उत्तर प्रदेश राज्य केमिर्ज़ापुर जिला ब्लॉक कुंज से शीला देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से स्थानीय निवासी सरिता से बात किया उन्होंने बताया कि महिलाओं को भूमि का अधिकार मिलना चाहिए। समाज में आगे बढ़ने के लिए भूमि का अधिकार मिलना चाहिए
उत्तर प्रदेश राज्य केमिर्ज़ापुर जिला ब्लॉक कुंज से शीला देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से स्थानीय निवासी रेखा से बात किया उन्होंने बताया कि महिलाओं को उनका अधिकार जरूर मिलना चाहिए। अगर समाज उन्हें अधिकार देने से रोकती है तो उन्हें कानून का सहारा लेना चाहिए
उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडे ने मोबाइल वाणी के माध्यम से कोमल से बातचीत की। महिलाएं अभी भी गाँव में पिछड़ी हुई हैं। अगर उन्हें कहीं जाना है, तो वे माँ और पिता की अनुमति के बिना नहीं आ सकते। वे अपने दम पर कोई निर्णय नहीं ले सकते। अगर महिलाओं को जमीन मिलती है, तो वे अपना भविष्य बना सकती हैं, वे अपने बच्चों का भविष्य बना सकती हैं,अगर महिलाओं को जमीन मिल भी जाये तो पुरूष उन पर विश्वास नहीं करते। विश्वास की कमी के कारण पुरुष जल्द ही उनके नाम पर नहीं करते हैं , लड़कियाँ को पढ़ेंगे और लिखेंगे, तभी उन्हें अपने अधिकारों का पता चलेगा।
आज देखा जाए तो पर्यावरण तेजी से परिवर्तित हो रहा है। आने वाले समय में इसका दुष्परिणाम हो सकता है। पर्यावरण अगर संतुलित रहेगा तो आने वाली समस्या अपने आप ही रास्ता बना लेगी अगर सभी लोग पेड़ पौधे लगाए तो आने वाली समस्याओं से हम बच सकते हैं। जिससे मानव शरीर में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी इसके साथ ही हम सभी लोगों की यह जिम्मेदारी होती है। कि पेड़ लगाना ही नहीं उसे बचाना हमारा प्राथमिकता होना चाहिए
उत्तर प्रदेश राज्य से अमित शर्मा मॉविले वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता की बात कि , उन्होंने बताया की पर्यावरण मानव शरीर की आत्मा है, ऐसे में पर्यावरण की स्थिति विकराल रूप ले सकती है। विकास के कार्यों के साथ पेड़ों को अंधाधुन काटा जा रहा है ऐसे में प्राकृतिक संतुलन काफी हद तक बिगड़ रहा है। यही कारण है कि गर्मी तेज और बारिश का पता नहीं चल रहा है कहीं न कहीं पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। तो ऐसी स्थिति में हमें गंभीरता से लेना चाहिए और इसके साथ ही पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हमें एक-एक पेड़ लगाना चाहिए जिससे पर्यावरण का संतुलन बना रहे और मानव जीवन सुरक्षित रहे।
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जयपुर जिले के ग्राम पंचायत देव परमा पोस्ट बल्लीपर्मा ब्लॉक की शीला देवी हूँ, आज मैं ग्रामवाड़ी के माध्यम से उस स्तर की कुछ बहनों से बात कर रही हूँ। मीडिया चैनल के माध्यम से मैं महिला सशक्तिकरण के बारे में कुछ बातें करने जा रहा हूं। हाँ जी, आपका नाम क्या है? हां, हमें अपना नाम मिल गया है। हां, हमें अपना पर्केट मिल गया है। सबसे पहले, हमें अपना नाम मिल गया है। हम समूह से बात कर रहे हैं। ठीक है, आपके गाँव का नाम क्या है? देव परम तो दीदी ये बातिये, आज हम अपनी ग्रामवाली के माध्यम से इस मंच पर महिला सशक्तिकरण के बारे में कुछ चर्चा करने जा रहे हैं। अगर महिलाओं को भूमि का अधिकार नहीं दिया जाता है, तो मुझे बताएं कि आपको क्या मिलना चाहिए, नए समाज में कई कैदियों को उठना चाहिए या नहीं, या ये लोग कैसे आगे आए हैं। हां, अगर हम उन्हें भूमि का अधिकार देते हैं, तो उन्हें बताएं कि वे अपने परिवार को अपने जीवन में किस समस्या से आगे ले