एड्स इस नाम से हम सभी भली भांति परिचित हैं इसका पूरा नाम है 'एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम ' यह एक तरह का वायरस है जिसे एचआईवी के नाम से भी जाना जाता है।यह एक जानलेवा बीमारी है लेकिन आज भी लोगों में एड्स को लेकर सतर्कता नहीं है।साथ ही इसे समाज में भेदभाव की भावना से देखा जाता है। एड्स के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। दोस्तों , हम सभी को एड्स को लेकर सतर्क रहना है ,साथ ही लोगों में सर्तकता लाने की भी ज़रुरत है।साथियों, एड्स का उपचार भेदभाव नहीं बल्कि प्यार है। आइये हम सभी मिलकर विश्व एड्स दिवस मनाए और लोगों में एड्स के प्रति अलख जगाए। सतर्क रहें,सुरक्षित रहें
शर्म को ज़रा किनारे करके अपने बच्चों को AIDS के बारे में विस्तार से बताएं ताकि वो इस खतरनाक बीमारी से सुरक्षित रहे। साथियो अगर आप भी एड्स से जुडी कोई जानकारी हमसे साझा करना चाहते हैं तो फ़ोन में अभी दबाएं नंबर 3 का बटन और रिकॉर्ड करें अपनी बात।
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जिला बलरामपुर की समृति मिश्रा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की भरत ने एड्स मुक्त होने की दिशा में महत्पूर्ण कदम उठाया है पर पूर्ण रूप से मुक्त होने के लिए अभी कुछ समय लगेगा। 15-25 वर्ष की आयु के 25000 लोग प्रभावित है। सरकार ने जगह -जगह पे जागरूकता अभियान चलाया है जिससे लोग जागरूक हो
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