मोबाइल वाणी के सभी श्रोताओं को नमस्कार गीता । आज हमारे साथ ईश्वरपुर प्रखंड के अजीतपुर गाँव की एक बहन जुड़ी हुई है , जिसे हम बताना चाहते हैं कि माँ का दूध क्या है । माँ के दूध से लाभ होता है । दूध का पहला प्याला बच्चे के लिए अमृत की तरह होता है । इसे खिलाया जाना चाहिए । जन्म से छह महीने तक बच्चे को पानी की एक बूंद के अलावा केवल मां का दूध देना चाहिए ।
नमस्कार , मैं शोता सारण जिले के दखवार का अजय कुमार हूँ । आप सुन रहे हैं कि सरन मोबाइल वाणी प्रस्तुत की गई है । शाम की सुर्खियाँ देवर में सरन एक्सपोर्ट नवल का देवर नगर में एक रंगीन शुभारंभ है । सारण स्पोर्ट्स कॉर्नवाल खेल महोत्सव का औपचारिक उद्घाटन रविवार को स्थानीय रामजंगल स्किंटर महाविद्यालय के खेल परिसर में प्रसिद्ध चिकित्सा बहा वासु संघ के अध्यक्ष डॉ . अनमोल सिंह अनमोल ने किया । जिला खेल अधिकारी डॉ . मोहम्मद समीर जनस्वराज , जिला अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह , डॉ . पंकज कुमार सिंह , डॉकर जयप्रकाश मुखिया संघ के अध्यक्ष अजीत संजीत कुमार सिंह , उपाध्यक्ष पप्पु सिंह । प्रचार चंद्रशेखर रोशन कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित करते हुए कहा कि यह पहली बार है जब दखवाड़ा में इस तरह का खेल महोत्सव आयोजित किया जा रहा है जिसमें एक ही समय में कई खेल चल रहे हैं । सारण जिले के लगभग सोलह विद्यालयों ने खेल महोत्सव में भाग लिया है । खेल कॉर्नवाल कबड्डी , खो - खो , मुक्केबाजी , किक - बॉक्सिंग , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - खो , खो - देर शाम तक खेल चलता रहा । इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आलोक दुबे , सुब्रत पीयूष , अंशु कुमार , विकास कुमार , सोनू कुमार अहमद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे । हिमांशु दुबे राजस्वी निशांत कुमार और सुभम कुमार ने इस अवसर पर शशि भूषण सिंह प्रो सुनील कुमार सिंह कन्हैया प्रो कन्हैया सिंह सुजीत कुमार सोनी कुमार की भूमिका में योगदान दिया ।
चाहे आप गीता पढ़े या कुरान , हमारे सीने में सदा हिंदुस्तान होना चाहिए--साक्षी सोनपुर । यही आगाज यही अंजाम होना चाहिए ,वतन पर मिटने वाली को यही अरमान होना चाहिए ,चाहे आप गीता पढ़े या कुरान , हमारे सीने में सदा हिंदुस्तान होना चाहिए उक्त बातें गणतंत्र दिवस झंडों तोलन समारोह के दौरान सोनपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत भरपुरा पंचायत भवन पर साक्षी कुमारी ने संबोधित करते हुए यह भी कही कि हम जानते है कि 26 जनवरी 1950 को भारतिय संविधान लागु हुआ था यदि आज हम सम्प्रभु और स्वतंत्र हैं तो उन वीर जवानों के कुर्वानी व त्याग के कारण आज हमारे लिए उन शहीदों और संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता भावांजली देने का दिन है । भारत के संविधान में सबको समान शिक्षा ,भेदभाव रहित, समान अवसर ,सबका साथ सबका विकास के अवसर प्रदान किए हैं। हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जिसे बनाने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे थे। बाबा भीमराव अम्बेडकर, डॉ० राजेन्द्र प्रमाद , डॉ हरि सिंह गौर जैसे अनेक विद्वानों के अथक परिश्रम की बदौलत यह जनकल्याणकारी संविधान हमें मिला हैं। इसका हमके हरदम सम्मान करना चाहिए। प्रायः यह देखा जाता है कि लोग अपने मौलिक अधिकारों की तो वकालत करते हैं परन्तु जब कर्तव्य पालन की बारी आती है तो मानो उन्हें साप सूंघ जाता है ऐसी मानसिकता देश के लिए घातक है। आजादी के बाद हमारे देश ने हर क्षेत्र में उपलब्धि हासिल की है जिसका तरोताजा उदाहरण चंद्रयान मिशन है लेकिन अफसोस है कि आज का मनुष्य तो चांद पर तो पहुंच गया परन्तु