भूमि सुधार कानूनों में संशोधन करके महिलाओं के भूमि अधिकार को सुनिश्चित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, कानूनों में यह प्रावधान किया जा सकता है कि महिलाओं को पैतृक संपत्ति में समान अधिकार होगा और विवाह के बाद भूमि का अधिकार हस्तांतरित नहीं होगा। सभी जमीनों का दस्तावेजीकरण किया जाना चाहिए ताकि महिलाएं अपने भूमि अधिकारों का दावा कर सकें। तब तक दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- आपके हिसाब से महिलाओं को भूमि का अधिकार देकर घर परिवार और समाज में किस तरह के बदलाव लाए जा सकते हैं? *----- साथ ही आप इस मुद्दे पर क्या सोचते है ? और आप किस तरह अपने परिवार में इसे लागू करने के बारे में सोच रहे है ?
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उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से संस्कृति श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमें जीवित रहने के लिए सबसे महत्वपूर्ण दो चीज़े हैं जल और हवा। म सभी जानते हैं कि एक बार हम भोजन के बिना कुछ दिनों तक रह सकते हैं, लेकिन पानी के बिना नहीं। हमें खाने-पीने से लेकर खाना पकाने, नहाने और धोने तक हर चीज के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हमारी दिनचर्या में पानी का भी बहुत बड़ा योगदान है। हम सभी जानते हैं कि हमारा देश जल संसाधनों से समृद्ध है। हमारे देश को कई नदियों, कई जल स्रोतों का आशीर्वाद प्राप्त है, भगवान ने हमें बहुत अच्छे प्राकृतिक संसाधन दिए हैं। हमारे भारत में गंगा, यमुना और गोदावरी, कावेरी जैसी कई नदियाँ हैं जो वर्षों से हमारे घरों में पानी की आपूर्ति कर रही हैं। जीवन का आधार इस तरह से है कि मृत्यु के बाद भी यहाँ लोगों को गंगा में डाला जाता है, यानी हमारे जीवन में जीवन की शुरुआत से लेकर मृत्यु के अंत तक। पानी का बहुत बड़ा योगदान है लेकिन क्या हम उस प्रकृति, उस पानी को बचाने के लिए कुछ भी कर रहे हैं, हम देख रहे हैं कि देश भर से आने वाला सारा कचरा, दुनिया भर से आने वाला सारा कचरा, कारखाने का सारा कचरा नदियों में बहाया जाता है। लेकिन हम उस पानी को बचाने के लिए क्या कुछ कर रहे हैं ? हमें कोशिश करनी चाहिए की जल को जितना हो सके बचा कर रखें और जल प्रदुषण होने से रोके
इस कार्यक्रम में हम जानेंगे जल संरक्षण और ऊर्जा बचत से जुड़ी सरकारी योजनाओं के बारे में। साथ ही, यह कार्यक्रम बताएगा कि आप इन योजनाओं का लाभ कैसे उठा सकते हैं और अपने गाँव के विकास में कैसे योगदान दे सकते हैं। स्वच्छ पानी और सतत ऊर्जा के महत्व को समझते हुए, हम एक बेहतर कल की ओर कदम बढ़ाएंगे। क्या जल सरंक्षण की योजनाओं के बारे में आपने भी सुना है, क्या आप इन योजनाओं का लाभ आपने भी उठाया है, क्या आपके गाँव में जल सरंक्षण की कोई प्रेरणादायी कहानी है ?
यह एपिसोड बताता है कि हम अपने रोज़मर्रा के जीवन में कैसे छोटे-छोटे बदलाव करके बिजली और पानी बचा सकते हैं। इससे न सिर्फ हमारा खर्च कम होगा, बल्कि हम अपनी धरती की भी रक्षा कर पाएंगे। आसान तरीकों से हम सभी मिलकर पर्यावरण को बचाने में मदद कर सकते हैं।क्या आपने भी अपनी ज़िन्दगी में कुछ ऐसे बदलाव किए हैं? अगर हाँ, तो हमें बताइए।
उत्तरप्रदेश राज्य के जला बस्ती से मोहम्मद इमरान , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से निचे आ गया है। सरयू नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है। नदी के किनारे तेज़ बहाव का दबाव बना हुआ है। गांव में जल - जमाव होने के कारण कई बीमारियाँ हो सकती है।
इस एपिसोड के मुख्य विषय, वर्षा जल संग्रहण, को दर्शाता है। "बूंद-बूंद से सागर" मुहावरा छोटे प्रयासों से बड़े परिणाम प्राप्त करने की भावना को व्यक्त करता है। यह श्रोताओं को प्रेरित करता है कि वर्षा की हर बूंद महत्वपूर्ण है और उसका संग्रहण करके हम बड़े बदलाव ला सकते हैं। क्या आप वर्षा जल को इक्कट्ठा करने और सिंचाई से जुडी किसी रणनीति को अपनाना चाहेंगे? और क्या आपके समुदाय में भी ऐसी कहानियाँ हैं जहाँ लोगों ने इन उपायों का इस्तेमाल करके चुनौतियों का सामना किया है?
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से मोहम्मद इमरान , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि सरयू नदी पूरी तरीके से उफान पर है। जिससे कई गांव इसके चपेट में आ गए है। नदी के किनारे रह रहे लोगों की परेशानियां बढ़ गयी है। सबसे अधिक परेशानी पशुपलाकों और छात्रों को हो रही है। बाढ़ का पानी तेज़ी से बढ़ रहा है। कई फसल जलमग्न हो गई है।
यह एपिसोड बदलते मौसम और असामान्य बारिश के कारण कृषि क्षेत्र पर पड़ने वाले विभिन्न प्रभावों की व्यापक चर्चा करता है। फसल उत्पादन, मिट्टी की गुणवत्ता, पानी प्रबंधन और किसानों की आजीविका पर पड़ने वाले असर का विस्तृत विवरण दिया गया है। साथ ही, इन चुनौतियों से निपटने के लिए किसानों द्वारा अपनाए जा रहे समाधानों और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया है।
यह कार्यक्रम मौसम में आ रहे बदलावों और उनसे हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ने वाले प्रभावों पर केंद्रित है। इसमें बारिश के अनिश्चित पैटर्न से उत्पन्न चुनौतियों और उनके संभावित समाधानों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में यह भी बताया जाएगा कि कैसे ये बदलाव किसानों से लेकर शहरी नागरिकों तक, सभी के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। आपने और आपके आसपास के लोगों ने बदलते बारिश के पैटर्न के बारे में क्या अनुभव किया है? क्या आपको या आपके जानने वालों को इससे कोई चुनौती झेलनी पड़ी है?