साथियों, हमें बताएं कि क्या आपके क्षेत्र के सरकारी जिला अस्पतालों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनबाडी में पानी की कमी है? क्या वहां प्रशासन ने पानी की सप्लाई व्यवस्था दुरूस्त नहीं की है? अगर अस्पताल में पानी नहीं मिल रहा है तो मरीज कैसे इलाज करवा रहे हैं? क्या पानी की कमी के कारण बीमार होते हुए भी लोग इलाज करवाने अस्पताल नहीं जा रहे? या फिर आपको अपने साथ घर से पानी लेकर अस्पताल जाना पड़ रहा है? अपनी बात अभी रिकॉर्ड करें, फोन में नम्बर 3 दबाकर.

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ जीव दास साहू , मानसून पूर्व पौधो की नर्सरी लगाने के बारे में जानकारी दे रहे हैं।नर्सरी लगाने में किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। इसकी पूरी जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

अपने संघर्ष और मेहनत के चलते ना सिर्फ अपने बिज़नेस को आगे बढाया बल्कि अपने बढ़ते हुए बिज़नेस के साथ साथ अपने परिवार को मज़बूत और काबिल भी बनाया है | सुनिए रवि सेन की कहानी |

महिलाओं के मामले में, भूमि अधिकारों की दृष्टि से कई चुनौतियाँ होती हैं। भारतीय समाज में, महिलाएं अक्सर अपने परिवार और समुदाय के साथ रहती हैं और उन्हें भूमि अधिकारों की पहुँच से दूर रखा जाता है। सामाजिक प्रतिष्ठा, संस्कृति और कानूनी प्रवृत्तियाँ ऐसे होती हैं जो महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित कर सकती हैं। इसके अलावा, ऐसे कई सामाजिक तौर तरीके और मान्यताएँ हैं जो महिलाओं को भूमि के मामलों में उनके अधिकारों की प्राप्ति में अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों क्यों ज़रूरी है और उसका क्या महत्व हैं? *----- महिलाओं को भूमि अधिकारों तक पहुंचने में कौन सी बाधाएं आती हैं? *----- महिलाओं के सशक्त होने के लिए समाज का उनके साथ खड़ा होना ज़रूरी है लेकिन ऐसा किस तरह हो सकता है? *----- आपके हिसाब से महिलाओं के सशक्त होने से समाज में किस तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं?

इस भीषण गर्मी से बचना है तो इन बातों का हमेशा ध्यान रखना है। नियमित रूप से पानी पीना, भोजन में पौष्टिक तत्व और ठंडी चीज़ों को शामिल करना और हल्का भोजन करना। अगर आपने इस भीषण गर्मी से बचने के लिए कोई खास तरीका अपनाया है या फिर अपने भोजन में किसी तरह की कोई खास चीजें शामिल की हैं, जिससे कि इस भीषण गर्मी में कुछ राहत मिल सके, तो अपने ये उपाय सभी के साथ जरूर बांटें।

मानव जीवन में योग का बहुत बड़ा योगदान है। योग से न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है बल्कि नियमित योग करने से कई तरह की बीमरियों से निजात भी मिलती है। पहली बार 21 जून 2015 को योग दिवस मनाया गया और तब से लेकर हर वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। इस साल यानि 2024 का थीम है " स्वयं और समाज के लिए योग". योग दिवस को बड़े स्तर पर मनाने का मुख्य उद्देश्य है लोगों को योग के जरिये स्वस्थ और निरोगी जीवन के प्रति जागरूक करना। तो ,साथियों आइए आज योग दिवस पर हम खुद से वादा करें कि जीवन में जितनी भी व्यस्तता और चुनौतियां हो, अपने दैनिक जीवन में योग को शामिल करेंगे और जीवन को उत्साह से भर कर शरीर, मन एवं आत्मा को स्वस्थ रखेंगे।

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दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि जमीन पर हक पुरुषों के साथ साथ महिलाओं का भी जन्मसिद्ध अधिकार है? क्या आप इस अधिकार को पाना चाहती हैं? क्या हम महिलाओं को एक ऐसी ज़िंदगी जीना चाहती हैं, जहां सम्मान के साथ अपने खेतों में फसल उगा सकें? इन्ही सब सवालों और जबाबो के साथ साथ ढेर सारी जानकारियों के साथ आ रहा है आपके अपने मोबाइल वाणी पर एक नया कार्यक्रम जिसका नाम है "अपनी जमीन, अपनी आवाज" . अगर आपके पास इससे जुडी कोई बात है , तो हम तक ज़रूर पहुँचाएँ