आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे अपने श्रोताओं की राय

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम जानेंगे एसएचजी यानि की स्वयं सहायता समुह से जुड़ने के क्या फायदे हैं और इससे जुड़ कर कैसे आप अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं।

सिमडेगा प्रखंड कार्यालय के पुराने भवन परिसर में जिला दिव्यांग संघ की बैठक जिला महासचिव जेवियर सोरेंग की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिव्यांगों की विभिन्न समस्याओं को लेकर विचार विमर्श किया गया

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सिमडेगा भरत वेजिटेबल एंड फ्रूट कंपनी के संचालक सह समाजसेवी भरत प्रसाद ने 15 महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया भरत प्रसाद द्वारा फल व सब्जी का माॅल खोला जाएगा जिसमें सिर्फ महिलाएं काम करेगी 22 जनवरी को माॅल का उद्घाटन सिमडेगा जिले के अधिकारियों द्वारा किया जाएगा

बानो प्रखंड के पबुड़ा गांव की शांति देवी बत्तख पालन कर आत्मनिर्भर बन रही है वह मेहनत व लगन के साथ बत्तख पालन कर अच्छी आय अर्जित कर रही है वर्ष 2014 में जब जेएसएलपीएस के तहत समूह का गठन किया जा रहा था उसी समय शांति देवी समूह से जुड़ी और 10-10 रुपए हर सप्ताह समूह में बचत शुरू की समूह में जुड़ने से पहले परिवार की स्थिति ठीक नहीं थी खेती-बाड़ी से आजीविका चलती थी परिवार का भरण पोषण भी मुश्किल से हो पता था परिवार में अन्य खर्च के लिए समूह से ऋण लेकर गुजारा चलता था इसी बीच बानो आजीविका उत्पादक समूह के हार्डविंग सेंटर से बतख चूजा का वितरण किया जा रहा था उसी समय शांति देवी ने 50 चूजा 3750 में खरीदा फिर कुछ महीने के बाद बतखो ने अंडा देना शुरू किया गांव वालों को पता चला तो वह घर से ही ₹10 की दर से अंडा खरीदने लगे इस प्रकार घर से ही उसका अंडा का व्यापार चल निकाला उन्होंने अंडा बेचकर लगभग 16000 रुपए कमाए उसके बाद बतखो को बेचकर ₹20000 की आमदनी की इसके साथ उसका मनोबल बढ़ा दूसरी बार वह खुद अपना हार्डनिंग सेंटर चलाने के लिए तैयार हुई और 500 बतख रख कर पालन शुरू किया अब शांति देवी बत्तख व अंडा उत्पादन में काफी आगे बढ़ चुकी है क्षेत्र में उनके व्यापार का काफी प्रचार हो रहा है अंडे की मांग सिमडेगा शहर तक होने लगी है व्यापार को बढ़ाने के लिए शांति देवी तालाब भी बनाने में जुट गई है साथ ही सेंटर को बढ़ाने के लिए वह घर भी बना रही है शांति देवी ने बताया कि उनका सपना है कि सेंटर में ही चूजा निकाल कर दूसरे सेंटर में चूजा वितरण करें इसके लिए वह मशीन का आर्डर दे चुकी है साधारण महिला से शांति देवी अब तक की सफर सभी ग्रामीण महिलाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत है

सिमडेगा के हेलेनपुर में सुकन्या सामाजिक जन सहयोग फाउंडेशन ट्रस्ट संस्था का जिला कार्यालय खुला संस्था की ओर से महिलाओं को पापड़ मोमबत्ती अगरबत्ती सिलाई कढ़ाई ,ब्यूटीशियन, नैपकिन पैड, अचार, मेहंदी डिजाइन ,सर्फ, साबुन निर्माण आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा

इसके बरक्स एक और सवल उठता है कि क्या सरकारें चाहती हैं कि वह लोगों का खाने-पीने और पहनने सहित सामान्य जीवन के तौर तरीकों को भी तय करें? या फिर इस व्यवसाय को एक धार्मिक समुदाय को निशाना बनाने के लिए इस तरह के आदेश जारी किये जा रहे हैं। सरकार ने इस आदेश को जारी करते हुए इस बात पर भी ध्यान नहीं दिया कि उसके एक आदेश से कितने लोगों की रोजी रोटी पर असर पड़ेगा

स्वदेशी तकनीक से मछली पालन कर 4 से 5 लाख रुपए रहेे सिमडेगा के हरी राम किसान ने बताया की कैसे 4 सी 5 लाख रुपए कमा रहे है