उत्तराखंड को-ऑपरेटिव बैंक में क्लर्क कैशियर एवं मैनेजर के कुल 232 रिक्त पदों पर भर्ती निकाली गयी है। नोटिफिकेशन के अनुसार इस भर्ती के लिए एप्लीकेशन प्रॉसेस 1 अप्रैल से 30 अप्रैल 2024 तक पूर्ण की जा सकेग। आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से ही किया जा सकता है। फॉर्म भरने से पहले अभ्यर्थी भर्ती के लिए निर्धारित योग्यता अवश्य चेक कर लें।

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उत्तराखंड असिस्टेंट टीचर भर्ती के लिए आवेदन करने वाले सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को बतौर शुल्क 300 रुपये देने होंगे। वहीं आरक्षित वर्ग के कैंडिडेट्स के लिए यह शुल्क 150 रुपये होगा। आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को 12 अप्रैल 2024 तक का समय दिया गया है। वहीं इस वैकेंसी से जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए कैंडिडैट्स को आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करना होगा।

एनवीएस की ओर से जारी सूचना के अनुसार जूनियर ट्रांसलेशन ऑफिसर के पदों पर आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स को हिंदी और इंग्लिश में पीजी की डिग्री होनी चाहिए। इसके अलावा लीगल असिस्टेंट के पद पर भर्ती करने वाले कैंडिडेट्स को लॉ में डिग्री होनी चाहिए। लीगल असिस्टेंट के पद पर अप्लाई करने वाले उम्मीदवारों को कंप्यूटर की नॉलेज होनी चाहिए

एग्जीक्यूटिव पदों पर आवेदन करने से पहले उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे एक बार इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की ओर से जारी ऑफिशियल नोटिफिकेशन को एक बार अच्छी तरह पढ़ लें और उसके अनुसार ही अप्लाई करें क्योंकि अगर उम्मीदवार पात्रता मानदंडों को नहीं पूरा करते हैं तो उनका आवेदन पत्र रिजेक्ट कर दिया जाएगा। ज्यादा जानकारी के लिए कैंडिडेट्स पोर्टल पर विजिट कर सकते हैं।

दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) की ओर से प्रॉसेस सर्वर चपरासी सफाई कर्मचारी चौकीदार नर्स फार्मेसी पीजीटी टीचर एवं विभिन्न पदों पर आवेदन प्रक्रिया शुरू होने वाली है। जो भी उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन करना चाहते हैं वे ऑनलाइन माध्यम से एप्लीकेशन प्रॉसेस में भाग ले सकते हैं। फॉर्म भरने से पहले पात्रता की जांच अवश्य कर लें।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा कृषि में जैव उर्वरक एज़ोला के उपयोग के बारे में बता रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

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भारत में शादी के मौकों पर लेन-देन यानी दहेज की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है. पहले यह वधू पक्ष की सहमति से उपहार के तौर पर दिया जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में यह एक सौदा और शादी की अनिवार्य शर्त बन गया है। विश्व बैंक की अर्थशास्त्री एस अनुकृति, निशीथ प्रकाश और सुंगोह क्वोन की टीम ने 1960 से लेकर 2008 के दौरान ग्रामीण इलाके में हुई 40 हजार शादियों के अध्ययन में पाया कि 95 फीसदी शादियों में दहेज दिया गया. बावजूद इसके कि वर्ष 1961 से ही भारत में दहेज को गैर-कानूनी घोषित किया जा चुका है. यह शोध भारत के 17 राज्यों पर आधारित है. इसमें ग्रामीण भारत पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है जहां भारत की बहुसंख्यक आबादी रहती है.दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आप क्या सोचते है ? और इसकी मुख्य वजह क्या है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *----- और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?

दोस्तों, हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे।अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार चुटकुला, तो रिकॉर्ड करें मोबाइल वाणी पर, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।