उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से 30 वर्षीय संगीता मिश्रा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि बच्चे को खेलते वक़्त अगर उसका दोस्त कोई बात कह देता है तो छोटी बात पर तकलीफ होने पर बच्चा डिप्रेशन में चला जाता है
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उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला के गाँधीनगर से 37 वर्षीय रानो श्रीवास्तव ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि आज कल सभी माता चाहती है कि अगर वो काम करे तो बच्चों को व्यस्त रखने के लिए उन्हें मोबाइल दे देती है। एक शोध के अनुसार भारत में बच्चे मोबाइल के बहुत ही ज़्यादा आदि हो गए है। जिससे उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। एक साइकोलोजिस्ट ने अपने रिपोर्ट में कहा कि जिस प्रकार बच्चे टीवी और मोबाइल में समय बिता रहे है वो बहुत ही खतरनाक है। एक साल से लेकर पंद्रह साल तक के बच्चे दिन में लगभग चार से पांच घंटे तक मोबाइल और टीवी में उलझे रह रहे है। ऐसे मे जाहिर है उन्हें कई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या आ सकती है। ऐसे बच्चों में खास कर मोटापा ,मानसिक स्वास्थ्य ,दिल की बीमारी और आँख की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
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नाम - बीना श्रीवास्तव,उम्र - 60 वर्ष
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उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से 25 वर्षीय हमारी श्रोता ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि जितना लोग पढ़ तो ले रहे है पर उन्हें उस अनुसार जॉब नहीं मिल रहा है। पैसा नहीं रहने के कारण लोग परेशान रहते है। उन्हें बच्चों की परवरिश को लेकर चिंता रहता है।बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते है लेकिन पैसों के कारण लोग चिंतित रहते है। मेहनत करते है पर मेहनत के अनुसार उतना पैसा नहीं आ पाता है। यही कारण आज कल अधिकतर लोग डिप्रेशन का शिकार हो रहे है।