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सनातन धर्म मे मकर संक्रांति सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, विज्ञान और समाज का अद्भुत संगम है। इस दिन हम अपनी परंपराओं को याद करते हैं, विज्ञान के चमत्कारों को समझते हैं और अपने जीवन को बेहतर बनाने का संकल्प लेते हैं। इस मकर संक्रांति पर अपने परिवार व आस-पास के लोगों के साथ खुशियाँ बाँटें और पतंगों की तरह ऊँचाइयों को छूने का सपना देखें। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाई जाएगी. इस दिन देश मे अलग-अलग तरीके से मकर संक्रांति पर्व लोग मानते हैं.सनातन धर्म में मकर संक्रांति का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. इस दिन स्नान दान करने के उपरांत बिहार क़े सभी घरों में दही चूड़ा, तिलकुट, लाइ एवं स्वादिष्ट विभिन्न प्रकार की सब्जी बना कर लोग खाते है. इस दिन की तैयारी के लेकर लोग अपने समर्थ के अनुसार से चुरा, लाई,तिलकुट, दूध,दही विभिन्न प्रकार के सब्जी की खरीदारी सोमवार को लोगो ने नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र क़े बजारों मे किया।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

नए साल के शुरू होते ही लोगों में उमंग भरने को पतंगों का त्यौहार आज मनाया जा रहा है। जी हाँ साथियों , भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है पतंगों का त्यौहार यानि मकर संक्रांति का पर्व । विभिन्न परम्पराओं और मान्यता के अनुसार अलग अलग जगहों में यह त्यौहार मनाने का तरीका अनोखा है।मकर संक्रांति का त्यौहार विभिन्न संस्कृति के महत्व को दर्शाता है। साथियों ,हर एक त्यौहार लोगों को करीब लाता है और आपसी प्रेम बढ़ाता है। इस त्यौहार आप सभी एक दूसरे के जीवन में गुड़ की तरह मिठास भरे और एक दूसरे की खुशियों का कारण बने। इस पावन अवसर पर आप सभी श्रोताओं को मोबाइल वाणी परिवार की ओर से मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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आयोध्या के नागाबाबा ने ब्लड डोनेट कर रचा इतिहास। छपरा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती महिला ख़ुशी देवी को श्री श्री 108 श्री ज्ञान दास जी आयोध्या हनुमान गाढ़ी के प्रधान पूजारी के उतराधिकारी श्री बाबा संजय दास जी का शिष्य सोनू जी महारज मठनपूरा गाँव निवासी व् आयोध्या हनुमान गाढ़ी का पुजारी ने ब्लड डोनेट कर एक नया इतिहास बनाया है। गर्भवती महिला को छपरा में ब्लड की जरूरत थी और उन्हें कहीं ब्लड नहीं मिल पा रहा था ऐसे में सोनू जी महाराज ने आयोध्या के लिए जा रहे थे तभी उनको ख़ुशी के परिजनों द्वारा सोनू जी महाराज को सुचना फोन द्वारा दिया गया की ख़ुशी को ब्लड के बिना अपरेसन नहीं हो पा रहा है उसके बाद सोनू जी महाराज द्वारा आयोध्या का यात्रा रोक कर अपना ब्लड देकर ख़ुशी की जान बचाये और एक नया इतिहास कायम करते हुए महिला की जान बचाई।और उनके द्वारा पत्रकारो से बातचित के दौरान उन्होंने कहा की इसके पूर्व में भी कई महिलाएं एवं पुरुष को भी ब्लड देकर उनलोगो को जीवन देने का काम किये है !और इसके आगे भी हमारा प्रयास रहेगा और जो भी ब्यक्ति असहाय एवं गरीब महिला एवं पुरुष है तो उनलोगो के लिए हमारा निरंतर प्रयास रहेगा की उनलोगो की दुःख सुख में हम हमेसा खड़ा रहेंगे !

