दोस्तों, भारत में विविधता की कोई कमी नहीं है। यहाँ के विभिन्न राज्य, जिलों और गांवों में भिन्न-भिन्न सांस्कृतिक, भाषाई और भौगोलिक विशेषताएं हैं। ये भिन्नताएं जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित करती हैं और विशेष रूप से महिलाओं की स्थिति को भी प्रभावित करती हैं।भारत के विभिन्न हिस्सों में शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता में भारी अंतर है। शहरी और विकसित क्षेत्रों में जहां स्कूलों और शिक्षा संस्थानों की संख्या अधिक है और सुविधाएं बेहतर हैं, वहीं ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में स्कूलों की कमी और सुविधाओं की अनुपलब्धता के कारण शिक्षा प्राप्ति में असमानताएं देखने को मिलती हैं। दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- भारत के अलग-अलग हिस्सों में कई तरह की असमानताएं है, जिसमे खेती किसानी भी एक है। यहाँ आपको किस तरह की असमानताएं नज़र आती है। *----- महिलाओं को कृषि और अन्य ग्रामीण उद्यमों में कैसे शामिल किया जा सकता है?

उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती ज़िला से पूनम देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सुमन से हुई।ये बताती है कि ये बेटा और बेटी में कोई भेदभाव नहीं करना चाहती है। शिक्षा भी सामान देना है

उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती ज़िला के जमुनहा प्रखंड के लक्ष्मणपुर - गंगापुर से पूनम देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सुमन से हुई। ये कहती है कि लड़का और लड़की में कोई भेद नहीं है। उन्हें बराबर का अधिकार देना चाहती है

उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती ज़िला के जमुनहा प्रखंड से पूनम देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रूचि गुप्ता से हुई। ये कहती है कि चार बहन और एक भाई है ।इनके पिता सभी बच्चों को बराबर का अधिकार देते है ।

उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती ज़िला के जमुनहा प्रखंड ,दर्जिनपुरवा से पूनम देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सुखदेवी से हुई। ये कहती है कि इनके चार बेटी है ।ये सभी बच्चों को बराबर का अधिकार देंगी ।

उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती ज़िला के जमुनहा प्रखंड ,दर्जिनपुरवा से पूनम देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सुखदेवी से हुई। ये कहती है कि इनके तीन बेटी और दो लड़के है ।ये सभी बच्चों को बराबर का अधिकार देती है

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से जगीराम यादव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से उदय प्रताप दुबे से हुई। उदय प्रताप दुबे यह बताना चाहते है कि पुरुषों के बराबर महिलाओं का अधिकार नहीं होना चाहिए। उनका कहना है कि पुरुषों को ही अधिकार मिलना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से शीला देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक महिला से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि पिता की संपत्ति में अगर भाई नहीं हो तो महिला तो अधिकार मिलना चाहिए। लेकिन अगर भाई रहे तो महिला को पिता की संपत्ति में अधिकार नहीं मिलना चाहिए। इससे भाई बहन में मतभेद पैदा होगा

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से वीर बहादुर यादव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से प्रहलाद कुमार मिश्रा से हुई। प्रहलाद कुमार मिश्रा यह बताना चाहते है कि सरकार के गलती के कारण महिलाओं को जमीन पर अधिकार नहीं दिया जाता है। महिलाओं को मुख्य अधिकार मिलना चाहिए। बेटों को जमीन में हिस्सा देने पर वह जमीन बेच कर खा जाते है। इसीलिए बहु को भी जमीन पर अधिकार मिलना चाहिए क्योंकि उनको बच्चों का पालन - पोषण करना पड़ता है। महिला को समानता का अधिकार मिलना चाहिए।

रोजगार और श्रम के मसले पर भी महिलाओं की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, और इसके पीछे का कारण भी वही हैं जो उन्हें अवसरों का समानता, स्वतंत्र निर्णय लेने में होने वाली परेशानियां है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार, भारत में महिलाओं का 81.8 प्रतिशत रोजगार अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में केंद्रित है। ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2021 के ही अनुसार, औसतन भारतीय महिलाओं को पुरुषों की आय का 21% भुगतान किया जाता था। इस सबके पीछे का कारण यह है कि महिलाओं को उनके परिवार में ही हक और बराबरी के बारे न बताया जाता है और न सिखाया जाता है, जिसके चलते महिलाओं के पास विकल्प कम होते जाते हैं, और वह जो मिल रहा है रख लो वाली सोच की आदि हो जाती हैं, जोकि उनकी क्षमताओं के साथ अन्याय है। *----- दोस्तों महिलाओं के हक, अधिकार और समानता के मसले पर आपका क्या सोचते हैं ? *----- क्या आपको भी लगता है कि महिलाओं को पिता की संपत्ती में अधिकार के साथ उनके साथ समानता का व्यवहार किये जाने की आवश्यकता है? या फिर आप कुछ इससे अलग भी सोचते हैं,