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भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना द्वारा रजिस्ट्री तैयार करने हेतु शिविर का आयोजन सोनपुर प्रखंड के राजस्व ग्राम भरपुरा पंचायत भवन एवं सामुदायिक भवन बाकरपुर दुधैला में दिनांक 10. 2.25 से 12.2.25 तक सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक किसान रजिस्ट्री कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। वैसे किसान जो प्रधानमंत्री किसान योजना का लाभ उठा रहे हैं ,वैसे किसानों को लगाई गई शिविर में उपस्थित होना अनिवार्य है। अगर वह इस शिविर में उपस्थित होकर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करते हैं तो वैसे किसानों को मिलने वाली लाभ से वंचित कर दिया जाएगा।

मोबाइल वाणी और माय कहानी की खास पेशकश कार्यक्रम भावनाओं का भवर में।दोस्तों, कहा जाता है कि जीवन में खुश रहना स्वास्थ्य के लिए बेहद जरुरी होता है। खुश रहने से हमारे मन मस्तिष्क में एक नई और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जो इंसान को हर पल तरोताज़ा महसूस कराता है साथ ही हमें मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहने में मदद भी करता है। आज के तनाव भरी दिनचर्या में मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना हर किसी के लिए बेहद ही महत्त्वपूर्ण है । क्यूंकि मानसिक विकार किसी की गलती नहीं इसलिए इससे जूझने से बेहतर है इससे जुड़ी पहलुओं को समझना और समाधान ढूंढना। तो चलिए फिर, आज की कड़ी में जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर खुश रहने के कौन कौन से तरीके होते हैं और इससे क्या फायदे हैं । अभी हमने सुना कि जीवन में खुश रहना क्यों जरुरी है और कैसे खुश रह सकते हैं। अब आप हमें बताएं कि आप खुद को खुश और तनाव मुक्त रखने के लिए क्या करते हैं। यानि कि आपके खुश रहने के पीछे क्या राज छिपा है ?साथ ही लोगों को अपने मन को खुश और तनाव मुक्त रखने के लिए क्या करना चाहिए ? जिससे वे किसी भी मुश्किल घड़ी का सामना आसानी से कर सके बिना किसी मानसिक दबाव के अपनी राय और प्रतिक्रिया जरूर साझा करें अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर। साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें https://www.youtube.com/@mykahaani

इंटरमीडिएट परीक्षा क़े 6 वां दिन सोनपुर के छह परीक्षा केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। प्रशासन की सतर्कता और कड़े प्रबंधन के चलते परीक्षा निष्पक्ष रही और किसी भी तरह की अव्यवस्था की सूचना नहीं मिली।

वैशाली जिले में लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने और बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए 10 फरवरी से अगले 17 दिन तक सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (आइडीए) का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा सेंटर फॉर एडवोकेसी एण्ड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में एकदिवसीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन शनिवार को किया गया।

सोनपुर स्थित श्रीगजेंद्रमोक्ष देवस्थानम नौलखा मंदिर में 26वा श्रीब्रह्मोत्सव सह श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ कलश यात्रा के साथ यज्ञ का हुआ आरंभ सोनपुर। विश्व विख्यात हरिहर क्षेत्र सोनपुर अंतर्गत प्रसिद्ध श्रीगजेन्द्रमोक्ष देवस्थानम् नौलखा मंदिर प्रांगण में 26 वां श्रीब्रह्मोत्सव सह श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ को लेकर 7 फरवरी शुक्रवार को मंदिर प्रांगण से 108 कलश के साथ कलश यात्रा सह जल यात्रा सैकड़ो महिला पुरुष श्रद्धालु भक्त द्वारा निकाली गई।इस दौरान भगवान श्री गजेन्द्र मोक्ष की जय जयकार से संपूर्ण हरिहरक्षेत्र की धरती गुंजायमान हो उठा। कलश यात्रियों ने यज्ञ स्थल की परिक्रमा कर गरुड़ देव को नमन किया। इसके साथ ही यज्ञ का विधिवत शुभारंभ हो गया। कलश शोभा यात्रा का नेतृत्व श्रीगजेंद्र मोक्ष देवस्थानम् मंदिर के पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी महराज क़े दिशा निर्देश पर सैकड़ो श्रद्धालु इस कलश यात्रा में शामिल होकर मंदिर प्रबंधक नन्दकुमार बाबा औेर मन्दिर मीडिया प्रभारी लाल बाबू पटेल क़े साथ गजेन्द्र मोक्ष मंदिर से श्रीगरुड़देव की प्रदक्षिणा व उनके आशीर्वचन प्राप्त कर बाबा हरिहरनाथ मंदिर पहुंचा जहां भगवान भोलेनाथ को नमन करते हुए मीना बाजार से सिद्घनाथ चौक ,चिड़िया बाजार होकर मुख्य सड़क मार्ग से महेश्वर चौक होते हुए श्रीगजेन्द्र मोक्ष घाट पहुंचा,जहां हरिहर क्षेत्र पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य द्वारा मंत्रोच्चारणों से जल मातृका, थल मातृका, स्थल मातृका एवं षोडशोपचार से वरुण देव का पूजन संपन्न हुआ। पूजनोपरांत देवी नारायणी की आरती की गयी। आरती के बाद कलश यात्रियों द्वारा विधिवत कलश में जलभरी कार्य संपन्न हुआ।जहा से कलश यात्रा पुनः वापस मंदिर प्रांगण पहुंची।श्रद्धालु भक्त कलश लेकर पवित्र यज्ञ वेदी की परिक्रमा की और वैदिक मन्त्रोंच्चार के साथ कलश को यज्ञ स्थल पर स्थापित किया। श्री गजेंद्र मोक्ष देवस्थानम् दिव्य देश पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी महाराज ने इस मौके पर जल यात्रा के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आध्यात्मिक जगत में किसी भी अनुष्ठान यज्ञादि करने के लिए सर्वप्रथम जल यात्रा किया जाता है। उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है।गर्भाधान से अंत्येष्टि पर्यन्त जल की आवश्यकता है। बिना जल के न गर्भाधान और न ही अंत्येष्टि क्रिया का संपादन किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि मानवोचित संस्कारों को सुसंस्कृत बनाने के लिए वरुण पूजा आवश्यक है। जल ही प्राण है। जल हीं ईश्वर है। अपवित्र हो या पवित्र सबको पवित्र करने की क्षमता जल में ही है।इस अवसर पर यज्ञके मुख्य यजमान दिलीप झा,भोला सिंह, सुधांशु सिंह, रतन कुमार कर्ण, फूल देवी,निलीमा,गायत्री शुक्ल,कुसुम देवी सहित सैकड़ों भक्तगण सम्मिलित हुए। साथ हीं देवस्थानम् के युवराज स्वामी लक्ष्मीनारायण जी भी पूर्ण श्रद्धापूर्वक शोभायात्रा में शामिल हुए।उपर्युक्त अवसर में शामिल हुए सभी श्रद्धावान को महाप्रसाद खिलाया गया।देर रात्रि में मानर पूजन, मृत्तिका हरण और अंकुरा रोपण का आयोजन किया गया।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा रबी मौसम की सब्जियों के लिए सलाह दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .

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