झारखण्ड राज्य के गिरिडीह ज़िला के बगोदर प्रखंड से बहादुर हेम्ब्रोम की बातचीत गिरिडीह मोबाइल वाणी के माध्यम से नरेश मरांडी से हुई। नरेश बताते है कि अचानक मौसम बदलने से गर्मी बढ़ी है। गर्मी बढ़ने से पानी का स्तर घट रहा है। चापानल और तालाब सूख रहे है। इससे फसलों को नुक्सान हो सकता है साथ ही भुखमरी की स्थिति आ सकती है
झारखण्ड राज्य के गिरिडीह ज़िला के बगोदर प्रखंड से बहादुर हेम्ब्रोम की बातचीत गिरिडीह मोबाइल वाणी के माध्यम से श्याम देव मरांडी से हुई। श्याम देव बताते है कि जलवायु परिवर्तन होने से जल स्तर घट गया है ,जिस कारण खेतों में पानी नहीं दे पा रहे है। इनके क्षेत्र में डोभा निर्माण को लेकर स्वीकृति मिली है और डोभा के लिए गड्ढा किया गया है ,जब बरसात के मौसम में पानी डोभा में एकत्रित होगा तो आगे चल कर सिंचाई करने में मदद मिलेगी।
झारखण्ड राज्य, बगोदर प्रखंड से बहादुर राम मोबाइल वाणी के माध्यम से एक व्यक्ति से बात कर रहें हैं। महेन्दर हेमरोम गांव के सरपंच का कहना है की ज़्यादा छुप के कारण पानी सुख जा रहा है। पानी की काफी समस्या हो रही है तथा इन लोगों को खेती के लिए भी पानी नहीं मिल पा रहा है। साथ ही इनका कहना है की ये सरकार से डोभा का मांग किये हैं तो अगर इस गर्मी में डोभा खोदा जाएगा तो उसमे बारिश का पानी जमा होने में भी समय लगेगा। तब तक तो समस्या बानी ही रहेगी
झारखण्ड राज्य के गिरिडीह जिला के बगोदर प्रखंड से बहादुर ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सामदेव से बातचीत। किया। बातचीत के दौरान श्यामदेव ने बताया की बारिश नहीं होने के वजह से ये सिचाई नहीं कर पाए। लेकिन मनरेगा के द्वारा इनके खेत में डोभा का निर्माण किया गया है, जरूरत होने पर ये उसी पानी का इस्तेमाल कर के अपने खेतो की सिंचाई करेंगे
झारखंड राज्य के गिरिडीह ज़िला से मोबाइल वाणी संवाददाता ओमप्रकाश जानकारी दे रहे हैं की अभी के अपेक्षा पहले मौसम में बदलाव बहुत कम होता था। पहले वर्षा बहुत जल्दी-जल्दी होती थी। लेकिन अब वर्षा बहुत कम होती है।अभी दूसरी खेती करने का सोच रहे हैं। लेकिन वर्षा नहीं होने के कारण किसान खेतों में नई फसल नहीं लगा पा रहे हैं। इसके साथ ही बीमारियाँ भी बहुत ज्यादा बढ़ रही है
झारखंड राज्य के गिरिडीह जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता राजेश कुमार ने त्रिभुवन दयाल से साक्षात्कार लिया। जिसमें उन्होंने जानकारी दी की जलवायु परिवर्तन से लोगों की तबियत खराब हो रही है। लेकिन यह बदलाव अभी के रबी फसल के लिए लाभकारी है। ग्लोबल वार्मिंग पुरे विश्व के लिए बहुत ही खतरनाक है। इससे पूरा विश्व प्रभावित होगा। यह सब अधिक कल-कारखानों के होने के कारण हो रहा है। इसके लिए हम सभी दोषी है।जलवायु परिवर्तन के लिए प्रशासन के साथ ही कल-कारखानों के मालिक और इन्हें कारखाने लगाने की अनुमति देने वाले राज्य सरकार के लोग अधिक जिम्मेदार हैं।
दिल्ली से सुल्तान अहमद मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है की, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ भोपाल के तरफ से आयोजित राष्ट्रीय महासंघ का आयोजन दिनांक 3,4,5 फरवरी को आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में किसानो के प्रमुख मुद्दे खाद, बिजली, बीज और फसा का उचित दाम की मांग सरकार से की गयी
सावित्रीबाई फुले जंयती पर महाराष्ट्र राज्य के अमरावती जिले से वरिष्ठ महिला पत्रकार, लेखिका एवं प्रबोधन कार रज़िया सुल्ताना जी से एक खास मुलाकात
झारखण्ड राज्य से जे.एम् रंगीला मोबाइल वाणी के माध्यम से गिरिडीह जिला के डुमरी प्रखंड के ग्राम पंचायत के छात्र नेता मोती लाल महतो से बात कर रहें हैं। मोती लाल का कहना है की खेती की दिशा और दशा जलवायु परिवर्तन के कारण बदल रहा है और इस परिवर्तन में सबसे बड़ा हाथ जंगल का है पहले जंगल 66% था जो की घाट कर 29% हो गया है। जंगल में कमी के कारण सही समय पर बारिश नहीं हो रही है और बारिश नहीं होने के कारण खेती नहीं हो पा रही है, जिस कारण पुरे भारत में बी भूख मरी की इस्थिति पैदा हो गई है। आज अधिक गर्मी पड़ने के कारण भूमि बंजर हो रही है , जिस कारण मवेशी को चारा नहीं मिल पा रहा है तथा जंगल में उगने वाले छोटे छोटे पौधे सुख जा रहें हैं। इतना ही नहीं आज के समय में यदि ठंढ पद रहा है तो वो भी काफी अधिक पद रहा है और इस परिवर्तन के कारण जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। तथा एक तरह से बेरोज़गार को भी बढ़ाने में जलवायु परिवर्तन का बहुत बड़ा योगदान रहा है
झारखण्ड राज्य के गिरिडीह जिला से जेएम रंगीला ने मोबाइल वाणी के माध्यम से छत्रधारी महतो से बातचीत किया। बातचीत के दौरान छत्रधारी महतो ने बताया की जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारन पेड़ो की कटाई, प्रदूषण है। ऐसे में किसानो की खेती नहीं हो पाती है। तो मजबूर हो कर उन्हें अन्य राज्य में काम करने के लिए जाना पड़ता है। सरकार के द्वारा पेड़ लगाने की योजना चलाई जा रही है। इससे मौसम पर फर्क पड़ेगा