उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है की धन और एजेंसी को ऋण देने की प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता है ताकि सूचित निर्णय ले सकें, सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में भाग ले सकें और चुनावों में असमानताओं को कम कर सकें। यह भारतीय प्रगति को चुनौती देने और विकास को आगे बढ़ाने की क्षमता के कारण बहुत प्रासंगिक है। महिला सशक्तिकरण न केवल लैंगिक समानता प्राप्त करने के लिए बल्कि भारत की प्रगति के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह विकास के लिए एक उत्प्रेरक भी है क्योंकि यह महिलाओं की पूरी क्षमता को उजागर करता है और एक अधिक समावेशी और समृद्ध समाज को बढ़ावा देता है। वे उन्हें आवश्यक सहायता संसाधन और अवसर प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अपनी पहलों के माध्यम से वे सक्रिय रूप से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हैं और उनके अधिकारों की वकालत करते हैं।
भारत में महिला सशक्तिकरण को कई चुनौतियों और बाधाओं का सामना करना पड़ता है जो समानता और समाज में पूर्ण भागीदारी की दिशा में जाती हैं। लिंग आधारित हिंसा उनकी प्रगति को बाधित करती है, जैसे कि घरेलू हिंसा, यौन हमला, उत्पीड़न और दहेज से संबंधित अपराध महिलाओं को शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से नुकसान पहुंचाते हैं। अवसरों को सीमित और सीमित करें, और दूसरा, शिक्षा और सीमित पहुंच, गरीबी, सांस्कृतिक मानदंड और अपर्याप्त बुनियादी ढांचे जैसी बाधाएं लड़कियों के लिए एक नाम प्रदान करती हैं। नामांकन दर को कम करता है, जो उनके कौशल विकास और आर्थिक संभावनाओं को बाधित करता है तीसरा, व्यावसायिक प्रतिक्रियाशीलता और नेतृत्व के पदों को नियुक्त करने में लैंगिक वेतन असमानता। प्रतिनिधित्व की कमी महिलाओं और पुरुषों के बीच वेतन असमानता में योगदान देती है, जिससे आर्थिक स्वतंत्रता और निर्णय लेने की शक्ति सीमित हो जाती है। राष्ट्रीय और राज्य स्तरों पर सीमित राजनीतिक प्रतिनिधित्व। राजनीतिक निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है, जो नीति निर्माण में महिलाओं के दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं को शामिल करने में बाधा डालता है। गहरे जड़ वाले पितृसत्तात्मक मानदंड, लिंग रूढ़िवादी और भेदभावपूर्ण रीति-रिवाज महिलाओं की स्वच्छता और अवसरों को प्रतिबंधित करते हैं, जिससे दृष्टिकोण को बदलने और लिंग समानता को बढ़ावा देने की निरंतर आवश्यकता होती है।
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उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला के मौजा कान भारी से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से नीरज कुमार श्रीवास्तव से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री द्वारा दी गयी नल जल योजना के तहत पानी नहीं मिल रहा है.साथ ही राशन कार्ड की समस्या है।
उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पाण्डेय मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिला सशक्तिकरण का मतलब अपने शब्दों में ही महिलाओं को सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए आत्मनिर्भर और समान दर्जा देना है। यानी महिला सशक्तिकरण इसलिए है क्योंकि इस आधुनिक युग में जिस गति से महिलाएं आगे बढ़ रही हैं, जिस गति से उनका शोषण किया जा रहा है, महिलाओं के सम्मान के नाम पर उनका अपमान भी किया जा रहा है,महिलाओं के बारे में हमारे देश में महिलाओं को नारी नारितु नारायणी कहा जाता है और सम्मानित भी किया जाता है, लेकिन सभ्यता से प्रभावित लोग महिलाओं की स्वतंत्रता के नाम पर हमारे बच्चों और युवाओं को बॉलीवुड के माध्यम से अश्लीलता परोशने का कार्य किया जा रहा है। जो महिलायें पूजनीय हैं उनका भी अपमान किया जाता है
उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से भवानीपुर के स्थानीय निवासी अरुण कुमार यादव से बातचीत की उन्होंने बताया की उनके घर में पानी का सप्लाई नहीं हो रहा है और क्षेत्र की सड़क बहुत ख़राब है
सत्तारूढ़ दल के लोगों या मौजूदा विधायक, सांसद या अधिकारी की मिलीभगत से उन्हें रोकने के लिए बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से बेलें निकाली जा रही हैं। जो रक्षक है वह सभी का रक्षक होना चाहिए, तो उसका स्तर नहीं दिखाई देगा
उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से राजेश पाठक मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की समाज में अधिकांश निर्णय पुरुष वर्ग द्वारा लिए जाते हैं, महिलाएं निर्णय से वंचित रहती हैं और उन निर्णयों में संपत्ति का अधिकार भी महत्वपूर्ण है। यदि भागीदारी का अधिकार सुनिश्चित किया जाता है, तो निश्चित रूप से संपत्ति महिलाओं के नाम पर आएगी क्योंकि वे भी संपत्ति को अपने नाम पर रखने का निर्णय ले सकेंगी। यदि निर्णय लेने में महिलाओं की भूमिका सुनिश्चित की जाए तो महिलाओं के लिए यह बहुत अच्छा निर्णय होगा कि संपत्ति में उनका नाम भी शामिल किया जाए।
उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला के मौजा भूपगंज से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से रमेश कुमार पिता का नाम धर्मपाल से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री द्वारा पानी की टंकी लगाई है, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं है साथ ही उन्हें राशन भी नहीं मिलता ,रोड की भी व्यवस्था नहीं है।