दोस्तों,14 नवंबर, 1889 को जन्मे देश के प्रथम प्रधानमंत्री और बच्चों के चहेते चाचा नेहरू के नाम से प्रचलित पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के अवसर पर देश भर में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है ।इस दिन न सिर्फ पंडित नेहरू को सच्चे मन से श्रद्धांजली अर्पित की जाती है, बल्कि बच्चों को उनके शिक्षा, स्वास्थ्य संबंधित अधिकारों के प्रति भी जागरूक किया जाता है।आइये हम भी आज उन्हें याद करें और उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प करें। मोबाइल वाणी परिवार के तरफ से बाल-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !!
बिहार राज्य के नवादा ज़िला के पक्रिब्रमा से संगीता कुमारी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से जीतेन्दर कुमार से हुई। जीतेन्दर कहते है कि ये अक्सर मोबाइल वाणी की ख़बरें सुनते है और इससे काफी अच्छे से प्रभावित हुए है। पहले लोग की सोच थी की महिला चार दीवारी में ही रहने के लिए है। पर मोबाइल वाणी से प्रभावित हुए है कि महिला को सामान अधिकार मिलना चाहिए। सभी क्षेत्र में जैसे शिक्षा ,जमीन ,कार्य में बराबर का अधिकार देना चाहिए। ये भी खुद के विचार में बदलाव लाना चाह रहे है कि आगे अपने जमीन में बेटा और बेटी को बराबर का अधिकार देंगे ताकि वो अच्छे से जीवन यापन कर सके। जमीन का रजिस्ट्री महिला के नाम से हो और उसके पुत्र और पुत्री को सामान अधिकार मिले
बिहार राज्य के नवादा जिला के नारदीगंज प्रखंड से तारा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से करीना कुमारी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान करीना ने बताया कि उन्होंने मोबाइल वाणी पर चल रहा कार्यक्रम अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम सुना और अपनी माँ को भी सुनाया। साथ ही इस कार्यक्रम प्रेरित हो कर उन्होंने अपनी माँ के पास संपत्ति में अपने अधिकार की मांग रखी। जिसके बाद उनकी माँ ने सभी बेटियों को संपत्ति में बराबर का हिस्सा दे दिया है
बिहार राज्य के नवादा जिला के नारदीगंज प्रखंड से तारा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मिंटू कुमारी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान मिंटू ने बताया कि उन्होंने मोबाइल वाणी पर चल रहा कार्यक्रम अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम सुना और इस कार्यक्रम से प्रेरित हो कर उन्होंने अपने पिता के पास संपत्ति में अपने अधिकार की मांग रखी। जिसके बाद उनके पिता ने सभी भाई बहन को संपत्ति में बराबर का हिस्सा दे दिया है
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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ श्री जिव दास साहू आलू की खेती के लिए खाद और सिचाई से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं। इसकी पूरी जानकारी सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
बिहार राज्य के जिला नवादा से बिंदु देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सृष्टि कुमारी से हुई। सृष्टि कुमारी यह बताना चाहती है कि महिला अगर शिक्षित होगी तो पूरा परिवार शिक्षित होगा।महिला किसी की पहली टीचर होती है।
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा मसूर फसल की बुवाई से सम्बंधित जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .
पिछले छह महीने से चल रहे कार्यक्रम 'अपनी जमीन अपनी आवाज़ ' को काफी हद तक श्रोताओं ने सराहा है और सभी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कई श्रोताओं ने इस कार्यक्रम को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया भी दिया । कार्यक्रम के माध्यम से समाज में कई परिवर्तन आ रहा है। एक महिला को पति के देहांत के बाद ससुराल से निकाल दिया गया ,मायके से सहयोग तो मिला पर भाई की तरफ से सहयोग नहीं मिला। पिता को पैतृक संपत्ति में बेटी का अधिकार की जानकारी नहीं थी ,पर कार्यक्रम के ज़रिये पिता को समझाया गया जिसके बाद उन्हें जमीन में हिस्सा मिला ,जिसके माध्यम से वो सशक्त और आत्मनिर्भर बनी। वहीं एक महिला उर्मिला देवी का कहना है कि इनके घर में अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम सुना जाता है और इस कार्यक्रम से प्रभावित हो कर विचार में बदलाव आया और यह निर्णय लिया कि वो अपनी बेटी को दहेज़ न देकर जमीन का हिस्सा देंगी। दोस्तों , भले ही कार्यक्रम समाप्त हो रहा है लेकिन समाज में बदलाव की बयार धीरे धीरे ही सही बहने लगी है।
पिछले छह महीने से चल रहे कार्यक्रम 'अपनी जमीन अपनी आवाज़ ' को काफी हद तक श्रोताओं ने सराहा है और सभी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कई श्रोताओं ने इस कार्यक्रम को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया भी दिया । कार्यक्रम के माध्यम से समाज में कई परिवर्तन आ रहा है। कार्यक्रम के माध्यम से एक महिला के जीवन में बहुत बदलाव आये है। उन्हें ये समझ आया की अपनी बहु और बेटियों को भी अच्छा जीवन देना चाहिए। जैसा परिस्थिति उन्होंने देखा है वो उनके बच्चो पर नहीं आना चाहिए। जब उन्हें हिस्सा मिला तो, ये हिस्सा उन्हें अपनी बहु और बेटियों को भी देना चाहिए। बलरामपुर जिला की रहने वाली एक महिला के पति ने इस कार्यक्रम से प्रेरित हो कर 18x100 का प्लॉट अपने पत्नी के नाम कर दिया। दोस्तों , भले ही कार्यक्रम समाप्त हो रहा है लेकिन समाज में बदलाव की बयार धीरे धीरे ही सही बहने लगी है।
