उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, राजनीतिक भागीदारी आदि क्षेत्रों में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा, जैसे कि यौन उत्पीड़न और बाल विवाह, आज के समय में एक कारक है। लैंगिक असमानता भेदभाव या हिंसा का एक भयानक रूप है जो महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाता है। महिलाओं को कम मजदूरी के लिए काम करने के लिए मजबूर किया जाता है

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोहम्मद इमरान ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा का मतलब सिर्फ़ शारीरिक हिंसा नहीं है। यह बहुत व्यापक है और इसमें यौन, भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और वित्तीय दुर्व्यवहार शामिल हैं। राष्ट्रीय योजना महिलाओं के खिलाफ़ हिंसा के दो मुख्य प्रकारों को लक्षित करती है - घरेलू और पारिवारिक हिंसा, और यौन उत्पीड़न।हिंसा की ऐसी घटनाएं जो ऐसे लोगों के बीच घटित होती हैं जिनके बीच अंतरंग संबंध हैं या थे। व्यवहार का एक सतत पैटर्न जिसका उद्देश्य भय के माध्यम से साथी को नियंत्रित करना है, उदाहरण के लिए हिंसक और धमकी भरा व्यवहार करना। ज़्यादातर मामलों में, हिंसक व्यवहार महिलाओं और उनके बच्चों पर शक्ति और नियंत्रण का प्रयोग करने की रणनीति का हिस्सा होता है, और यह आपराधिक और गैर-आपराधिक दोनों हो सकता है और धमकी या हिंसक व्यवहार में शारीरिक, यौन, भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और वित्तीय दुर्व्यवहार शामिल हो सकता है।

महिलाओं को अक्सर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, रोजगार और राजनीतिक भागीदारी जैसे क्षेत्रों में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। यह भेदभाव उन्हें अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने से रोकता है। महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, दहेज हत्या और बाल विवाह जैसी हिंसा लैंगिक असमानता का एक भयानक रूप है। यह हिंसा महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाती है और उन्हें डर और असुरक्षा में जीने के लिए मजबूर करती है। लैंगिक असमानता गरीबी और असमानता को बढ़ावा देती है, क्योंकि महिलाएं अक्सर कम वेतन वाली नौकरियों में काम करती हैं और उन्हें भूमि और संपत्ति जैसे संसाधनों तक कम पहुंच होती है। दोस्तों, आप हमें बताइए कि *-----लैंगिक असमानता के मुख्य कारण क्या हैं? *-----आपके अनुसार से लैंगिक समानता को मिटाने के लिए भविष्य में क्या-क्या तरीके अपनाएँ जा सकते हैं? *-----साथ ही, लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए हम व्यक्तिगत रूप से क्या प्रयास कर सकते हैं?

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से अरविन्द श्रीवास्तव , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिलाओं के लिए हिंसा बहुत ही जटिल होती है। महिलाओं को सम्मान होना चाहिए। उनके साथ हिंसा नहीं होनी चाहिए। उनको अपने तरीके से जीवन जीने नहीं दिया जाता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से विजय पाल चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि दहेज़ प्रथा आज कल एक अभिशाप बन गया है। दहेज़ के कारण कितनी लड़कियों की शादी नहीं हो पाती है। महिला हिंसा का मुख्य कारण भी दहेज़ प्रथा ही है

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से अरविन्द श्रीवास्तव , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिलाओं पर होती हिंसा हो रोकना चाहिए। सबसे पहले महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए लोगों को एकजुट करना है। समाज में गहरी सांस्कृतिक असमानता का कारण क्या है, इस पर अपनी आवाज उठाने के लिए समुदाय को लगातार जागरूकता और एकजुटता लाने का प्रयास करना चाहिए। हो सकता है कि आप इसे अपने दम पर न कर पाएं और इसे अकेले करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए आपको गाँव के स्वास्थ्य और स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। उस स्थान पर जाएँ जहाँ महिलाएँ महिला समिति के माध्यम से और पंचायत के माध्यम से महिला मंडल जैसे ग्राम स्तर के सामाजिक सहायता समूहों से मिलती हैं। टीम और महिला स्वयं सहायता समूह को स्वास्थ्य कार्यकर्ता को एक साथ ले जाना होगा और गांव के लोगों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए एक टीम बनानी होगी और फिर फिर अपने क्षेत्र में इस तरह के जागरूकता अभियान के तहत महिलाओं और पुरुषों को एक साथ लेकर कहीं न कहीं रोकथाम की जा सकती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से अरविन्द श्रीवास्तव , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि आज महिलाओं पर कई अत्याचार होते है। भ्रूण हत्या कर दिया जाता है , यौन शोषण होता है , बाल विवाह कर दिया जाता है , मानव तस्करी होता है , और भी कई तरीकों से महिलाओं के साथ हिंसा किया जाता है। महिलाओं को शिक्षा से वंचित रखा जाता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िले से सहजाद अहमद ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि कई जगहों पर महिलाओं के खिलाफ बहुत सारी हिंसक घटनाएं देख रहे हैं। यह समाज में महिलाओं के बारे में अधिक जागरूकता के लिए है और उन्हें जागरूक करने के लिए, हमें सबसे पहले महिलाओं को अधिक से अधिक शिक्षा देने की आवश्यकता है, जब महिलाओं को पूरी तरह से स्वतंत्रता मिलेगी।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमजान अली ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा दुनिया में सबसे अधिक प्रचलित मानवाधिकारों के उल्लंघन में से एक है, जो दुनिया के हर कोने में हो रहा है। महिलाएँ और लड़कियाँ उन पर अल्पकालिक और दीर्घकालिक शारीरिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक दबावों से असमान रूप से प्रभावित होती हैं।आज के समाज में हो रही हिंसा को देखना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि महिलाओं का न्याय हो सके ।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...