धरती पर रहने का कायदा नहीं सीख पाया जिसका परिणाम यूक्रेन और रूस का महायुद्ध है। अयोध्या में रामलाल का प्राण प्रतिष्ठा तो हो गया हम लोगों ने मिलकर दीपावली भी मनाए लेकिन यह सब करने से हम सब राम भक्त नहीं बन सकते। हम राम भक्त तब बनेंगे जब उनके आदर्श उनके मार्गदर्शन पर चलकर ईमानदारी पूर्वक कर्तव्य निष्ठा के अहिंसा के साथ अपने कार्यो का निर्वाहन करें तभी रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा का सही महत्व होगा। क्या हुआ जो मैं हिंदू और तुम मुसलमान है ,मैं भी इंसान तू भी इंसान है , अगर हम आपस में रूठते रहे तो , देश कैसे चलेगा , हम दोनों पहिए है एक गाड़ी के, जिसका नाम हिंदुस्तान है । धरती मां की रक्षा के लिए हर भारतवासियों को त्याग और बलिदान करने की जरूरत है। आज हमारे देश में अनेक समस्याएं हैं लेकिन उन समस्याओं का निदान सही तरीके से नहीं हो रहे हैं ।जिसके कारण आज भारत में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और एक -दूसरे के प्रति नफरत फैला कर कूटनीति की राजनीतिक हो रही है ।ऐसे लोगों से सावधान होकर अपने देश की रक्षा के लिए सदैव एक- दूसरे में प्रेम भाव बनाकर रहे तभी हमारा समाज, हमारा राज्य ,हमारा देश विकसित हो सकता है।
मेरा नाम राधिका है । मैं आपको छोटे बच्चों के बारे में कुछ बताना चाहता हूं । माँ के दूध में बहुत सारा पानी होता है , इसलिए बच्चे को अतिरिक्त पानी दें । यह जरूरी नहीं है कि गर्मी के दिनों में भी अगर बच्चे को केवल मां का दूध पिलाया जा रहा हो और वह चौबीस घंटे में कम से कम छह बार बात करे , तो उसे समझना चाहिए कि उसके पास मां का पर्याप्त दूध है । दूध मिल रहा है , अगर वह छह बार पेशाब नहीं करता है , तो उसे मां का दूध अधिक बार देना चाहिए , अगर बच्चा सोता है और ठीक से खेलता है , तो यह समझना चाहिए कि उसका पेट भर रहा है , नहीं तो उसे अधिक दूध दिया जाना चाहिए । अधिक से अधिक बच्चों को मां का दूध दिया जाना चाहिए ।
दिघवारा प्रखंड से अजय कुमार कि रिपोर्ट। अधिक जानकारी हेतु क्लिक करें या डाउनलोड करें।
मोबाइल बानी सुनने वाले सभी श्रोताओं को रीता का नमस्कार आज हम मश्रथ प्रखंड से बोल रहे हैं आज हम गाँव से बोल रहे हैं आज हम सभी दीदी से जुड़े हुए हैं । प्रसव पूर्व जाँच में कौन सी आवश्यक सुविधाएँ दी जाती हैं जैसे प्रसव , माताओं का रहना , बहनों की शारीरिक जाँच , हम शारीरिक जाँच कैसे करेंगे ? प्रत्येक परीक्षण के समय आँख , जीभ , नाखून , पैर की जाँच , रक्तचाप जाँच , रक्तचाप जाँच , गर्भवती महिला का वजन लिया जाता है । शादी के समय कम से कम दस से बारह किलोग्राम वजन बनाया जाना चाहिए । आंगनवाड़ी केंद्र में , सभी माताएँ अपना मातृ और बाल संरक्षण कार्ड बनाती हैं और गर्भावस्था के दौरान टी . टी . की दो प्रतियाँ बनाने के लिए वहाँ जाती हैं । टीके दिए जाते हैंः पहला टीका भ्रूण का पता लगाता है , इसके एक महीने बाद भ्रूण के लिए सटीक जोखिम निर्धारित करने के लिए रक्त और मूत्र परीक्षण किया जाता है । आयरन की गोलियाँ गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान एक स्व - प्रशासित आयरन की गोली लेनी चाहिए कुपोषण गर्भवती महिलाओं को सामान्य रूप से दिन में एक बार अतिरिक्त भोजन करना चाहिए , दस में से पाँच ।
मोबाइल सुनने वाले सभी श्रोताओं को रीटा का नमस्कार आइए आज एक कमजोर नवजात शिशु की देखभाल के बारे में जानते हैं ऐसे कमजोर नवजात शिशुओं की पहचान कैसे करें शिशुओं का वजन दो किलोग्राम से कम होता है उन्हें कमजोर कमजोर नवजात शिशु कहा जाता है । यदि नवजात शिशु जन्म से ही माँ का दूध नहीं पी रहा है तो वे नवजात शिशुओं की श्रेणी में आते हैं ।
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