उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से जयलता यादव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से जलवायु के बारे में विस्तारपूर्वक बताया ।

उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से जयलता यादव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से पेड़ की विशेषताओं के बारे में बताया

उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती से रानी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पेड़-पौधों का मानव जीवन में बहुत महत्व है । ये न केवल हमें ऑक्सीजन देते हैं बल्कि जड़ी-बूटी,फल-फूल,इत्यादि भी प्रदान करते हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती से रानी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पेड़ लगाना आपके परिवार के वातावरण और आपके समुदाय के स्वास्थ्य के लिए एक निवेश है। पेड़ लगाने के कई फायदे हैं। वे वायु प्रदूषण को कम करने और ऊर्जा की बचत करने में मदद करते हैं। वे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार करते हैं। वे हमारे घरों में ठंडी, स्वच्छ हवा लाते हैं और गर्मी के दिनों में छाया प्रदान करते हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती से शिला देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पेड़ लगाना जीवन बचाना।हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती से शिला देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमें फल का पौधा लगाना चाहिए। फलों के कई लाभ हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती से सावित्री देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पेड़ से हमें ऑक्सीजन मिलता है। हमें पेड़ लगाने चाहिए और उसकी रक्षा करनी चाहिए। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से सावित्री देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उचित स्थान देख कर बरगद, पीपल, नीम, इत्यादि छायादार पेड़ जरूर लगाना चाहिए। पेड़ के कई फायदे हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

हमारी सूखती नदियां, घटता जल स्तर, खत्म होते जंगल और इसी वजह से बदलता मौसम शायद ही कभी चुनाव का मुद्दा बनता है। शायद ही हमारे नागरिकों को इससे फर्क पड़ता है। सोच कर देखिए कि अगर आपके गांव, कस्बे या शहर के नक्शे में से वहां बहने वाली नदी, तालाब, पेड़ हटा दिये जाएं तो वहां क्या बचेगा। क्या वह मरुस्थल नहीं हो जाएगा... जहां जीवन नहीं होता। अगर ऐसा है तो क्यों नहीं नागरिक कभी नदियों-जंगलों को बचाने की कवायद को चुनावी मुद्दा नहीं बनाते। ऐसे मुद्दे राजनीति का मुद्दा नहीं बनते क्योंकि हम नागरिक इनके प्रति गंभीर नहीं हैं, जी हां, यह नागरिकों का ही धर्म है क्योंकि हमारे इसी समाज से निकले नेता हमारी बात करते हैं।

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