उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल चौधरी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि किशोरों को अपनी भविष्य की चिंता होती है।उन्हें करियर की चिंता होती है। क्योंकि करियर से ही वो बढ़ सकते है
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल चौधरी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि किशोरों को अपनी भावनाओं को काफी हद तक समझना चाहिए क्योंकि भावनाओं के आधार पर वो काफी हद तक बढ़ सकते है।
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल चौधरी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि किशोरों को अपने आप में खुद को समझना इस समय मुश्किल होता है। क्योंकि उनको समझने के प्रयास में कुछ मुश्किलें आती है
बुलिंग का सामना करना कोई आसान काम नहीं होता हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं जो इसका शिकार है क्या आपने या आपके किसी जानने वाले ने कभी अपने जीवन में बुलिंग का सामना किया है ? आखिर क्या वजह है कि हमारे समाज में बुलिंग जैसी समस्या मौजूद है और लोग इस समस्या से जूझने के लिए मजबूर होते हैं ? अगर कोई व्यक्ति इस समस्या से जूझ रहा है तो ऐसी स्थिति में वह खुद को इससे बाहर निकालने के लिए क्या कर सकते हैं ? और बुलिंग जैसी समस्या को समाज से मिटाने के लिए सामुदायिक स्तर पर किस तरह की पहल की जा सकती ?
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला के साउ घाट प्रखंड से 44 वर्षीय विजय पाल चौधरी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि किशोरावस्था में युवाओं को ज़्यादातर भविष्य की चिंता होती है। क्योंकि भविष्य उसी पर निर्भर करता है
गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू उन्नत विधि से धान की खेती और बिचड़ा के हैंडलिंग की जानकारी दे रहें हैं।
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उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से 44 वर्ष विजय पाल चौधरी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि किशोरावस्था की उम्र 12 से 18 साल की होती है।इस उम्र में शारीरिक और मानसिक बदलाव होता है
आज के समय में लोगो आख़िरकार इतने ज़्यादा अकेलेपन का शिकार क्यों हो जाते है ? वे कौन से वजह होते हैं कि लोग साथ साथ होते हुए भी अपनी मन की बात एक दूसरे तक नहीं पहुचा पते है ? अपने परिवार और अपनों को इस अकेलेपन से दूर रखने के लिए आप अपने स्तर पर क्या करना चाहेंगे ?
गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जिव दास साहू जानकारी दे रहें हैं धान के बिचड़ा को कैसे तैयार किया जाए। उन्होंने बताया कि सारा बिचड़ा एक ही दिन में तैयार नहीं करना चाहिए, बिचड़ा को तैयार करने के लिए क्रमबद्ध तरीक़ा के साथ साथ मौसम का भी ख़ास ध्यान रखना चाहिए .