उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से मोहम्मद इमरान , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि लगातार बारिश और बैराजों से पानी छोड़े जाने के कारण सरजू नदी का जल स्तर फिर से बढ़ गया। पशुपालकों के पशुओं के चारे पर भी संकट आ गया है। स्कूल के बच्चे भी नाव के द्वारा आना जाना कर रहे है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से मोहम्मद इमरान ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सरजू नदी के जल स्तर में लगातार वृद्धि के कारण नदी और तटबंध के बीच बसा हुआ गाँव एक बार फिर ऊपर उठा है। अन्य बैराजों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके कारण पिछले तीन दिनों से नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है।, नदी और तटबंद के बीच स्थित गांव शिवखा बाबू ,चडवा, भोवरिया ,सताहा में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है, जिसके कारण इन गांवों की दुर्दशा कल शाम से बढ़ गई है। शिविका बाबू गाँव के चारों ओर पानी फैल गया है, जिससे भूमि मार्ग तक जाने का कोई रास्ता नहीं बचा है, इसलिए इन गाँवों के लोग नाव से तटबंध पर आ रहे हैं, हालाँकि अतीत में प्रशासन द्वारा नावें लगाई गई थीं।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से मोहम्मद इमरान ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मयंक दुबे से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि बस्ती जिला के दक्षिणी सीमा से होकर बहने वाली सरयू नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है। जिससे बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांव के ग्रामीणों को एक बार फिर बाढ़ का खतरा डराने लगा है

यह एपिसोड बदलते मौसम और असामान्य बारिश के कारण कृषि क्षेत्र पर पड़ने वाले विभिन्न प्रभावों की व्यापक चर्चा करता है। फसल उत्पादन, मिट्टी की गुणवत्ता, पानी प्रबंधन और किसानों की आजीविका पर पड़ने वाले असर का विस्तृत विवरण दिया गया है। साथ ही, इन चुनौतियों से निपटने के लिए किसानों द्वारा अपनाए जा रहे समाधानों और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया है।

यह कार्यक्रम बताता है कि कैसे अनियमित बारिश, सूखा और बाढ़ किसानों की आजीविका, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और समग्र जीवन गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं। यह श्रोताओं को अपने अनुभव साझा करने और समाधान सुझाने के लिए आमंत्रित करता है, जिससे जागरूकता बढ़ाने और सामुदायिक समर्थन को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जाता है।

यह कार्यक्रम मौसम में आ रहे बदलावों और उनसे हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ने वाले प्रभावों पर केंद्रित है। इसमें बारिश के अनिश्चित पैटर्न से उत्पन्न चुनौतियों और उनके संभावित समाधानों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में यह भी बताया जाएगा कि कैसे ये बदलाव किसानों से लेकर शहरी नागरिकों तक, सभी के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। आपने और आपके आसपास के लोगों ने बदलते बारिश के पैटर्न के बारे में क्या अनुभव किया है? क्या आपको या आपके जानने वालों को इससे कोई चुनौती झेलनी पड़ी है?

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से राम अवतार यादव से हुई। ये कहते है कि बाढ़ के समय खेत जाने में ,पशुओं का चारा व्यवस्था करने में दिक्कत होती है। आवागमन में समस्या हो जाती है। बाढ़ से फसल जो नुक्सान होता है ,उसका मुआवज़ा कभी कभार मिल जाता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि गर्मी से बदलाव और राहत आज दिन भर मौसम सुहावना रहा और किसान भी खुश नजर आए। आज, कुछ लोगों ने प्रत्यारोपण भी किया और इसे लगभग पूरा कर लिया, इसलिए मौसम सुखद रहा और लोगों ने गर्मी से राहत की सांस ली।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली , की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सलमान से हुई। सलमान यह बताना चाहते है कि लगातार बारिश नहीं हो रही है, तो धान की फसल खराब हो रही है और सरकार को यहां पानी की सुविधा लानी चाहिए। फसल खराब हो रही है, गरीब किसान कहाँ जाएगा, किसानों को नुकसान हो रहा है, अभी तो फसल बर्बाद हो रही है

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि लगातार बारिश नहीं होने के कारण धान की फसल बर्बाद हो रही है। रोपाई के बाद फसलें मुरझाती दिखाई दे रही हैं। जगह-जगह पम्पी शेड चलाए जा रहे हैं। सिंचाई मशीन द्वारा की जा रही है। बारिश नहीं होने के कारण यह देखा गया है कि फसल सूख रहे है, सूखे का असर पूरी हो रही है, अब भी बारिश हुई तो धान बच सकता है। यहाँ लगभग पंद्रह से बीस दिन हो गए हैं और बारिश नहीं हुई है, तापमान भी बढ़ गया है