उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लड़कियों की शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि जब एक लड़की शिक्षित होती है तो उसका पूरा परिवार बच जाता है। हमारी संस्कृति में यह माना जाता है कि हमारे परिवार में घर के कामों की जिम्मेदारी महिलाओं के हाथों में होती है क्योंकि पुरुष कमाने के लिए बाहर जाता है। घर की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए बच्चे की पहली शिक्षिका मां होती है। इसलिए अगर माँ शिक्षित है, तो यह संभव है कि शिक्षा उसके लिए अपने बच्चों की परवरिश में बहुत उपयोगी होगी, वह अपना ज्ञान अपने बच्चों को देगी।

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन आजकल उनके नाम कोई नहीं जानता।

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से स्थानीय निवासी खेमचंद से बातचीत की उन्होंने बताया की उन्हें वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाना है।

Transcript Unavailable.

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि गर्मियों के मौसम में गर्म हवाओं और तेज धूप के कारण विभिन्न बीमारियों का खतरा रहता है। निर्जलीकरण या लू लगने और उल्टी की समस्या आमतौर पर देखी जाती है, इसलिए गर्मियों के दिनों में हमें अपने आहार का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। प्रशीतित भोजन खाने से बचें क्योंकि इससे खाद्य विषाक्तता हो सकती है।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लैंगिक समानता की दिशा में कितना काम किया गया है। यह कहा जा सकता है कि इस लक्ष्य को 2030 तक प्राप्त करना मुश्किल है, हालांकि अब तक लगभग इकतालीस देशों ने लैंगिक समानता का कम से कम एक लक्ष्य हासिल किया है, लेकिन अगर आप पूरी स्थिति को देखें तो स्थिति चिंताजनक है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लैंगिक असमता के कुछ जिम्मेदार कारक भी है ,जैसे कि प्राचीन काल से ही पुत्र को प्राथमिकता दी जाती है

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी महिलाओं और पुरुषों के समान दर्जा नहीं दिया जाता है।हमारा समाज जिसमें पुरुषों और महिलाओं का समान योगदान हो, फिर भी देश के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति संकीर्ण सोच न केवल आधी आबादी बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास में बाधा डाल रही है।