उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से साक्षी तिवारी मोबाइल वाणी के माध्यम से सरबजीत से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके दो लड़के और एक लड़की हैं उनका मानना है कि पिता की सम्पत्ति में बेटी को अधिकार नहीं मिलना चाहिए। जब तक बेटी की शादी नहीं होती उनका मायके में अधिकार होता है लेकिन शादी के बाद बेटियों का ससुराल में अधिकार होता है

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से सरबजीत से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं का शादी के बाद ससुराल में हिस्सा मिल जाता है। शादी के पहले अधिकार मिलता है लेकिन शादी के बाद नहीं मिलना चाहिए। इसके लिए कानून भी बनाये गए हैं लेकिन फिर भी शादी के बाद नहीं मिलना चाहिए।महिलाओं को शिक्षित होना बहुत जरूरी है तभी जागरूक हो पाएंगे। वे हर जगह काम कर रही हैं चाहे वो अस्पताल हो या स्कूल या कॉलेज, महिलाएं हर जगह काम कर रही हैं, रेलवे में भी काम कर रही हैंऔर जो अशिक्षित महिलाएं हैं वह सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रही हैं.इसलिए पुरूषों को ध्यान देना होगा कि महिलाएं पढ़े लिखे आगे बढ़े और विकास करें

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से एक श्रोता से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि पैतृक सम्पत्ति में महिलाओं का शादी के पहले पूरा अधिकार होना चाहिए और शादी के बाद उनका अधिकार ससुराल में हो जाता है। यदि वे अधिकार लेना चाहती हैं तो विवाद हो सकता है। यदि माता पिता भाई ना हो तो बेटियों को अधिकार मिल सकता है। हमारे समाज में पढ़ी लिखी महिलाएं बहुत काम कर रही हैं और जो अनपढ़ महिलाएं हैं वे बकरी पालन, भैंस पालन या कोई अन्य घरेलू काम कर सकते हैं।

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उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से सुनील कुमार सिंह से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को पिता की सम्पत्ति में अधिकार मिलना चाहिए क्यूंकि वे बराबर की हक़दार होती हैं।और चीजों में बराबर मिलता है तो जमीन में भी मिलना चाहिए। उनका कहना है महिलाओं को शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए तभी हमारे देश की उन्नति होगी।भारत सरकार द्वारा बहुत सारी योजनाए निकाली गयी हैं लेकिन जागरूक न हो पाने के कारण वह सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रही हैं.

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से अशोक से बातचीत कर रहे। बातचीत में अशोक का कहना है कि लड़कियों को पिता की सम्पत्ति में अधिकार मिलना चाहिए। इसके लिए पहले उन्हें जागरूक किया जाए उन्हें शिक्षा दिया जाए। अगर अशिक्षित हैं तो उनको घर का बिजनेस है सिलाई मशीन है ,पशु पालन है कोई चीज हैघर पर उनको सुविधा दिया जाए। जब तक जागरूक नहीं हैं महिला अगर वे अविवाहित हैं तो उनको जमीन में अधिकार मिलेगा जब शादी हो जाएगी ससुराल में अधिकार दिया जाएगा।

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से दिनेश शारदा से बातचीत की। बातचीत में दिनेश शारदा का कहना है कि महिलाओं तथा बेटियों को मायके या ससुराल में बराबर का हिस्सा होना चाहिए उन्हें बराबर का अधिकार मिलना चाहिए। उनका कहना है सबकी अलग अलग सोच है किसी के सोच को बदल नहीं सकते लेकिन जो क़ानूनी अधिकार हैं जैसे जो लड़की को पैदा किये है जो अधिकार लड़का का है लड़की को भी मिलना चाहिए माने या ना माने ये अलग बात है। लड़का और लड़की का बराबर का हिस्सा होना चाहिए।शादी के पहले और बाद में भी लड़कियों का अधिकार रहता है। उनका कहना है लड़कों की तुलना में लड़कियों को शिक्षा में अधिक बढ़ावा देना चाहिए क्योंकि लड़के और लड़की में अंतर नहीं किया जाना चाहिए, दोनों को पढ़ाना चाहिए। भारत सरकार द्वारा ऐसी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं जो अनपढ़ या शिक्षित महिलाएं सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा रही हैं इसमें जो क्षेत्र का बात हैं, कोई क्षेत्र आगे हैं, कहीं पिछड़े हुए हैं, जहां आगे क्षेत्र है, उन्हें अधिक लाभ मिलेगा और जहां पिछड़ेपन है वहां धीरे-धीरे बाद में लाभ होगा, लेकिन धीरे-धीरे हर कोई साक्षर हो रहा है। ऐसा कहीं नहीं है कि कोई भी साक्षर नहीं हो रहा है। हर जिले का लगभग हर गाँव शिक्षित हो रहा है। महिलाएं अब खुद की रक्षा करने और अपने अधिकार लेने के लिए आगे आ रही हैं। महिलाओं को पहले ही आरक्षण दिया जा चुका था। लेकिन अब आरक्षण के साथ-साथ उन्हें अधिकार भी मिलने लगे हैं। पहले लोग अज्ञानी थे, अब वे अज्ञानी नहीं हैं, हर कोई जानकार हो गया है, वे समाज की देखभाल करते हैं, वे अपनी शिक्षा का ध्यान रखते हैं और कुछ जो बचे हुए हैं उनमें से कुछ भी धीरे-धीरे आएंगे और उन्हें भी काम मिलेगा वे एक-दूसरे को देखकर भी जागरूक होंगे।

