उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पाण्डेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से चाचा जी से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके यहां कभी बाढ़ नहीं आयी है लेकिन रिश्तेदारों के यहां बाढ़ की स्थिति बन जाती है वहां पर बाढ़ के कारण जलभराव होता है। जो लोग अनाज का भंडारण करते हैं, भोजन भी नष्ट हो जाता है। फसलें भी बर्बाद हो जाती हैं। एक लागत है लागत उन पर जाती है। कई बीमारियाँ आती हैं, जानवरों को लेकर मनुष्यों पर एक बड़ी समस्या है. स्कूलों में भी जलभराव होता है, स्कूल बंद रहते हैं, शिक्षा ठप रहती है,ऐसे में जब बाढ़ खत्म होती है स्थिति सामान्य हो जाती है। उन्हें सरकार द्वारा कुछ सुविधा दी जाती है उनके द्वारा एक बांध बनाया जाता है जब जलभराव होता है, तो खाद्यान्न का प्रावधान होता है, जब तक जलभराव है, खाना-पीना बनाने में समस्या होती है, लकड़ी सब भीग जाती है और नीचे की जमीन सब जलमग्न होते है, तब तक प्रशासन और सरकार मदद करती है, वहाँ का प्रशासन, डी. एम. एस. डी. एम. और लेखपाल दोपहर के भोजन के पैकेट भेजते हैं, लोग तब तक खाते-पीते हैं जब तक जलभराव होता है, उसके बाद जब पानी कम हो जाता है, तो स्थिति सामान्य हो जाती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से अवधेश कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शनी कुमार त्रिपाठी से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि लगातार बारिश होने से बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है लगभग पांच छ घंटे से बारिश लगातार हो रही हैं

यह कार्यक्रम बताता है कि कैसे अनियमित बारिश, सूखा और बाढ़ किसानों की आजीविका, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और समग्र जीवन गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं। यह श्रोताओं को अपने अनुभव साझा करने और समाधान सुझाने के लिए आमंत्रित करता है, जिससे जागरूकता बढ़ाने और सामुदायिक समर्थन को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जाता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला के मौजा अमरहि से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से शिवा शुक्ला से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने गाँव में बाढ़ आती है, तो सबसे पहले सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए कि जो बड़े-बड़े पुल , बांध, नदी है उन्हें अच्छी तरह से निर्माण करे और ठीक करे। गरीबों के लिए कुछ भोजन की व्यवस्था भी की जानी चाहिए ताकि हम लोगों को बाढ़ पीड़ितों से राहत मिल सके। हमारे देश में बाढ़ मई-जून या जुलाई-अगस्त के महीने में आती है, इससे काफी लोग प्रभावित होते है

उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला के पयागपुर ब्लॉक से साक्षी तिवारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शिवकुमार तिवारी से साक्षात्कार लिया। शिवकुमार तिवारी ने बताया कि बाढ़ आने से सारी फसल नष्ट हो जाती है, बाढ़ आने से बच्चों के पढ़ाई लिखाई में रूकावट आ सकती है। बिजली की भी समस्या बानी हुई रहती है

उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला के प्रयागपुर प्रखंड से साक्षी तिवारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से नीला से साक्षात्कार लिया।नीला ने बताया कि इनके क्षेत्र में पिछले कुछ सालों से बारिश बहुत कम हुई है। कम बारिश होने से फसल में कई प्रकार के रोग लग रहे हैं। खेत में घास उग रहे हैं। मिट्टी पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है। फसल काटने के समय उपज भी कम होगा। इन सभी कारणों से किसान बहुत परेशान हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय मोबाइल वाणी के माध्यम से एक श्रोता से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि वे जब अपनी बड़ी बहन के घर गयी थी वहां बाढ़ आयी थी जिससे उन्हें बहुत परेशानी हुयी थी। उन्होंने बताया बाढ़ के कारण फसल खराब हो गयी थी। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे थे ,बाढ़ जितना दिन रहता है उतना दिन स्कूल छूट जाता है। उनका कहना है जब ज्यादा दिक्क्त होता है तो सरकार कभी कभी मदद करती है

उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मुन्नुलाल से बातचीत की।बातचीत में उन्होंने बताया कि लोगों को लगातार बाढ़ के कारण सबसे अधिक समस्याएँ होती हैं। बाढ़ के काऱण फसल खराब हो जाते हैं सरकार इसमें कभी कभी मदद करती है कभी नहीं करती

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला के प्रयागपुर गांव से विशाल सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि गांव में नहरों में पानी भर जाने से बहुत दिक्कत हो रही है गांव के बच्चे नहरों में नहाने जाते हैं उन्होंने बताया एक परिवार में एक लड़का था जो नहाने गया था और डूबने से उसकी मौत हो गयी। प्रयागपुर में सभी नदी ,नहरों में पानी भर गया है लेकिन किसानों को फसल का बहुत नुकसान हो गया है। पानी इतना ऊपर चल रहा है कि धान ,गेहूं की फसल को काफी नुकसान हो रहा है

उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से अवधेश कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि ग्रामीण इलाकों में जब बाढ़ का पानी घरों में घुस जाता है तो वो लोग दुखी हो जाते हैं। न भोजन बनाने की जगह रहती है और न ही रहने का ठिकाना रहता है। बाथरूम जाने की भी समस्या होती है। रोजमर्रा के जरुरत के सामान भी मुश्किल से मिलते हैं