पातेपुर प्रखंड क्षेत्र के गोविंदपुर बेला पंचायत का स्वास्थ उप केन्द्र वर्षों से बंद

बाइस फरवरी से पातेपुर के नौवाचक हाट परिसर में आयोजित अष्टयाम महायज्ञ की तैयारी युद्ध स्तर पर जारी

पातेपुर के सरैया नुन नदी घाट से सुक्की हाईस्कूल जानें वाली सड़क हुई जर्जर

पातेपुर प्रखंड क्षेत्र के मनरेगा मजदूरों को दो महिने से नहीं मिल रहा है मजदुरी का भुगतान

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हैलो दीदी नमस्ते दीदी आपका नाम क्या है हैलो मेरा नाम रेनू देवी है मैं पौरामदान सिंह अच्छी दीदी से ताल्लुक रखती हूं क्योंकि उस समय दो हजार चौबीस की शुरुआत हुई थी । मई के बाद से आपको लगता है कि सभी बच्चों पर शिक्षा का प्रभाव पड़ा है । हाँ , यह ठीक है । बच्चे अब नौ बजे जाते हैं , फिर पाँच बजे आते हैं , इसलिए कोचिंग के लिए समय नहीं है । यह अब हमारे लिए ठीक है । हम लोग का कोचिंग की भी पैसा बस जाता है , स्कूल में पढ़ता है , पढ़ाई पकने से आप कैसा देख रहा है , बच्चा स्तर में अच्छा ही है , प्रभाव तो अच्छा बड़ा रहा है , बच्चे लोग । पहले अगर यह आता था तो यहाँ - वहाँ खेल उसके बाद जाते थे चिंग पटने अब तो उसा टाइम ही ना मिल्ता है सर लोग ठीक है आप बच्चे पर ध्यान दे रहे हैं अपनी मोबाइल वानी के माध्यम से धन्यवाद

हैलो दीदी हैलो मेरा नाम निर्मला देवी दीदी है आप पा लाकड़ा गाँव से कहाँ हैं दीदी आप कितने समय से जीविका सरार से जुड़े हुए हैं ? डेढ़ साल इससे जुड़े हैं , आपको कोई भी लाभ मिलता है , आपको पैसा मिलता है , आपको अच्छा मिलता है , और आपको किसी और चीज का लाभ मिलता है , न कि जब आप यहां जीप या किसी और चीज में आते हैं । दीदी जो आपके घर या समूह में कहीं सीम दीदी के पास जाती हैं , आपको कुछ बताती हैं , हाँ आपको क्या बताती हैं , पैसा आपको पैसे के बारे में बताता है , पैसा आपको खेती या स्वास्थ्य के बारे में बताता है । अभी तो बताई नहीं बताई तो पहले सुन्या ये एक मिनट और पड़ा मिनट के ऊ पहनते हैं , जिसमें आपको याद है कि कुल बाती ना जी होप मी भी रेहता है या सिर्फ आपकी जानकारी है ।

आप मुझे अपना नाम बताएँ तो एरी ना देवी तुन ग्रुप मौरी से ब्लॉक का नाम क्या हुआ । थाय आज के पैसे में क्या चता हंगा आज कोई मीटिंग देखना है जो मिशन तीन महान लिए हम लोगों वो पैसा ऐसा जुगाद । हम कर रहे हैं और हमें बीजों के बारे में पता चला है , हमें खेती के बारे में पता चला है , हां हम कर रहे हैं , हां हम इसके बारे में सोच रहे हैं ।

हैलो नीला बोली पुरिया पुनिया जिलापना क्या है बेवेल जिलियापाकु सामुल जीता हुआ है रोहन जीता रूपल जीता मैं अगर यह लच्छा सार है तो आपको लो कर रहा है ये कर रहा है पंजित की रो का मैं कहा ।

नमस्कार , मैं कुमारी वैशाली हूँ जो मोबाइल वाणी में आप सभी का स्वागत करती हूँ और आज मैं आप सभी को यह बताने जा रही हूँ कि दो हजार चौदह बिस के दशक में शिक्षा पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ा है । पहले कोई भी छात्र स्कूल जाता था या जाना नहीं चाहता था या जाता भी था तो बहुत कम संख्या में ही जाता था । इन सभी विषयों के ऊपर शिक्षा विभाग को जोड़ा गया है जिसमें पचहत्तर प्रतिशत से अधिक उपस्थिति अनिवार्य है और स्कूल के घंटे भी बढ़ा दिए गए हैं । उनकी घंटियाँ और विषय पर भी बहुत ध्यान दिया गया है । इसमें सुबह नौ बजे से शाम के चार बजे तक , शाम के चार बजे के बाद मुफ्त कोचिंग भी शामिल है । जिस तरह से शिक्षा चलाई जा रही है , उस पर बहुत ध्यान दिया गया है , जिसे अब शिक्षा विभाग से जोड़ा गया है ।