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से दीपक कुमार से बातचीत की। बातचीत में दीपक कुमार का कहना है कि लड़कियों का शादी से पहले मायके में अधिकार होता है शादी हो जाने के बाद उनका अधिकार ससुराल में होता है हाँ यदि मायके में माता पिता नहीं हैं भाई नहीं हैं तो लड़की का अधिकार होता है। अगर उनके भाई हैं तो अधिकार मांगने पर उनका विवाद हो सकता है। भारत सरकार ने कानून को बहुत तेजी से लागू किया है उसके बाद अगर मायके में माता पिता नहीं हैं कोई नहीं हैं तो महिलाओं का अधिकार मायके में होता है।अगर भाई भौजाई हैं तो उनका अधिकार मायके में नहीं होना चाहिए। उनका कहना है शिक्षा अनमोल रत्न है महिलाओं को शिक्षित होना बहुत जरूरी है भारत सरकार के द्वारा बहुत सारे योजनाएं निकाली गयी हैं लेकिन अशिक्षित महिलाएं जानकारी के अभाव में उसका लाभ नहीं ले पाती हैं।शिक्षित महिलाएं आज हर जगह काम कर रही हैं सामूहिक कार्य है, सिलाई मशीन का काम है, अस्पतालों में काम है, जहां भी जाते हैं, महिलाएं काम कर रही हैं, अशिक्षित महिलाएं सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रही हैं। अगर वे शिक्षित हैं, तो उन्हें मोबाइल के माध्यम से और सरकार के माध्यम से, जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से, ग्राम उद्योगों के माध्यम से जानकारी मिलती है,

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से राहुल शुक्ला से बातचीत की। बातचीत में राहुल शुक्ला का कहना है कि महिलाओं को शादी से पहले मायके में अधिकार होता है शादी के बाद ससुराल में अधिकार होता है। यदि उनके माता पिता भाई ना हो तो मायके में शादी के बाद उनका अधिकार हो सकता है। उनका कहना है कि महिलाओं को शिक्षित हो और आगे हो

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से महेंद्र प्रताप सिंह से बातचीत की। बातचीत में महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि महिलाओं को पिता की सम्पत्ति में हक़ मिलना चाहिए। अगर लड़की चाहती है मायके में तो उनका पूरा अधिकार है शादी होने के बाद उनका ससुराल में उनका पूरा अधिकार होता है। लेकिन यदि उनका भाई होगा तो अधिकार मांगने पर विवाद भी हो सकता है। लेकिन यदि वे मायके में चाहती हैं ससुराल में किसी तरह की समस्या आती है तो और वो चाहती है अधिकार पाना तो पिता की मर्जी से अधिकार ले सकती हैं। कानून बन गया है लड़का लड़की को बराबर का अधिकार मिलना चाहिए लेकिन शिक्षा जरूरी है। उनका कहना है महिलाओं को शिक्षित होना बहुत जरूरी है तभी कोई कार्य कर सकती हैं अगर वे शिक्षित नहीं होंगे तो आने वाली पीढ़ी भी शिक्षित नहीं होगी। अगर वे शिक्षित हैं तो वे अपने बच्चों को भी शिक्षित कर सकते हैं। शिक्षा का महत्व उद्योग से भी ज्यादा है अगर महिलाएं शिक्षित हो, तो घर का कोई भी उद्योग, अचार बनाना, पापड़ बनाना, सभी काम कर सकते हैं। सिलाई कढ़ाई का काम करने के लिए भी महिलाओं को नाप वग़ीरह लेने के लिए शिक्षित होना जरूरी है।