उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से मोबाइल वाणी के माध्यम से विशाल सिंह बता रहे हैं कि ग्राम सभा सिंहपुर में पानी की टंकी लगाने से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है और तालाब और नाली की सफाई भी नहीं हुई है। जिस पर अब तक कोई काम नहीं हो रहा है, इस वजह से तालाब गंदा है और कुछ लोगों के गल्ला और राशन कार्ड नहीं मिल रहे हैं। जब हमने मौके पर जाँच की, तो जनता से पूछा गया। तो अधिकारी द्वारा कोई जवाब नहीं मिला ।

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से मोबाइल वाणी के माध्यम से रुखसार बानो बता रही हैं कि नेबुई कला में उन्हें विधवा पेंशन नहीं मिल रही है और तालाब और नरेगा के माध्यम से नाली की सफाई भी नहीं हुई है। लोगों को कोई काम नहीं हो रहा है, इस वजह से तालाब गंदा है और कुछ लोगों के गल्ला और राशन कार्ड नहीं मिल रहे हैं। जब मौके पर जाँच की, लेकिन अधिकारी द्वारा कोई जवाब नहीं मिला ।

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से मोबाइल वाणी के माध्यम से हसीना बानो बता रही हैं कि नींबू कला में पानी की टंकी लगाने के बाद भी पानी की सप्लाई नहीं हो रही है और तालाब और नरेगा के माध्यम से नाली की सफाई भी नहीं हुई है। लोगों को कोई काम नहीं हो रहा है, इस वजह से तालाब गंदा है और कुछ लोगों के गल्ला और राशन कार्ड नहीं मिल रहे हैं। जब मौके पर जाँच की, लेकिन अधिकारी द्वारा कोई जवाब नहीं मिला ।

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से कंदरा नेबुई कला की स्थानीय निवासी मुन्नी से बातचीत की। उन्होंने बताया कि वे कंदरा नेबुई कला में पानी तथा मनरेगा से वंचित है

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से साक्षी तिवारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं की समाज में जागरूकता लाने से लैंगिक असमानता को दूर किया जा सकता है।भूमि की समानता सदियों से भारतीय समाज में एक व्यापक और जटिल समस्या रही है। लैंगिक असमानता को समाप्त करने के लिए समाज में जागरूकता पैदा करनी होगी, तभी पुरुष और महिला के बीच भेदभाव को समाप्त किया जा सकता है।

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उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से साक्षी तिवारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं की लैंगिक असमानता का मुख्य कारण महिलाओं का अशिक्षित होना है।महिलाओं के लिए शिक्षित होना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि किसी व्यक्ति के खिलाफ उसकी जाति, धर्म, सामाजिक और आर्थिक स्थिति या लिंग के आधार पर भेदभाव भी लैंगिक असमानता का मुख्य कारण है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से साक्षी तिवारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं की लैंगिक असमानता हमारे समाज के लिए एक चुनौती है।एक ऐसी सोच है जो सभी को हमारे बुनियादी अधिकारों, अवसरों और सामाजिक स्थिति में समान मानती है। समानता का मूल अर्थ किसी व्यक्ति के साथ उसकी जाति, धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव करना नहीं है। लैंगिक असमानता न केवल महिलाओं बल्कि पूरे समाज को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। और घर पर लिए जाने वाले निर्णयों में महिलाओं की कोई भूमिका नहीं होती है। महिलाओं को शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। आर्थिक क्षेत्र में महिलाओं और पुरुषों के काम में बहुत अंतर है।

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