनपुरा सिवान।हसनपुरा प्रखंड के सभी सरकारी विद्यालयों में मंगलवार को सम्राट अशोक की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान मध्य विद्यालय सरैया हिंदी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय अरंडा हिंदी सहित अन्य विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा उनकी जीवनी के बारे में उपस्थित बच्चों को विस्तृत जानकारी देते हुए कहे कि चक्रवर्ती सम्राट अशोक का जन्म 304 ई. पू वर्तमान बिहार के पाटलिपुत्र में हुआ था। सम्राट बिंदुसार के पुत्र और मौर्य वंश के तीसरे राजा के रूप में जाने गए थे। चन्द्रगुप्त मौर्य की तरह ही उनका पोता भी काफी शक्तिशाली था। पाटलिपुत्र नामक स्थान पर जन्म लेने के बाद उन्होंने अपने राज्य को पुरे अखंड भारतवर्ष में फैलाया और पुरे भारत पर राज किया। अशोक को अपने जीवन में बहुत से सौतेले भाइयों से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। लेकिन थोड़ा ही बड़ा होने के बाद अशोक की सैन्य कौशल देखने को मिलने लगी थी। उनके युद्ध कौशल को और अधिक निखार देने के लिए शाही प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई थी। इस प्रकार से अशोक को काफी कम आयु में तीरंदाजी के साथ अन्य जरुरी युद्ध कौशलों में काफी अच्छी महारत मिल चुकी थी। इसके साथ ही वे उच्च कोटि के शिकारी भी थे। उनके द्वारा एक छड़ी से शेर में मारने की कला का भी वर्णन मिलता है। उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें मौर्य शासन के अवन्ति में होने वाले दंगों को रोकने को भेजा गया था।