झारखण्ड राज्य के गिरिडीह जिला के डुमरी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कमिटी सहकारिता विभाग के अध्यक्ष महावीर महतो से जे.एम् रंगीला ने बात बात की। महवीर जी का कहना है की हमारे देश में पहले भी अधिक बारिश हुआ करती थी लेकिन खेती को नुक्सान नहीं हुआ करती थी। लेकिन आज थोड़ा आधी बारिश हो या थोड़ा कम बारिश हो खेती को काफी नुक्सान होता है इसका सिर्फ एक ही कारण है जंगल की कटाई। झारखण्ड में बारिश मात्र पंद्रह दिन के कारण खेती को काफी नुक्सान उठाना पड़ा है। तथा इनका कहना है की फारेस्ट डिपार्टमेंट से जो जंगल लगाया जाता है उसमे अच्छे क़िस्म के पेड़ लगाने चाहिए, तो निश्चित इसका अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा लेकिन फारेस्ट डिपार्टमेंट से जो पेड़ लगाए जाते हैं वो तीन से चार साल में आंधी पानी में पेड़ गिर जाता है। तथा सरकारी योजनाओं के अंतर्गत मनरेगा के तहत यदि ठीक ढंग से कार्य हों तो भी पर्यावरण को काफी फ़ायदा होगा। क्यूंकि मनरेगा के अंतर्गत वृक्ष रोपण, डोभा तालाब आदि आता है जो की की सीधे सीधे पर्यावरण पर असर डालता है.

गांव आजिविका और हम विषय पर बायोगैस संयंत्र पर विशेष बातचीत के तहत खादी ग्रामोद्योग से एस कुमार सिन्हा जी के साथ विशेष बातचीत

मध्यप्रदेश राज्य के छिंदवाड़ा जिला दिनकर पातुलकर ने मोबाइल वाणी के माध्यम से कृषि विशेषज्ञ पराड़कर से बातचीत किया। बातचीत के दौरान कृषि विशेषज्ञ पराड़कर ने बताया की मौसम में बदलाव के वजह से किसान को नुकसान तो हो रहा है। लेकिन अगर किसान खेती को अपने फायदे के तोर पर देखे तो इससे किसान को जरूर फायदा होगा

झारखण्ड राज्य के गिरिडीह जिला से राजेश कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से नवल किशोर से बातचीत किया। बातचीत के दौरान नवल किशोर ने बताया की, मौसम में बदलाव होने के वजह से किसान को नुक्सान हो रहा है। ज्यादा बारिश होने से फसल नस्ट हो रहा है, कभी अधिक ठण्ड होने से भी फसल ख़राब हो रहा है

झारखण्ड राज्य के गिरिडीह जिला से अधिवक्ता अभय कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि मौसम में बदलाव का मुख्य कारण प्रदूषण है। जिससे बचाव के लिये अधिक से अधिक पेड़ पौधा लगाना चाहिए। साथ ही जंगल को बचाना होगा और जंगल लगाना होगा। हमें प्लास्टिक के उपयोग से दूर रहना होगा।क्लाइमेट चेंज हो रहा है मौसम में बदलाव आ रहा है जिससे प्रकृति हो या मनुष्य का जीवन हो या पशु पक्षियों का जीवन प्रदूषण की वजह से प्रभावित हो रहा,वायु प्रदूषण से सभी का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। प्रकृति से खिलवाड़ हो रहा है। अनाज के उत्पादन में ऑर्गेनिक खाद का उपयोग की जगह पेस्टिसाइड का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है जिससे उपज प्रभावित हो रहा है।पानी प्रदूषित हो रहा है पानी शुध्द नहीं मिलता है आज के समय में गाड़ियों का इस्तेमाल अधिक हो रहा है , वैसी गाड़ियां चल रही है जो अधिक कार्बन उत्सर्जित करती हैं जिससे प्रकृति का संतुलन बैलेंस बिगड़ रहा है। प्रकृति का जो बैलेंस है वह बना रहे इसके लिए संकल्प लेने की जरुरत है और अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने की जरुरत है।

झारखंड राज्य से गिरिडीह जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता राजेश ने राजद प्रदेश महासचिव गिरेन्द्र प्रसाद यादव से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने बताया की मौसम में बदलाव प्रकृति की देन है। लेकिन हमारे राज्य में कई फैक्ट्रियों का संचालन हो रहा है। जिससे प्रदूषण बहुत बढ़ा है। इस पर सरकार द्वारा कोई दबाव भी नहीं बनाया जाता है। इससे हम सभी का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।मौसम में बदलाव से खेती भी प्रभावित हो रही है। ख़ास कर इंडसट्रीयल क्षेत्र की भूमि पर प्रदूषण के कारण मोटी परत जम जाती है। इससे वहाँ की भूमि पर उपज ही नहीं हो पाती है।इन समस्याओं से बचाव के लिए प्रदूषण बोर्ड को आगे आना चाहिए। जितनी भी फैक्ट्री हैं, उन्हें मानकों के अनुरूप चलाने का निर्देश दिया जाना चाहिए।समय-समय पर इसकी जाँच भी होते रहनी चाहिए। इसके साथ ही जिला प्रशासन को भी आगे बढ़ कर इस समस्या पर काम करना चाहिए