उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से स्थानीय निवासी रामराज से बातचीत की। उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र में ना तालाबों में कार्य कराया जा रहा है और ना ही पानी की टंकी की व्यवस्था कराई जा रही है

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उनके क्षेत्र में मनरेगा के तहत काम नहीं मिल रहा है और ना है तालाबों में कार्य कराया जा रहा है

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से साक्षी तिवारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को नहीं मिल रहा उनका अधिकार।आदिवासी समूहों की महिलाओं को वर्षों से वोट बैंक के रूप में देखा जाता रहा है। जनजातीय समूहों की महिलाओं को स्वतंत्रता के बाद से राजनीतिक दलों द्वारा राजनीतिक भागीदारी से जोड़ा गया है। वे बुनियादी मुद्दों के बारे में जल्दी और अनजान रहे हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने मुद्दों को राजनीतिक दलों के साथ उठाएं और अपना घोषणापत्र तैयार करें। शिक्षा कल्याण योजना, नागरिक दस्तावेजों तक पहुँच के लिए समुदाय के लिए अलग बजट और जाति आधारित जनगणना घोषणापत्र से समुदाय की कुछ प्रमुख मांगें हैं। अधिकांश महिलाएं अब मुख्यमंत्री के रूप में अपना जीवन यापन करती हैं और उनके पास आधार कार्ड, सार्वजनिक प्रमाण पत्र, पैन कार्ड और चुनाव कार्ड होने के कारण मतदाताओं के रूप में पंजीकरण करना मुश्किल हो जाता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज हम सभी अत्यधिक गर्मी से पीड़ित हैं, इसलिए ऐसी गर्मी में जितना हो सके उतना पानी पीएँ अन्यथा यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा नहीं होगा। ऐसी भीषण गर्मी में लोगों को अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए और पानी वाले फलों का सेवन भी करना चाहिए ताकि शरीर में पानी का स्तर बना रहे।

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लोग अभी भी लड़कियों को बोझ क्यों मानते हैं? आज हम ऐसी सामाजिक व्यवस्था बनाने में विफल रहे हैं जिसमें हम विफल रहे हैं। लैंगिक समानता है, कभी-कभी लैंगिक समानता को उपहास के साथ देखा जाता है, लैंगिक असमानता भारत सहित दुनिया के कई देशों में देखी जाती है, जिसे विकसित माना जाता है। जहाँ तक भारत का संबंध है, दहेज प्रथा, विवाह, दुल्हन की विदाई, पितृसत्तात्मक समाज, अंतिम संस्कार के लिए बेटे की अनिवार्यता और कबीले को चलाने के लिए बेटे का मोह इसके मूल कारण हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज भी लड़कों की तुलना में लड़कियों को अधिक कैद में रखा जाता है। यह किसी गांव या शहर की बात नहीं है। भारत में, स्वतंत्रता के साथ, कई महिलाओं को सरकार और संविधान द्वारा समान अधिकार दिए गए थे, लेकिन घरों और परिवारों में, महिलाओं को अभी भी विभिन्न कारणों से समान अधिकार नहीं दिए गए हैं। ये परिवार में शामिल महिलाओं और पुरुषों की मानसिकता और सोच के आधार पर छूट और प्रतिबंधों के संबंध में निर्णय हैं। इसलिए खुद एक महिला होने के बावजूद महिलाओं को दबाया जाएगा, छोटी-छोटी गलतियां की जाएंगी, अपनी बेटी और बहू को अपमानित किया जाएगा, अगर किसी लड़की को लगता है कि उसे दबाया जा रहा है, तो उसे पहले अपने परिवार की महिलाओं से बात करनी चाहिए। अगर लड़की साक्षर और आर्थिक रूप से स्वतंत्र है, तो किसी को सुनने की कोई विशेष आवश्यकता नहीं है, कोई भी कमाने वाली या कामकाजी लड़की से कुछ भी कहने की हिम्मत नहीं करता है।

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दुनिया की बीस प्रतिशत ऑक्सीजन का उत्पादन अमेज़न के जंगलों में होता है। हो सकता है कि आप इसे नहीं जानते हों, लेकिन पेड़ पृथ्वी पर सबसे पुराने जीवित प्राणी हैं। पेड़ उम्र के कारण कभी नहीं मरते हैं और पृथ्वी पर मनुष्य के जन्म के बाद से लगभग तीन खरब पेड़ काटे गए हैं, इसके अनुसार दुनिया में फुटबॉल के मैदान के बाद हर दो सेकंड में। हर साल जिस दर से पेड़ लगाए जा रहे हैं, उससे दोगुनी दर से वनों की कटाई की जा रही है, यानी हर साल मनुष्यों द्वारा पांच अरब पेड़ लगाए जा रहे हैं, जबकि काटे जा रहे पेड़ों की संख्या है एक पेड़ एक दिन में इतनी ऑक्सीजन उत्सर्जित करते हुए एक वर्ष में लगभग 21 दशमलव सात किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है कि चार लोग पृथ्वी पर रह सकते हैं। पेड़ों की संख्या मानव मस्तिष्क में शवों, चिताओं और कोशिकाओं की संख्या से अधिक है। पृथ्वी पर लगभग तीन खरब दस अरब पेड़ हैं। रूस में दुनिया में सबसे अधिक पेड़ हैं। रूस के पास लगभग छह हैं। वहाँ छह सौ बयालीस करोड़ पेड़ हैं। दुनिया के पेड़ों के अनुसार, एक व्यक्ति के लिए चार सौ चौंसठ सौ बाईस पेड़ बचे हैं। प्रत्येक भारतीय के लिए केवल अट्ठाईस पेड़ बचे हैं। यदि पेड़ एक पंक्ति में हैं, तो वे दो हैं। फूल मिट्टी के स्तर को पचहत्तर प्रतिशत तक कम कर देते हैं जबकि आने वाले फूल मिट्टी के स्तर को पचास प्रतिशत तक कम कर देते हैं। दुनिया की बीस प्रतिशत ऑक्सीजन का उत्पादन अमेज़न के जंगलों से होता है। ये वन 8 करोड़ हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से साक्षी तिवारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं की हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। पर्यावरण संरक्षण, आर्थिक और सामाजिक महत्व जैसे विकास के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष ज्ञान दिया गया है। महिलाएँ समाज की संपत्ति हैं। देश भर में 70 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह हैं क्योंकि महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रही है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से गांव जैसवरा के स्थानीय निवासी सुशील कुमार तिवारी से बात किया उन्होंने बताया की क्षेत्र के नालियां तथा सड़क की स्थिति ठीक नहीं है।