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बिहार के नालंदा जिले से सुगंतकांत जीविका मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि वे एक छात्र हैं और बीए पार्ट वन में पढ़ाई करते हैं।वे जीवन में कुछ करना चाहते हैं इसलिए अपने घर से 15 किलोमीटर दूर रह कर पढाई कर रहे हैं।युवाओं की जिंदगी में भी बहुत सी दिक्कत आती है। छात्रों को नियमित दस घंटे पढ़ाई करना चाहिए और जहाँ तक पैसों की बात है तो वे टियूशन पढ़ा कर भी सकते हैं।

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साथियों, हक़ की बात कार्यक्रम के जरिये आज सुनते हैं आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रवासी श्रमिकों, फेरीवालों एवं किसानो के व्यवसाय के लिए लोन के बारे में। विस्तारपूर्वक जानकरी के लिए ऑडियो में क्लिक करें

दोस्तों, दिल्ली समेत देश के कई दूसरे राज्यों में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ा दिया गया है. केन्द्र सरकार ने लॉकडाउन को आखिरी विकल्प के तौर पर रखा है पर राज्यों में कुछ छूट के साथ लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू लगाया जा रहा है. जाहिर सी बात है कि इससे जनता की भलाई होगी पर समाज का एक वर्ग वो भी है जो रोजाना काम करता है और दैनिक मजदूरी से पेट भरता है. लॉकडाउन के कारण उनका जीवन ज्यादा प्रभावित हो रहा है. जब हम ये मसला लेकर लोगों के बीच गए तो लॉकडाउन को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया मिली, आइए सुनते हैं..

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