उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडे ने मोबाइल वाणी के माध्यम से कोमल से बातचीत की। महिलाएं अभी भी गाँव में पिछड़ी हुई हैं। अगर उन्हें कहीं जाना है, तो वे माँ और पिता की अनुमति के बिना नहीं आ सकते। वे अपने दम पर कोई निर्णय नहीं ले सकते। अगर महिलाओं को जमीन मिलती है, तो वे अपना भविष्य बना सकती हैं, वे अपने बच्चों का भविष्य बना सकती हैं,अगर महिलाओं को जमीन मिल भी जाये तो पुरूष उन पर विश्वास नहीं करते। विश्वास की कमी के कारण पुरुष जल्द ही उनके नाम पर नहीं करते हैं , लड़कियाँ को पढ़ेंगे और लिखेंगे, तभी उन्हें अपने अधिकारों का पता चलेगा।