भारत जैसे देश में महिलाओं की स्थिति का थोड़ा सा अंदाजा इन आंकड़ों से भी लग सकता है। आजादी के महज चार सालों बाद साल 1951 में भारत की कुल साक्षरता दर केवल 18.3 फीसदी थी, इसमें से महिलाओं की साक्षरता दर 9 फीसदी से भी कम थी। वहीं, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के डाटा के अनुसार साल 2021 में देश की औसत साक्षरता दर 77.70 प्रतिशत थी जिसमें पुरुषों की साक्षरता दर 84.70 प्रतिशत, जबकि महिलाओं की साक्षरता दर 70.30 प्रतिशत थी। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि आजादी के बाद से अब तक महिलाओं की साक्षरता दर में वृद्धि हुई है। दोस्तों, *----- आपको क्या लगता है कि महिलाओं के प्रति हो रहे भेदभाव की क्या वजह हैं, "*----- महिलाओं के पास भी भूमि अधिकार हों! इस नज़रिए से हमारे कानूनों और नीतियों में आपको क्या कोई कमियां नज़र आती हैं? *----- महिलाओं को भूमि का अधिकार मिले , इसे हासिल करने के लिए हमारे कानूनों के नीतियों में ऐसे कौन से बदलाव होने चाहिए जिससे महिलाओं के लिए भूमि अधिकार पाना कुछ आसान बन सके?"

उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से सावित्री देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को अपनी जमीन पर अधिकार कभी नहीं छोड़ना चाहिए। लेकिन आज भी कई पुरुष वर्ग महिला को जमीन पर अधिकार नहीं देना चाहते हैं। उन्हें यह समझना चाहिए की जितना अधिकार पुरुष का होता है, उतना ही अधिकार महिला का भी होता है। इसलिए महिला को उनका अधिकार दिलाने में उनकी मदद करनी चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से जगीराम ने एक श्रोता से बातचीत की जिसमें उन्होंने कहा की महिला को जमीन पर अधिकार जरूर मिलना चाहिए। लेकिन जमीन बेचने का अधिकार नहीं होना चाहिए। पुरुष भी अगर जमीन बेचें तो घर की महिला से सलाह जरूर लें। हमारे देश का कानून ऐसा है की एक ही जमीन कई बार खरीद बिक्री होती है। इसलिए बेचने का अधिकार महिला को नहीं होना चाहिए

भूमि का मालिकाना हक़ महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में सहायता करता है। वे खेती कर सकती हैं, फसल उगा सकती हैं और बेच सकती हैं, या जमीन को पट्टे पर देकर आय प्राप्त कर सकती हैं। इससे उन्हें अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने और वित्तीय सुरक्षा हासिल करने में मदद मिलती है।भूमि पर अधिकार होने से महिलाओं को अपने जीवन और भविष्य के फैसले लेने की शक्ति मिलती है। वे यह तय कर सकती हैं कि जमीन का इस्तेमाल कैसे किया जाए, क्या फसल उगाई जाए और आय का कैसे प्रबंधन किया जाए। इससे उनका सामाजिक दायरा बढ़ता है और परिवार में उनकी स्थिति मजबूत होती है। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- महिलाओं के खिलाफ हिंसा और भेदभाव को खत्म करने के लिए, जागरूकता बढ़ाने और सामाजिक रीति-रिवाजों में बदलाव लाने के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं? *----- लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने में पुरुषों और लड़कों की भूमिका क्या होनी चाहिए ? *----- महिलाओं के लिए सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने में मीडिया और नागरिक समाज क्या भूमिका आप देखते हैं?

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से गीता वर्मा , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि पुरुषों के बराबर महिला को अधिकार मिलना चाहिए। महिलाओं को पुरुषों के समान सम्मान दिया जाना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती ज़िला से हमारी श्रोता , मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि महिलाओं को जमीन का अधिकार मिलना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती ज़िला के जमुनहा प्रखंड के लक्ष्मणपुर -गंगापुर से पूनम देवी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से अंजलि वर्मा से बात कर रही है। ये कहती है कि महिलाओं को जमीन में आधा आधा हिस्सा मिलना चाहिए ताकि महिला अपना काम खुद कर सके ,कोई व्यापार कर सके

उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती ज़िला के जमुनहा प्रखंड के लक्ष्मणपुर -गंगापुर से पूनम देवी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि महिलाओं को जमीनी अधिकार नहीं मिलता है। जमीन पर पुरुष ही अधिकार रखते है। इनकी बातचीत एक महिला से हुई। उनका कहना है कि जमीन पर महिलाओं का भी अधिकार होना चाहिए

दोस्तों, क्या आपको भी लगता है कि महिलाओं को उनके अधिकार दिए जाने चाहिए, घर परिवार के आर्थिक मसलों पर उन्हें शामिल किया जाना चाहिए, जो पुरुष अपना तनख्वाह और खेती की कमाई अपनी पत्नियों को सौंप देते हैं और इसको सशक्तिकरण मानते हैं वह क्यों महिलाओं को संपत्ति का आधा हिस्सा उन्हें देकर कहें कि परिवार को चलाने बच्चों का पढ़ाने और आगे बढ़ने में मदद करने के लिए आवश्यक निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। *-----महिलाओं के गरीबी के चक्र को तोड़ने में आर्थिक अवसरों और सामाजिक सुरक्षा उपायों तक पहुंच कैसे बढ़ाई जा सकती है? *-----महिलाओं के लिए रोजगार के अवसरों को कैसे बढ़ाया जा सकता है? *-----महिलाओं के जीवन में गरीबी पर काबू पाया जा सके, इसमें सरकार, व्यवसाय और नागरिक समाज की क्या भूमिका है?

उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से जगीराम ने मंजू देवी से बातचीत की जिसमें उन्होंने कहा की जैसे पुरुषों के नाम पर जमीन होती है। वैसे ही महिलाओं के नाम पर भी जमीन होनी चाहिए