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उत्तप्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से अध्यापिका नंदिनी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान नंदिनी ने बताया कि मोबाइल वाणी के कार्यक्रम को सुनकर उनके अंदर जागरूकता आयी। और पहले वे अपनी बेटी को पढ़ने के लिए नहीं भेजती थीं। लेकिन अब वे अपनी बेटी को पढ़ा रही हैं
कड़ी संख्या-18;अपनी जमीन, अपनी आवाज - सुरक्षित भूमि अधिकार: महिला सशक्तिकरण और खाद्य सुरक्षा की कुंजी
बिहार के नवादा जिले के एक गांव में रहने वाली फगुनिया या फिर उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के किसी गांव में रहने वाली रूपवती के बारे में अंदाजा लगाइये, जिसके पास खुद के बारे में कोई निर्णय लेने की खास वज़ह नहीं देखती हैं। घर से बाहर से आने-जाने, काम काज, संपत्ति निर्माण करने या फिर राजनीतिक फैसले जैसे कि वोट डालने जैसे छोटे बड़े निर्णय भी वह अक्सर पति या पिता से पूछकर लेती हो? फगुनिया और रूपवती के लिए जरूरी क्या है? क्या कोई समाज महज दो-ढाई महिलाओं के उदाहरण देकर उनको कब तक बहलाता रहेगा? क्या यही दो-ढ़ाई महिलाएं फगुनिया और रूपवती जैसी दूसरी करोड़ों महिलाओं के बारे में भी कुछ सोचती हैं? जवाब इनके गुण और दोष के आधार पर तय किये जाते हैं।दोस्तों इस मसले पर आफ क्या सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें .
उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से प्रियंका सिंह की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से एक महिला से हुई।ये कहती है कि अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम सुन कर अच्छा लगा। महिलाओं को शिक्षित करना चाहिए। समाज में हर एक कार्य में उन्हें बढ़ावा देना चाहिए। महिला को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें एक अलग पहचान देना चाहिए। महिलाओं को भूमि में अधिकार भी देना चाहिए।
ग्रामीण महिला सशक्तिकरण का अर्थ है ग्रामीण महिलाओं को उनके सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकारों को प्राप्त करने में सक्षम बनाना। यह उन्हें निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करता है और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाता है। सशक्तिकरण का मतलब सिर्फ महिलाओं को शिक्षित करना या उन्हें रोजगार देना नहीं है, बल्कि उन्हें समाज में समानता का दर्जा देना भी है। महिलाओं का सशक्तिकरण समाज के समग्र विकास के लिए आवश्यक है। जब महिलाएं सशक्त होती हैं, तो वे अपने परिवार और समुदाय के लिए बेहतर निर्णय ले सकती हैं। तब तक दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- आधी आबादी या महिलाओं को उनका पूरा हक दिया जाने से उनके जीवन सहित समाज में किस तरह के बदलाव आएगा जो एक बेहतर और बराबरी वाले समाज के निर्माण में सहायक हो सकता है? *----- साथ ही आप इस मुद्दे पर क्या सोचते है ? और आप किस तरह अपने परिवार में इसे लागू करने के बारे में सोच रहे है ?
उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िले से प्रतिमा पांडेय की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से पुष्पा से हुई। पुष्पा कहती है कि महिलाओं को शिक्षित करने से समाज जागरूक होता है
उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िले से प्रतिमा पांडेय की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से नीलम से हुई। नीलम कहती है कि महिलाओं को शिक्षित करने से समाज जागरूक होता है।
उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से प्रतिमा पांडेय की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सबिता से हुई। ये कहती है कि महिला को शिक्षित करने से समाज जागरूक होता है
भारत जैसे देश में जहां सासंकृतिक सामाजिक और राजनीतिक असमानताओं की खाई बहुत ज्यादा गहरी है, ऐसे में यह कह पाना कि सबकुछ एक समान है थोड़ी ज्यादती है। आप हमें बताइए कि "*----- महिलाओं को नेतृत्व की भूमिकाओं में शामिल करने और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं? *----- समुदाय-आधारित पहल और सामाजिक उद्यमिता गरीबी उन्मूलन में कैसे योगदान दे सकते हैं?
उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रतिमा पाण्डेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शालिनी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान शालिनी ने बताया कि महिलाओं को शिक्षित करना बहुत जरूरी है। क्योकि महिलाओं के शिक्षित होने से समाज जागरूक होता है