Transcript Unavailable.

32 दिनों तक लगने वाली सोनपुर मेले के सरकारी विधिवत समापन 14 दिसंबर 24 के होने के बाद भी यहां के सरकारी भूमि पर दुकान लगाए दुकानदारों और फेरी वालों से जबरन रुपए वसूली हो रही है. इस खबर को शनिवार को मोबाईल वाणी पर खबर प्रसारित किया गया था. इसकी जनकारी स्थानीय प्रशासन को मिलते ही वसूलने करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की . उक्त बातें सोनपुर एसडीओ आशीष कुमार ने मेले के दुकानदारों से अपील किया कि यदि उनसे भूमि किराया के नाम पर जबरन रुपये वसूलने आता है तो वह कतई नहीं दें और इसकी तत्काल लिखित या मौखिक सूचना प्रशासन को दें। एसडीओ ने बताया कि सरकारी स्तर पर हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले का समापन 14 दिसंबर को ही किया जा चुका है। इसके बावजूद मेले के दुकानदारों से जबरन रुपये की वसूली की जा रही है। ऐसा करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। मालूम हो कि मेला समापन के 15 दिनों बाद भी मेले में बड़ी संख्या में दुकानें सजी है, जहां खरीदारों के अप्रत्याशित भीड़ उमड़ रही है। यह भीड़ मेला दर्शको की नहीं, बल्कि केवल खरीदारों की है। अभी मेले में आवश्यकता की वस्तुओं की बड़ी संख्या में दुकानें सजी हुई हैं। लोग अपने समर्थ और जरूरत के सामान् खरीदारी कर रहे हैं. अभी भी मेले में ऊनि कपड़े, घरेलू समानों, श्रृंगार के सामान, फर्नीचर के दुकान सहित सैकड़ो दुकान खुली हुई है. जहां लोग जमकर खरीदारी कर रहे है।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

अटल बिहारी वाजपेयी कालजयी पुरुष थे। जिन्होंने भाजपा को शून्य से शिखर तक पहुंचने में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया। उक्त बातें प्रोफेसर डॉ अजीत कुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशताब्दी समारोह की पूर्व संध्या पर आयोजित "अटल की विराट छवि" गोष्ठी में कहा। इस मौके पर उपस्थित लोगों ने डॉ अजीत कुमार के नेतृत्व में अटल बिहारी वाजपेई के चित्र पर पुष्प चढ़कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। शताब्दी समारोह प्रो डॉ अजीत कुमार के अध्यक्षता में की गई जबकि संचालन इंजीनियर राजीव कुमार ने किया। जनशताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए डॉ अजीत कुमार ने कहा कि आग और पानी का कब और कैसे इस्तेमाल करना चाहिए ।यह कला अटल जी कूट-कूट कर भरा था। पोखरण में परमाणु परीक्षण कर उन्होंने संदेश दे दिया था कि भारत दोस्ती का तलबगार है ,पर कभी झुकेगा नहीं, ,। कंधार कारगिल और संसद पर हमले के बावजूद उन्होंने समझौता की कोशिश नहीं छोड़ी और अटल जी अपनी आलोचनाओं की ओर, नहीं अपने लक्ष्य की ओर देखते थे। यही वजह था कि अटल जी विरोधियों के भी दिल में राज करते थे।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.