जा सकते हैं, यानी हमें अपने बच्चों को लिखना और आगे बढ़ना सिखाना चाहिए क्योंकि हम पढ़ाना, लिखना और शिक्षित करना चाहते हैं। अगर आप सब कुछ करना चाहते हैं क्योंकि आपको जमीन का अधिकार मिलेगा, तो आप अपने बच्चों को सही शिक्षा और परवरिश दे सकते हैं क्योंकि ऐसा भी होता है कि कभी-कभी गांव की महिलाओं को उनके नाम पर जमीन मिल रही है, इसलिए लोग घर में विरोध करते हैं। दूसरी ओर, सभी को करना चाहिए या न करना चाहिए या न करना चाहिए क्योंकि हम मानते हैं कि कोई आपत्ति नहीं है, कोई आपत्ति नहीं है, कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए, हमें लोगों से बात नहीं करनी चाहिए थी, इसलिए हमें मिलकर यह आवाज उठानी होगी।
पकौड़ी बानाने का काम करना चाहती हु
उत्तर प्रदेश के हाथरस में अचानक से भारी भीड़ पहुंच जाती है। तो जाहिर सी बात है की सिस्टम अस्त व्यस्त हो जाती है। लेकिन अगर जिला प्रशासन इन बातों पर ध्यान दें और उन सब चीजों को व्यवस्थित करें या अगर कोई कार्यक्रम हो रहा है तो उसे कार्यक्रम के पूर्व एक निर्धारित मापदंड बनाया जाए जिससे उसे कार्यक्रम को सफल कराया जाए ।
उत्तरप्रदेश राज्य से अमित शर्मा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक श्रोता से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाएं आज के समय में तेजी से उत्थान कर रही हैं और पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर उनके साथ चल रही है और हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान रहा है। अगर बात की जाए तो महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रिम है और वह अपने अधिकारों का प्रयोग कर रही है देखा जाए तो महिलाएं हर क्षेत्र में अपना वर्चस्व बनाए हुए हैं। चाहे वह खेल की बात कर ले ,चाहे रोजगार की बात कर ली जाए तो महिलाएं अग्रिम है।र्तमान समय में प्रशासनिक स्तर पर, जिला स्तर पर और हमारे सोशल मीडिया के माध्यम से हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान बहुत बेहतर है। आज, महिलाएं अपने प्रचार के लिए सोशल मीडिया का उपयोग कर रही हैं, जो है प्रशासन रोजगार के लिए उपयोग कर रहा है, प्रयोग कर रहा है, यानी सभी क्षेत्रों में महिलाओं का योगदान सर्वोपरि है। अगर हम अपने देश में महिलाओं की बात करें तो महिलाओं की स्थिति पहले बहुत खराब रही है। ये समय के लिए तो धीरे-धीरे परिवर्तन आता है, समय का दूसरा नाम परिवर्तन और जो है की नारियां पहले जैसी नहीं हैं जो है मोदी जी द्वारा निकाली गयी योजना पढ़े बेटिया बढ़े बेटिया के आधार पर हम सभी बेटियां आगे हैं। आने वाले समय में लैंगिक असमानता पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी, जैसे कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं, जैसे कि महिलाओं को भूमि लिखने में पहले नाम दिया जाता है, जैसे कि वे हर क्षेत्र में सबसे प्रमुख हैं। अगर हम महिलाओं को आगे नहीं ले जाते हैं, तो एक समस्या है, जैसे अगर उन्हें आगे ले जाना है, तो हमें उन्हें कई क्षेत्रों में आगे ले जाना है, जो आज राशन कार्ड में किसान का नाम है। वे जहां भी जाएँ, उनका नाम पहले आएगा, चाहे उनकी जमीन बंजर हो, उनका नाम पहले आएगा, इसमें सरकार की योजनाएं भी हैं, उन्हें बहुत छूट मिलती है, ताकि सरकार की योजनाओं का भी लगातार प्रचार हो। चाहे वह इंजीनियरिंग के क्षेत्र में हो, चिकित्सा के क्षेत्र में हो, वायु सेना के क्षेत्र में हो, लोको पायलट क्षेत्र में हो, यह धीरे-धीरे सभी क्षेत्रों में अपना वर्चस्व स्थापित कर रहा है। आप देखेंगे कि भविष्य में महिलाओं का उत्थान बहुत तेजी से होगा।