उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से 35 वर्षीय ज्योति श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रिंकी श्रीवास्तव से हुई।रिंकी कहती है कि मन की बीमारी होती है। इसे मानसिक बीमारी या मानसिक विकार भी कहा जाता है। यह शारीरिक बीमारी की तरह होती है जिसका इलाज संभव है

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से 25 वर्षीय सौरव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से खुशी से हुई।खुशी कहती है कि जब व्यक्ति मानसिक तनाव अनुभव करता है तो वो समझ नहीं पाता कि उसे डॉक्टर से मिलना चाहिए या नहीं।चिंता और उदासी हालातों के साथ बदल सकता है। हालाँकि भावनाओं और मानसिक तनाव के लक्षणों का असर दैनिक जीवन में पड़ रहा है तो उन्हें मदद लेनी चाहिए। अकसर लोग मानसिक स्थिति को छुपाने का प्रयास करते है ताकि उनका रिश्ता बना रहे।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से 31 वर्षीय शिखा श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से ज्योति से हुई।ज्योति कहती है कि जब व्यक्ति को दिन प्रतिदिन के तनाव से निपटने में कठिनाई हो रही है साथ ही दैनिक कार्यों को करने में कठिनाई होने पर व्यक्ति को मनोचिकित्सक से मिलना चाहिए।सामाजिक जीवन में संकट का अनुभव करने पर परामर्शदाता से ज़रूर मिलना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से खुशबू श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से 42 वर्षीय विकास श्रीवास्तव से हुई।विकास श्रीवास्तव यह बताना चाहते है कि बहुत अधिक रोना या चुप रहना मानसिक बीमारी का लक्षण हो सकता है।खासकर यह लक्षण बिना किसी स्पष्ट कारण के हो सकता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सचिन कुमार चौधरी से हुई। सचिन कहते है कि बच्चे तीन से चार वर्ष की उम्र से मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे है।इस कारण उनकी पढ़ाई पर प्रभाव पड़ रहा है।इससे बच्चे मानसिक रूप से विकसित नहीं हो पा रहे है

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से 55 वर्षीय मधुबाला श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से एक पुरुष से बात कर रही है। ये कहते है कि मानसिक बीमारी मस्तिष्क के कार्यों को प्रभावित करती है। यह एक व्यक्ति के अंदर होता है, यह दूसरे व्यक्ति को नहीं फैलती है।उदासी ,मनोदशा में उतार चढ़ाव , चिंता ,डर ,सोने में कठिनाई ,भावनात्मक बदलाव ,ध्यान केंद्रित करने में परेशानी आदि मानसिक बीमारी के सामान्य लक्षण है।अगर किसी परिचित में मानसिक बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे है तो किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से 36 वर्षीय मंजू श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता से हुई।श्रोता यह बताना चाहते है कि मानसिक बिमारी को छुपाना नहीं चाहिए।बिमारी होने पर दूसरों को बताना चाहिए,इससे मरीज़ को फायदे हो सकते है।जैसे की उपचार प्राप्त करना ,सामाजिक समर्थन प्राप्त करना और दूसरों को शिक्षित करना।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से शिवम श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से शिखा श्रीवास्तव से हुई।शिखा श्रीवास्तव यह बताना चाहती है कि अगर कोई व्यक्ति बहुत डरता है या चिंता करता है तो उनको मनोवैज्ञानिक या डॉक्टर से दिखाना चाहिए।यदि डर या चिंता बहुत है और ये दैनिक जीवन को प्रभावित कर रही है तो इसमें डॉक्टर की मदद बहुत जरूरी होती है।व्यक्ति को अपने चिंता के कारणों को डॉक्टर को बताना चाहिए।जिसके बाद डॉक्टर दवा देते हैं और आराम करने की सलाह देते हैं।साथ ही आदतों में बदलाव लाते हैं

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से प्रभाकर श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के मध्यम से हमारे श्रोता से हुई। श्रोता यह बताना चाहती है कि बच्चों को भी मानसिक समस्याएं हो सकती है।बच्चों में मानसिक समस्याएं बड़ों की तरह ही होती है।लेकिन उनके कुछ लक्षण अलग होते हैं।कुछ मानसिक समस्याएं माता पिता से बच्चों में आती है।बच्चों के जीवन में तनाव मानसिक समस्याओं का कारण बन सकते हैं।उदासी ,चिंता ,सुस्त रहना ,रोना ,आत्महत्या के विचार आदि मानसिक तनाव के लक्षण हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से 36 वर्षीय विशाल की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से एक महिला से हुई। ये कहती है कि मन की बीमारी का इलाज के लिए डॉक्टर थेरेपी व दवाई का इस्तेमाल करते है।मरीज़ के सोच व व्यवहार में बदलाव लाने के लिए विभिन्न तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। एंटीडिप्रेसेंट दवाई आदि का इस्तेमाल किया जाता है जो लक्षणों को नियंत्रित करती है