बाबा हरिहरनाथ की पावन भूमि स्थित श्री हरिहर साई धाम सोनपुर निचली सड़क राहर दियर चौक से आगे सबलपुर के परिसर में नववर्ष के अवसर पर गुरुवार को श्री हरिहर साई धाम परिसर मे प्रातः से हीं पूजन अर्चन आरंभ है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

सोनपुर प्रखंड के अंतर्गत संबलपुर पूर्वी पंचायत के हस्ती टोला लालू प्रसाद हाई स्कूल के प्रागण में श्री भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ का शुभारंभ को लेकर गुरूवार को भारी संख्या मे गाजे बाजे के साथ श्रद्धालुओं ने बभनटोली के रास्ते कचहरी बाजार होते हुए हस्ती टोला 12 पट्टी जोगी बाबा होते हुए सोनपुर नरायणी नदी कालीघाट पहुँच कर आचार्य ब्राह्मण अमन मिश्रा के द्वारा वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ विधि विधान से गंगा पूजन कर जलभरी की गई। पुनः जलभरी के उपरांत माथे पर कलश लेकर यज्ञ स्थल पर श्रद्धालु पहुँचा। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

दुनिया के कई देशों में नया साल बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है, लेकिन इसे मनाने का तरीका हर देश में अलग होता है।

सोमवती अमावस्या पर पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिनों ने की पीपल बृक्ष की पूजा महिलाएं ने पीपल वृक्ष पर धागा बांधकर पति के दीर्घायु के लिए मांगी मन्नतें, सोनपुर। सोनपुर प्रखंड क्षेत्र के नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में सोमी अमावस्या के अवसर पर सुहागिन महिलाओं ने पीपल वृक्ष की पूजा कर अपने-अपने पति के लिए लंबी उम्र की कामना की।धार्मिक महत्व की माने तो इस अवसर पर पीपल वृक्ष की पूजा करने,उपवास रखने से भगवान वासुदेव प्रसन्न होते हैं।सोमवार को सोनी अमावस्या का मुहूर्त बना जिसके अवसर पर सुहागन महिलाएं गंगा व नरायणी नदी मे स्नान कर नये वस्त्र धारण कर बस्ती के पीपल के पेड़ के पास पहूंची और पूजा अर्चना किया। सामुहिक रूप से पेड़ के 108 फेरे लगाएं और पेड़ पर 108 बार रक्षा सूत्र लपेटकर पति के लंबी उम्र की कामना की।धर्मावलंबी मे ममता पटेल,सोनी देवी, ललिता देवी, विभा देवी, रेशमी देवी,प्रज्ञारोशन देवी, कामणी देवी सहित सैकड़ो महिलाओ ने सोनपुर धनुष कुटी आश्रम स्थित बृक्ष व पहलेजाघाट स्थित रामजानकी मंदिर स्थित पीपल बृक्ष के पूजा अर्चना करने के बाद बताया कि सोमी अमावस्या के अवसर पर जो महिलाएं इस पर्व करती हैं उन्हें रुई से बने बिछावन पर नहीं सोना चाहिए।मूली और तराजू को नही छूना चाहिए।सोमी अमावस्या के दिन काल, सर्पदोष,पितृदोष और अल्पायु दोष के निवारण के लिए पूजा की जाती है।इस दिन शनी और शंकर भगवान की पूजा की जाती है।साथ हीं इस दिन स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।धार्मिक मान्यता के अनुसार,सोमी अमावस्या के दिन पितरों के तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है।इस दिन विवाहित स्त्रियां अपने पतियों के दीर्घायु होने कामना के लिए व्रत रखती हैं।इस दिन मौन व्रत रहने से सहस्र गोदान का फल मिलता है।शास्त्रों में इसे अश्वत्थ पीपल वृक्ष प्रदक्षिणा व्रत की भी संज्ञा दी गई है। इस दिन विवाहित स्त्रियों द्वारा पीपल के वृक्ष की दूध,जल,पुष्प,अक्षत,चन्दन इत्यादि से पूजा की जाती है और वृक्ष के चारों ओर 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा करने का विधान होता है।