उत्तर प्रदेश राज्य के सिधौली इलाके से मोबाइल वाणी संवाददाता बता रहा है कि सिधौली कस्बे के तहसील रोड पर आवारा सालों की लड़ाई में कई राहगीर घायल हो गए और एक गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई. आपको बता दें कि बुधवार सुबह 6 बजे तहसील रोड पर पैदल जा रहे कई लोगों में भगदड़ मच गई. दो साल की लड़ाई शुरू हो गई थी। कुत्तों की लड़ाई करीब एक घंटे तक चली और लोग तहसील लोड पर सौ मीटर से ज्यादा तक दौड़े, इस दौरान कई लोगों ने भागकर खुद को बचाया, कई लोग दूर से ही पलट गए, एक नैनो कार और एक क्रेटा कार भी तहसील लोड पर खड़ी थी .

उत्तर प्रदेश राज्य के अटरिया क्षेत्र से मोबाइल वाणी संवाददाता बता रहा है कि अटरिया के एक निजी लॉन में भारतीय जनता युवा मोर्चा की बैठक हुई. मुख्य अतिथि क्षेत्रीय अध्यक्ष नितिन और जिला अध्यक्ष सचिन मिश्रा रहे। संगठन में प्रत्येक कार्यकर्ता महत्वपूर्ण है। संगठन के सदस्य क्षेत्र में घर-घर जाकर लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करें। इस मौके पर जिला मंत्री जयपाल शर्मा, चंद्र प्रकाश सिंह, सौरभ सिंह, दिलीप निगम समेत कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज (जयपुर) की स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं दूरबीन शल्य क्रिया विशेषज्ञ प्रो. फरेंद्र भारद्ववाज ने कहा कि बार-बार गर्भपात और गर्भाशय की टीबी से यूट्रस (बच्चेदानी) चिपक सकता है। इससे माहवारी कम अथवा समय से पहले बंद हो सकती है। इससे बांझपन हो सकता है। हालांकि इसका इलाज करके इसे सामान्य अवस्था में लाया जा सकता है।उन्होंने इंडियन एसोसिएशन ऑफ गाइनेकोलॉजिकल एंडोस्कोपिस्ट्स (आईएजीई) तथा वाराणसी आब्स एन्ड गायनी सोसायटी (वीओजीएस) की ओर से होटल ताज में आयोजित काफ्रेंस उन्होंने कहा कि यूट्रस चिकपने की अवस्था पर प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि स्त्री रोग से जुड़ी समस्याओं में करीब पांच से दस फीसदी महिलाओं में यह समस्या देखी जा रही है। इसको शुरूआती स्टेज में पहचानकर गंभीर अवस्था में पहुंचने से रोका जा सकता है। सम्मेलन में आईएजीई के अध्यक्ष डॉ पण्डित पालस्कर ने कहा कि दूरबीन से ऑपरेशन का मतलब बिना टांका का ऑपरेशन होता है। इससे बच्चेदानी की समस्या का निदान आसानी से हो जाता है। नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ अतुल गनात्रा ने कहा कि दूरबीन से ऑपरेशन अत्याधुनिक तकनीक है। यह सुविधा देश के हर नागरिक को मिलनी चाहिए। इसके लिए डॉक्टर को बेहतर प्रशिक्षण मिलना चाहिए और आधुनिक व गुणवत्तापूर्ण उपकरण होना चाहिए।

भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता लाना जरूरी है। मातृभाषा में शिक्षा अर्जन आसान और सार्थक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भी इसकी संस्तुति की गई है। बीएचयू के वाणिज्य संकाय में इग्नू के वीसी प्रो. नागेश्वर राव ने अतिथि व्याख्यान के दौरान यह बातें कहीं। वाणिज्य शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभाव विषय पर व्याख्यान में अतिथियों का स्वागत करते हुए विभाग व संकाय प्रमुख प्रो. एचके सिंह ने आत्मनिर्भर भारत अभियान और राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरक बताते हुए प्रत्येक विश्वविद्यालय को विशेष शिक्षा क्षेत्र के रूप में परिवर्तित करने का सुझाव दिया। मुख्य अतिथिं प्रो. नागेश्वर राव ने इसके बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति से किसी भी छात्र को निराशा नहीं होगी। कार्यक्रम में भारतीय शिक्षण मण्डल के डॉ. अनिल कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ही हमारी प्राचीन शिक्षा नीति है। संचालन एवं आभार ज्ञापन प्रो. अखिल मिश्रा ने किया। इस दौरान प्रो. आशा राम त्रिपाठी, प्रो. केके जायसवाल, प्रो. ओपी सिंह, प्रो. एफबी सिंह, डॉ. अवधेश आदि थे।