उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से आर.के की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सुरभि से हुई। सुरभि यह बताना चाहती है कि अवसाद से बिना दवा के भी निकला जा सकता है।यह संभव है। अवसाद एक ऐसी समस्या है जिसका इलाज विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है जबकि दवाएं अवसाद के इलाज में मदद कर सकती हैं।कुछ लोगों के लिए दवा अवसाद से निकलना संभव हो सकता है।बिना दवा के अवसाद से निकलने के तरीके चिकित्सा अवसाद के इलाज में मदद कर सकते हैं।एक प्रशिक्षित चिकित्सक व्यक्ति के अपने विचारों और भावनाओं को समझने पर प्रतिबंधित करने में मदद कर सकता है।व्यायाम अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है,नियमित व्यायाम को बढ़ावा देता है जो हमारे मूड को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। सामाजिक समर्थन अवसाद के इलाज में मदद कर सकता है। दोस्तों, परिवार के सदस्यों और समर्थन समूहों में संपर्क में रहना महत्वपूर्ण है।तनाव प्रबंध तकनीकी अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। ध्यान योग और गहरी सांस लेना जैसी तकलीफें तनाव को कम करने में मदद कर सकती हैं। स्वस्थ जीवन शैली अवसाद के इलाज में मदद कर सकती हैं।स्वास्थ्य आहार और पर्याप्त नींद लेना महत्त्वपूर्ण है।दवाएं अवसाद के इलाज में मदद कर सकती हैं। लेकिन वे दुष्प्रभाव पैदा कर सकती हैं।बिना दवा के अवसाद से निकलने में लोग दवाओं के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं।बिना दवा के अवसाद से निकलने से आप आत्मनिर्भरता की भावना विकसित कर सकते हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से शालू श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता से हुई। श्रोता यह बताना चाहती है कि मानसिक स्वास्थ्य वह समस्याएं हैं जो लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं।इनमे अवसाद चिंता,विकार और अन्य विकार शामिल हो सकते हैं।मानसिक स्वास्थ्य हमारे विचारों,भावनाओं और व्यवहारों को प्रभावित करती है और लोगों के जीवन के गुणवत्ता को कम कर सकती हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से शिखा श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मीना से हुई। मीना यह बताना चाहती है कि मानसिक स्वास्थ्य लोगों के भावनात्मक मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कल्याण को संदर्भित करता है या लोगों के विचारों और भावनाओं और व्यवहार को प्रभावित करता है और जीवन की गुणवत्ता को निर्धारित करता है। मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होने से लोग अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेने,सम्बन्ध बनाने और जीवन के चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होते हैं

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से 45 वर्षीय विजय ,मोबाइल वाणी के माध्यम से एक महिला से बात कर रहे है। ये कहती है कि बार बार अगर आत्महत्या के विचार आते है तो यह महत्वपुर्ण है कि आप तुरंत मदद लें। आत्महत्या के विचार एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्या के संकेत हो सकते है। और इसका इलाज किया जा सकता है।कई देशों में आत्महत्या हेल्पलाइन है जो चौबीस घंटे चलता है।इसमें बात कर के आप सुरक्षित रह सकते है।ध्यान करना ,योग करना ,गहरी सांस लेने से आत्महत्या के विचार को कम किया जा सकता है .

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से 32 वर्षीय शिखा श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सोनल से हुई।सोनल यह बताना चाहती है कि बच्चों में मानसिक बमारी हो सकती है। बच्चों में मानसिक विकास का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।बच्चों में मानसिक तनाव होने पर वह अधिक चिड़चिड़ा हो जाते हैं।उनके मूड में बदलाव हो जाते हैं।बच्चों में मानसिक तनाव होने पर उनका इलाज कराया जा सकता है।बच्चों में मानसिक तनाव के कई कारण हो सकते हैं जैसे -माता पिता के बीच तलाक या विवाद होना,नींद की समस्या होना,अधिक या कम खाने की आदत,दोस्तों के साथ समस्या आदि।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से 32 वर्षीय शिखा श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से माही से हुई।माही यह बताना चाहती है कि अगर मानसिक चिंता के कारण दैनिक जीवन प्रभावित हो रही है तो डॉक्टर से मिलना चाहिए।मानसिक तनाव होने पर दवा लेना चाहिए।अगर किसी व्यक्ति को भावनात्मक समर्थन की जरूरत है तो वह अपना भावना को बता सकते हैं।शराब और नशीली दवाओं का सेवन करने से भी मानसिक तनाव होती है।यदि कोई व्यक्ति आत्मसम्मान और आत्मविश्वास की कमी अनुभव कर रहा है और इससे उसके जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है तो उनको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से खुशबू श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता से हुई।श्रोता यह बताना चाहते हैं कि योग करने से लोगों के मस्तिष्क में सकारात्मक असर डालती है।योग करने से चिंता कम होती है।योग करने से मानसिक संतुलन बना रहता है।इससे नकारात्मक विचार को दूर करने में मदद मिलती है।लोगों को पर्याप्त नींद लेनी चाहिए।योग और ध्यान से कई लाभ हो सकते हैं और इसका नियमित अभ्यास करना चाहिए।आरामदायक स्थान पर योग और ध्यान करना चाहिए और इस कार्य को करने के समय धैर्य रखना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से शिखा श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता से हुई।श्रोता यह बताना चाहती है कि मस्तिष्क में चोट लगने से सोचने और समझने की क्षमता कम हो सकती है।इससे कई रोग हो सकते हैं।जैसे सोचने और समझने में परेशानी होती है,याददाश्त कमजोर हो जाती है।न्यूरोलॉजिकल विकार,अल्जाइमर,पार्किंसंस रोग सोचने और समझने की ताकत को प्रभावित कर सकता है।वृद्धा अवस्था में सोचने और समझने में कमी आ सकती है।संज्ञात्मक कमजोरी के लक्षण इस प्रकार है -भूलने की समस्या ,ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई ,भाषा और संचार में कठिनाई,निर्णय लेने में परेशानी और संचार में कठिनाई

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से 34 वर्षीय मधु श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से गुड्डू से हुई। गुड्डू कहते है कि चिंता विकार एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है। इसमें अधिक चिंता और तनाव शामिल होते है।चिंता के कई लक्षण है। भावनात्मक लक्षण ,शारीरक लक्षण ,तनाव ,नींद की समस्याएं ,पाचन समस्या ,व्यावहारिक लक्षण आदि।इसका इलाज के लिए थेरेपी लिया जा सकता है

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से 33 वर्षीय रेनू श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मनोज से हुई। मनोज कहते है कि मानसिक बीमारी होती है। ये व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।