गर्मी की लहर के दौरान बाहर काम करने वाले लोगों की सुरक्षा पर आधारित कार्यक्रम। यह कहानी एक परिवार के माध्यम से लू से होने वाले खतरों, चिकित्सा सलाह और सुरक्षा उपायों को दर्शाती है, साथ ही श्रोताओं को जागरूक करने का प्रयास करती है। आपकी राय में इस भीषण गर्मी में किस तरह से बाहर काम करने वाले लोग अपना ध्यान रख सकते हैं? हम किस तरह से इन लोगों की मदद कर सकते हैं?

महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक स्वतंत्रता के लिए ऐसा क्या किया जा सकता है कि जिससे कि उनके जीवन को बेहतर बनाया जा सके, और एक स्वतंत्र नागरिक के तौर पर माना जा सके बनिस्बत इसके कि वह किसी की बेटी या किसी की पत्नी है? जबकि संविधान महिला और पुरुष में भेद किये बिना सबको समान मानता है, इसका जवाब है, भूमि अधिकार और संपत्ती पर हक। दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं ? *----- "* इतिहास से लेकर वर्तमान तक महिलाओं की सशक्त भूमिका रही है, उसके बाद भी अभी तक उन्हें विकास की मुख्यधारा में नहीं लाया जा सका है, आपको इसके पीछे क्या कारण लगते है ? * महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने और उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने के लिए किस तरह के सुधारों की आवश्यकता है? "

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे और जानेंगे पैसों के सही निवेश के बारे में

इस भीषण गर्मी की चपेट में आने से बचना है, तो मौसम विभाग या सरकार द्वारा दी जाने वाली जानकारी और चेतावनी को गभीरता से समझना है और उन बातों का पालन करना है. सावधानी और सतर्कता, इन दोनों बातों का हमें ध्यान रखना है |इस भीषण गर्मी से जुड़ी चेतावनी आपको कहाँ से मिलती है ? चेतावनी सुनने या देखने के बाद आप क्या कदम उठाते है ? आप या आपके आसपास लोग इस भीषण गर्मी से बचने के लिए क्या करते है ?

साथियों, हमें बताएं कि क्या आपके क्षेत्र के सरकारी जिला अस्पतालों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनबाडी में पानी की कमी है? क्या वहां प्रशासन ने पानी की सप्लाई व्यवस्था दुरूस्त नहीं की है? अगर अस्पताल में पानी नहीं मिल रहा है तो मरीज कैसे इलाज करवा रहे हैं? क्या पानी की कमी के कारण बीमार होते हुए भी लोग इलाज करवाने अस्पताल नहीं जा रहे? या फिर आपको अपने साथ घर से पानी लेकर अस्पताल जाना पड़ रहा है? अपनी बात अभी रिकॉर्ड करें, फोन में नम्बर 3 दबाकर.

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ जीव दास साहू , मानसून पूर्व पौधो की नर्सरी लगाने के बारे में जानकारी दे रहे हैं।नर्सरी लगाने में किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। इसकी पूरी जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

अपने संघर्ष और मेहनत के चलते ना सिर्फ अपने बिज़नेस को आगे बढाया बल्कि अपने बढ़ते हुए बिज़नेस के साथ साथ अपने परिवार को मज़बूत और काबिल भी बनाया है | सुनिए रवि सेन की कहानी |

महिलाओं के मामले में, भूमि अधिकारों की दृष्टि से कई चुनौतियाँ होती हैं। भारतीय समाज में, महिलाएं अक्सर अपने परिवार और समुदाय के साथ रहती हैं और उन्हें भूमि अधिकारों की पहुँच से दूर रखा जाता है। सामाजिक प्रतिष्ठा, संस्कृति और कानूनी प्रवृत्तियाँ ऐसे होती हैं जो महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित कर सकती हैं। इसके अलावा, ऐसे कई सामाजिक तौर तरीके और मान्यताएँ हैं जो महिलाओं को भूमि के मामलों में उनके अधिकारों की प्राप्ति में अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों क्यों ज़रूरी है और उसका क्या महत्व हैं? *----- महिलाओं को भूमि अधिकारों तक पहुंचने में कौन सी बाधाएं आती हैं? *----- महिलाओं के सशक्त होने के लिए समाज का उनके साथ खड़ा होना ज़रूरी है लेकिन ऐसा किस तरह हो सकता है? *----- आपके हिसाब से महिलाओं के सशक्त होने से समाज में किस तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं?

Comments


उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से वीर बहादुर यादव , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिलाओं को भूमि में अधिकार नहीं मिल रहा है तो यह गलत है , पिता के जमीन को महिला को भी मिलना चाहिए। महिलाओं को बराबर का दर्जा मिलना चाहिए।
Download | Get Embed Code

June 28, 2024, 7:49 a.m. | Location: 3372: Up, Balrampur, Balrampur | Tags: gender   women   personal expressions   womanity   rights