सरकार को भारत रत्न देने के अलावा किसानों को उनके अधिकार भी देने चाहिए , आखिर उनकी मांग भी तो बहुत छोटी सी है कि उन्हें उनकी फसलों का बेहतर मूल्य मिले। हालांकि किसानों की इस मांग का आधार भी एम एस स्वामीनाथन समिति की सिफारिशें हैं जो उन्होंने आज से करीब चार दशक पहले दी थीं। इन चार दशकों में न जाने स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करने का वादा करके न जाने कितनी सरकारें आईं और गईं, इनमें वर्तमान सरकार भी है जिसने 2014 के चुनाव में इन सिफारिशों को लागू करने का वादा प्रमुखता से किया था। -------दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं, क्या आपको भी लगता है कि किसानों की मांगो को पूरा करने की बजाए भारत रत्न देकर किसानों को उनके अधिकार दिलाए जा सकते हैं? --------या फिर यह भी किसानों को उनके अधिकारों को वंचित कर उनके वोट हासिल करने का प्रयास है.

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा गेंहू की फसल में सिंचाई प्रबंधन के बारे में बता रहे है । विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा लोबिया की खेती के बारे में बता रहे है । विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा, मछली पालन कब और कैसे कर सकते है इस बारे में जानकारी दे रहे है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा ,रबी फसलों में खरपतवार प्रबंधन की जानकारी दे रहे है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

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सरकार आवारा पशुओं से किसने की फसल बचाने के लाख दावे करें परंतु आज भी सैकड़ो आवारा पशु किसने की फसलों को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं इसलिए आवारा पशुओं से किसने की नींद भी हराम हो चुकी है क्योंकि दिन भर किसान खेतों में काम करता है या मजदूरी करता है और रात में आवारा पशुओं से फसल को बचाने के लिए सर्द रातों में मचान बनाकर खेतों की रखवाली करता है इसलिए सरकार को इस और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। से किसानों की फैसले बच सकें।

जहां एक और सरकार द्वारा पहले से ही नहरों और सरकारी नलकूपों की सिंचाई माफ कर दी गई थी वहीं अब निजी नलकूपों की सिंचाई भी माफ किए जाने की सरकार ने घोषणा की है बावजूद इसके किसानों को निजी नलकूपों से सिंचाई करने के बाद₹200 घंटे देने पड़ते हैं वहीं कम पानी आने के कारण किसानों को निजी इंजन चालकों को₹200 घंटे के दर से सिंचाई देनी पड़ती है।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ जीवदास साहू ,पछेती फूलगोभी की खेती की जानकारी दे रहे है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

राजधानी के विकासखंड माल की ग्राम पंचायत रामनगर के किसानों ने आवारा पशुओं से परेशान होकर आज सुबह 9:00 बजे करीब दो दर्जन आवारा पशुओं को परिसर में बंद कर दिया जिसकी सूचना उच्च अधिकारियों को पहुंचने के बाद अधिकारी हरकत में आए और उन्होंने ग्राम पंचायत रामनगर के प्रधान के माध्यम से डाले में भरकर पशुओं को चंदवारा की गौशाला में भिजवा दिया जिससे किसानों को काफी राहत मिलेगी।